अमरावतीविदर्भ

वर्ष २००५ से अब तक जिले में पाए गए १ हजार कोबरा सांप

१० हजार से अधिक विविध प्रजातियों के सांपो को पकडा

प्रतिनिधि/दि.२५
अमरावती-पूरे देश में सांपों की ३८५ प्रजातियां पायी जाती है. इन सांपों की प्रजातियों में जहरीले संापों की प्रजातियों में कोबरा, मनियार, वायपरस्नेक, फुरसा घोनस का समावेश होता है. इसके अलावा उल्क स्नेक, क्रकेटिकिलबैक, रेट स्नेक, कामन ट्रिकेंट स्नेक, ग्रीन ग्रास सहित अन्य बगैर जहरीले संाप भी पाए जाते है. सांप हमेशा से ही किसानों के और इंसानों के मित्र कहलाए जाते है. फिर भी मनुष्य इनसे डरता है और सांपों को मार डालता है. समाज में सांपों को जीवनदान देने काकार्य सर्पमित्र करते नजर आ रहे है. इस कडी में बडनेरा के केयर आर्गनाइजेशन गु्रप की ओर से वर्ष २००५ से विविध प्रजातियों के सांपो को पकडकर जीवन दान देने का काम किया जा रहा है. बडनेरा केयर आर्गनाइजेशन ग्रुप का यह सिलसिला निरंतर और निस्वार्थ रुप से चल रहा है. अब तक इस ग्रुप के सर्पमित्रों ने १ हजार जहरीले प्रजाति के कोबरा सांपों को पकडकर जीवन दान दिया है. यही नहीं तो ११ अजगर व १० हजार से अधिक अन्य प्रजातियों के सांपो को पकडकर जंगल में सुरक्षित छोडने का काम किया है. यहां बता दे कि, पूरे देश में ३८५ प्रजातियां है इनमें से सबसे खूंखार व जहरीली चार सांपो की प्रजातियां है. इनमें कोबरा, मन्यार, वायपर स्नेक, फुरसा सांप, का समावेश है. इनमें भी सबसे ज्यादा जहरीला सांप कोबरा होता है. इस सांप के दंश से मनुष्य की पलभर में ही मृत्यु हो जाती है. कोबरा प्रजाति के सांप ज्यादातर जंगल क्षेत्र में रहते है. लेकिन जैसे जैस जंगल क्षेत्र को काटकर वहां पर बस्तियां बनती जारही है वैसे-वैसे कोबरा सांप भी बस्तियों का रुख कर रहे है. जंगल क्षेत्र से सटी बस्तियों में कोबरा प्रजाति के सांप निकलते जा रहे है. इस वर्ष आर्गनाइजेशन के सर्पमित्रों ने ५०० कोबरा प्रजाति के सांपो को पकडकर जंगल में सुरक्षित छोड दिया है. वहीें आर्गनाइजेशन के पदाधिकारियों ने बताया कि,वर्ष २००५ से आर्गनाइजेशन के सर्पमित्रों द्वारा १ हजार कोबरा प्रजाति के सांपों को जीवनदान देने का काम किया है. उन्होंने बताया कि, बडनेरा की जूनी, नई बस्ती, एमआयडीसी क्षेत्र, साईनगर, दाभा, बेलोरा, जूनूना, जावरा, चोर माउली, नांदगांव खंडेश्वर इन इलाकों से कोबरा सांपो को पकडकर उनको जीवनदान देने का काम किया गया है. यही नहीं तो अन्य बगैर जहरीले प्रजातियों के १० हजार से अधिक सांपों को आर्गनाइजेशन के सर्पमित्रों ने वर्ष २००५ से जीवनदान दिया है. इतना ही नहीं तो सांपों की जहरीली प्रजातियों में शुमार मन्यार प्रजाति के चार सांप, रसैल वायपर प्रजाति के पांच व फुंरसा सांप प्रजाति के एक सांप को पकडा गया है. फुरसा सांप की प्रजाति पहाडी क्षेत्रों में पायी जाती है और यह सांप काफी दुर्लभ होते है. यह सांप भी काफी कम मात्रा में पकडे जाते है.
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१२ अजगरों को अब तक दिया गया जीवनदान
बडनेरा केयर आर्गनाइजेशन ग्रुप की ओर से बीते वर्ष से अब तक १२ अजगरों को जीवनदान दिया गया है. पहली बार अमरावती क्षेत्र में १२ फुट लंबाई का अजगर २२ जनवरी को पकडा गया था. इस अजगर को सर्पमित्रों ने जीवनदान देकर वनविभाग के दायरे में आने वाले जंगल क्षेत्र में छोड दिया था. इसी तरह विगत १ जुलाई को भी सर्पमित्रों ने ६ फुट लंबाई वाले अजगर को जीवनदान दिया है. वर्ष २०१९ में सबसे ज्यादा ९ अजगरों को अमरावती सहित बडनेरा के आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों से पकडा गया है.वहीं इस वर्ष अब तक दो ही अजगरों को जीवनदान दिया गया है.

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