हड़ताल के दूसरे दिन भी कर्मचारियों का शत-प्रतिशत प्रतिसाद
संभाग के पांचों जिले में शिक्षक आघाडी का सक्रिय समर्थन
![](https://mandalnews.com/wp-content/uploads/2023/03/Untitled-3-10.jpg)
‘फडणवीस अंकल मेरी मां को पेंशन दो’ बालक ने लगाई गुहार
अमरावती / दि. १५- राज्य सरकारी मध्यवर्ति संगठन द्वारा १४ मार्च से शुरु हड़ताल को अमरावती संभाग के अमरावती, अकोला, बुलडाणा, यवतमाल और वाशिम में पूर्व शिक्षक विधायक प्रा.श्रीकांत देशपांडे के शिक्षक आघाडी संगठन ने सक्रिय सहभाग दर्ज कर अपना समर्थन दिया. इस हड़ताल से संभाग के पांचो जिले के ५ महानगर और ५६ तहसील में सभी ६ जिलाध्यक्ष, ५६ तहसील अध्यक्ष व अन्य विभागीय, जिला, तहसील समेत अन्य कर्मचारियों ने अपने-अपने स्थानीय स्तर पर सरकारी, अर्धसरकारी, शाला-महाविद्यालय, स्वास्थ्य केंद्र, तहसील कार्यालय, जिला परिषद शाला, पंचायत समिति, सार्वजनिक लोकनिर्माण विभागीय, कृषि भूमि अभिलेख, दुय्यम निबंधक, जिलाधिकारी कार्यालय, विभागीय आयुक्त कार्यालय, महानगरपालिका, नगर परिषद, नगर पंचायत व अन्य कार्यालय लगभग शत-प्रतिशत बंद रखे गए. नई पेंशन योजना बंद कर पुरानी पेंशन योजना तत्काल शुरु की जाए इस मुख्य मांग को लेकर राज्यव्यापी हड़ताल का ऐलान पुरानी पेंशन योजना संगठन ने करने के बाद अमरावती शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व विधायक प्रा.श्रीकांत देशपांडे ने अपने शिक्षक संगठन का पत्र देते हुए समर्थन देकर सभी पदाधिकारी व कर्मचारियों को उपस्थित रहने का आश्वासन दिया था. अमरावती में विभागीय अध्यक्ष विलास राऊत, विभागीय प्रसिद्धि प्रमुख रवींद्र मनकर्णाबाई रामकृष्ण सोलंके, कास्ट्राईब अध्यक्ष नाशिक भगत, महिला प्रमुख नीता गहरवाल, जिला अध्यक्ष निलेश देशमुख, कार्याध्यक्ष नीलेश पारडे, तहसील अध्यक्ष हर्षवर्धन बोके, सुनील जीवतोडे, अमोल तट्टे, मनोज देशमुख, अनिल जीवतोडे, संजय ठाकरे, सुभाष पवार, अमोल महात्मे, विजय झुडपे, नांदुरकर, आशीष विधाते, संजय मालध्ाुरे, सुधाकर खडसे, अजय देशपांडे, मनिष वालके, सचिन रवाले, निलेश घुणारे, विनीत ढोले, गजानन जाधव, प्रशांत पडोले, जिरापुरे, सुनील चव्हाण, ज्ञानेश्वर तेंडुलकर, दीपक अंबरते, संजय जिरापुरे, विलास बेठेकर आदि पदाधिकारी हडताल में सहभागी हुए.
हड़ताल जारी रहेंगी
अगर नई पेंशन योजना इतनीही अच्छी और कर्मचारी हित की है तो सरकार ने २००५ में निर्वाचित विधायक और सांसदों को भी पुरानी पेंशन योजना बंद कर नई पेंशन लागू की जाए. शिक्षकों को जब तक पेंशन का लाभ नहीं मिलता तब तक हडताल शुरु रहेंगी.
– रवींद्र सोलंके,
प्रसिद्धी प्रमुख, शिक्षक आघाडी