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101 रांजन में रोज 10 हजार लीटर पानी लगता है

रोजाना लगभग 25 हजार लोगों की प्यास बूझती है

* 33 वर्षों से अविरत जलसेवा
* 80 सेवाधारी देते है नियमित सेवा
अमरावती/दि.8- जिला मध्यवर्ती बस डिपो में विगत 33 वर्ष से जलसेवा दे रहे सितारामदास बाबा पानपोई ट्रस्ट द्बारा इस वर्ष भी 101 रांजन के माध्यम से जलसेवा की जा रही है. रोजाना 10 हजार लीटर पानी से लगभग 25 हजार से अधिक लोगों की प्यास बुझाने का सराहनीय काम सितारामबाबा पानपोई ट्रस्ट द्बारा किया जा रहा है. ग्रिष्मकाल में तपती धूप व गर्मी से परेशान यात्रियों के लिए सितारामदासबाबा पानपोई ट्रस्ट वरदान साबित हुई है. यहां से यात्रियों को बोतल में भरकर भी पानी की सेवा दी जाती है. जिसके लिए 10 हजार से अधिक पानी के बोतलों की व्यवस्था ट्रस्ट द्बारा की गई है. जिले की सबसे बडी पानपोई रहने का सम्मान इस पानपोई को जाता है.
33 वर्ष पहले संत सितारामदासबाबा की प्रेरणा से झुलेलाल मंदिर रायली प्लॉट द्बारा स्व. बाबूजी चून्नीलालजी मंत्री ने इस पानपोई की शुरुआत की. जिसके बाद से हर वर्ष के ग्रिष्मकाल में पानपोई द्बारा जलसेवा की जा रही है. वर्तमान में इस पानपोई के संचालक गोपालदास रामविलासजी राठी ने बताया कि, सितारामदासबाबा पानपोई में 80 से अधिक सेवाधारी अपनी नित्य जलसेवा दे रहे है. यह पानपोई 24 घंटे जलसेवा में कार्यरत है. सितारामदासबाबा पानपोई ट्रस्ट के माध्यम से इस पानपोई का संचालन किया जाता है. हर वर्ष गुढी पाडवा से 30 जून तक यह पानपोई लगती है.
मध्यवर्ती डिपो में कार्यरत यह सबसे बडी पानपोई रोजाना हजारों लोगों की प्यास बुझाने का काम कर रही है. जलसेवा ही सबसे बडा पुण्य कर्म है. यह संदेश सितारामदासबाबा ने दिया. सुश्री अलकाश्रीजी ने इस संदेश को आगे बढाते हुए बाबूजी चून्नीलाल मंत्री के माध्यम से जलसेवा उपक्रम शुरु कराया. जिसे अब गोपालदास राठी आगे चला रहे है. विगत 9 वर्ष पहले सुश्री अलकाश्रीजी ने उन्हें यह जिम्मेदारी स्विकारने को कहा था. जब से लेकर अब तक वे इस जिम्मेदारी का पूरी निष्ठा से निर्वहन कर रहे है.
इस पानपोई पर आने वाले खर्च की जिम्मेदारी सितारामदासबाबा पानपोई ट्रस्ट द्बारा उठाई जाती है. स्व. बाबूजी चून्नीलालजी मंत्री ने इसके लिए बैंक में धनराशी जमा करायी है. हर साल ट्रस्ट का ऑडिट किया जाता है. हर वर्ष 90 दिन के लिए लगने वाले इस सबसे बडे पानपोई के लिए हर वर्ष 101 रांजन खरीदे जाते है. मजिप्रा के नल कनेक्शन के माध्यम से इन रांजनों में पानी भर कर उसे 4 बार फिल्टर कर ठंडा करने के बाद लोगों को पिलाया जाता है. विगत वर्ष कोरोना काल में भी ट्रस्ट द्बारा कोरोना नियमों का पालन कर जलसेवा दी थी. यदि मध्यवर्ती बस डिपो में यह पानपोई कार्यरत नहीं रहती, तो फिर डिपो में आने वाले जिले भर के हजारों यात्रियों की प्यास बुझाने के लिए पानी का प्रबंध करना मुश्किल हो जाता, ऐसा मध्यवर्ती बस डिपो के अधिकारियों ने बताया.

* जल्द राजापेठ बस डिपो में लगेगी पानपोई
संत सितारामदासबाबा पानपोई ट्रस्ट के गोपालदास राठी ने बताया कि, आगामी कुछ दिनों में शहर के राजापेठ बस डिपो में भी सितारामदासबाबा स्मृति पानपोई शुरु होने जा रही है. अशोक मंत्री इस पानपोई का संचालन देखेंगे. उसी प्रकार गाडगे नगर में भी सितारामदासबाबा पानपोई शुरु की जा रही है.

* 4 बार फिल्टर होता है पानी
संत सितारामदासबाबा पानपोई के लिए महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण द्बारा स्वतंत्र नल कनेक्शन उपलब्ध कराया गया है. हर वर्ष 90 से 120 दिनों के लिए लगने वाले इस सबसे बडे पानपोई को लगने वाले पानी का बिल ट्रस्ट द्बारा अदा किया जाता है. सबसे पहले मजिप्रा के नल से आने वाले पानी को पहले चरण के तहत रांजन में छाना जाता है, उसके बाद अगले तीन चरण में इस पानी को फिल्टर कर चौथे चरण में शितल व फिल्टर पानी लोगों को पिलाया जाता है. लोगों को पानी पिलाने के लिए 80 से अधिक सेवाधारी अपनी नित्य जलसेवा देते है. इनमें से कुछ सेवाधारियों को ट्रस्ट द्बारा मानधन अदा किया जाता है.

* हर वर्ष नये रांजन की खरीदी
ट्रस्ट द्बारा बताया गया कि, इस सबसे बडे प्याउ के लिए हर वर्ष 101 नये रांजन खरीदे जाते है. हर वर्ष पुराने रांजन लोगों को आवश्यकता अनुसार वितरित कर नये वर्ष के लिए नये रांजन की खरीददारी की जाती है. ट्रस्ट के गोपालदास राठी ने बताया कि, ट्रस्ट के पदाधिकारियों की भागीदारी तथा लोगों से मिलने वाले दान से इस सितारामदासबाबा पानपोई का संचालन चलता है. विगत 33 वर्ष से जलसेवा में कार्यरत यह पानपोई ट्रस्ट आगे भी इसी तरह जलसेवा देने का संकल्प भी ट्रस्ट के सभी पदाधिकारियों ने व्यक्त किया.

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