हिंदी की परीक्षा में 101 विद्यार्थी रहे गैरहाजिर
जिले में अंग्रेजी के साथ ही हिंदी के पर्चे में नकल नहीं
अमरावती/दि.24 – जिले में विगत मंगलवार से कक्षा 12 वीं की बोर्ड परीक्षा शुरु हुई है. यह परीक्षा भयमुक्त व नकल मुक्त वातावरण में हो, इस हेतु जिला प्रशासन द्बारा सुक्ष्म नियोजन किया गया है. जिसके परिणाम स्वरुप अंग्रेजी विषय की परीक्षा के दौरान अमरावती जिले में नकल से संबंधित एक ही मामला दर्ज करने की नौबत नहीं आयी. साथ ही साथ 22 फरवरी को हुई हिंदी की परीक्षा भी पूरी तरह से नकलमुक्त रही. वहीं हिंदी की परीक्षा के समय 101 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे.
बता दें कि, 21 फरवरी से शुरु हुई कक्षा 12 वीं की परीक्षा के साथ-साथ आगामी 2 मार्च से शुरु होने वाली कक्षा 10 वीं की परीक्षा को पूरी तरह नकल मुक्त रखने के लिए राज्य सरकार के शालेय शिक्षा विभाग से प्राप्त उपाय योजनाओं के निर्देेशों के मद्देनजर जिला प्रशासन ने भी परीक्षाओं को नकलमुक्त रखने हेतु बेहद कडे कदम उठाए है. जिसके तहत प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर राजस्व विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के बैठे पथक को तैनात किया गया. साथ ही परीक्षा केंद्र परिसर में पुलिस कर्मचारी भी तैनात किए गए है. इसके अलावा प्रत्येक विभाग प्रमुख के नेतृत्व मेें उडन दस्तों की परीक्षा केंद्रों पर कडी नजर है. इस तरह के नियोजन के बीच कक्षा 12 वीं की परीक्षा शुरु हुई. जिसके तहत मंगलवार को अंग्रेजी विषय का पहला पेपर हुआ और कल गुरुवार को हिंदी विषय की परीक्षा हुई. इन दोनों ही परीक्षाओं के समय अमरावती जिले में नकल से संबंधित कोई मामला सामने नहीं आया.
* शिक्षक महासंघ व विजुक्टा ने किया उत्तर पुस्तिकाओं की जांच का बहिष्कार
वहीं महाराष्ट्र राज्य कनिष्ठ महाविद्यालयीन शिक्षक महासंघ व विजुक्टा ने इस वर्ष कक्षा 12 वीं की उत्तर पुस्तिकाओं को जांचने के काम का बहिष्कार करने की घोषणा की है. इससे संबंधित पत्र राज्य के शिक्ष मंत्री को दिया गया है. जिसमें कहा गया है कि, जब तक शिक्षक महासंघ से चर्चा होकर कनिष्ठ महाविद्यालयीन शिक्षकों की समस्याओं का निराकरण नहीं होता तथा जब तक महाविद्यालयीन शिक्षकों व कर्मचारियों की मांगों को सरकार द्बारा पूर्ण नहीं किया जाता, तब तक उत्तर पुस्तिकाओं की जांच व इससे संबंधित कोई भी कार्य कनिष्ठ महाविद्यालयीन शिक्षकों द्बारा नहीं किया जाएगा. अत: कनिष्ठ महाविद्यालयीन शिक्षकों के साथ उत्तर पुस्तिकाओं की जांच को लेकर कोई जोरजबर्दस्ती न की जाए.