अमरावती

सीताफल की आवक कम होने से बाजार में 100 रु. किलो दाम!

रबडी के लिए मगज का इस्तेमाल गावरान सीताफल की आवक हुई कम

अमरावती/दि.3- जिले के शिराला, पुसदा, अंजनगांव सुर्जी, परतवाड़ा, चांदूर बाजार आदि भागों में बड़े पैमाने पर सीताफल की बुआई की जाती है. हवामान के अनुसार यहां के सीताफल स्वाद में मीठे होने के कारण दूसरे जिलों में भी इसकी काफी मांग है. इस कारण शुरुआत से कीमत भी अच्छी मिली है. फिलहाल आवक कम होने से कुछ ही व्यापारियों के पास वह बिक्री के लिए उपलब्ध होने से सीताफल की कीमत 100 रुपए प्रति किलो तक पहुंची है.
सीताफल यह जंगली फल होकर इसमें का लोह शरीर के लिए अत्यंत उपयोगी होने से सिजन में इस फल का सेवन करने पर शरीर को आवश्यक घटक मिलता है. जिसके चलते मांग बढ़ी है. बाजार में भी उपलब्ध होने से नदी किनारे के गांव के किसान खेतों में सीताफल की बुआई कर बड़े पैमाने पर उत्पादन ले रहे हैं. शहर की बाजार समिति की सब्जी मंडी में आस पड़ोस के गांव देहातों के किसान सीताफल बेचने के लिए लाने से शहर में नवंबर आखिर तक गावरान सीताफल की आवक रही.

गोल्डन सीताफल की राज्य से बाहर मांग

बड़े आकार के 80 ग्राम वजन के और अंदर अधिक मगज वाले गोल्डन सीताफल बाजार में दिखाई दे रहे हैं. इसका उत्पादन विशिष्ट किसानों के ही खेत में होने से उत्पादन कम होता है. इससे आइस्क्रीम, रबड़ी बनाई जाती है.जिसके चलते इसकी मांग की जा रही है.

 गावरान सीताफल

पुसदा, शिराला भाग की पूर्णा नदी पात्र में सीताफल के पेड़ बड़े पैमाने पर लगाये गए हैं. ये फल अत्यंत मीठे होकर शीघ्र ही बार आने से नवंबर में संपुष्ट में आते हैं. अधिक बारिश होने से उत्पादन कम हुआ, जिससे देर तक बाजार में आने वाले इस फल की आवक निरंक है.

 दिसंबर आखिर तक मिलेंगे

1. गावरान सीताफल अक्तूबर माह तक बाजार में आये. अब गोल्डन सीताफल बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध होने लगे हैं. व्यापारियों का कहना है कि दिसंबर के मध्य तक वे बाजार में बिक्री के लिए लाये जा सकेंगे.
2. बाजार में सीताफल की मांग को ध्यान में रखते हुए किसान भी बुआई के लिए आगे आये हैं. फिलहाल बाजार में 40 से 60 रुपए प्रतिकिलो दाम है. खुले बाजार में मात्र 100 से 120 रुपए दाम मिल रहे हैं.
3. विवाह समारोह में रबडी, बासुंदी सीताफल के गर से बनाई जाने के गोल्डन सीताफल की मांग बढ़ रही है.

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