इंधन के अभाव में 102 रुग्णवाहिका के पहिए रुके
गर्भवती माता और बालकों को अस्पताल पहुंचाने हो रही परेशानी

अमरावती/दि.28– गर्भवती माता की प्रसूति और प्रसूति के पूर्व निदान तथा 5 साल तक बालकों की जांच के लिए शासन द्वारा 102 नंबर पर फोन कर एम्बुलेंस मंगवाने की सुविधा उपलब्ध कर दी है. इसका लाभ गरीब और अस्पताल से लंबी दूरी पर रहने वाले परिवार को लेके आता है. अस्पताल में लाने-ले जाने के लिए इस वाहन का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन पिछले पांच दिनों से इंधन के अभाव में यह रुग्ण वाहिका एक ही स्थान पर खडी है. इस कारण गर्भवती माता और बालकों को अस्पताल में पहुंचने के लिए अपने खर्च से अन्य साधनों का इस्तेमाल करना पड रहा है.
अमरावती जिले में धारणी और चिखलदरा यह आदिवासी बहूल क्षेत्र है. मेलघाट क्षेत्र में आदिवासी नागरिक मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का पेट भरते है. इन परिवारों को 102 नंबर के एम्बुलेंस की बडी सहायता होती है. लेकिन पिछले पांच दिनों से उनके परिवार की गर्भवती और स्तनदा माता तथा छोटे बालकों का अस्पताल जाना रुक गया है. जिन्हे अस्पताल में जाने की आवश्यकता है, उन्हें अपने खर्च से अस्पताल पहुंचना पड रहा है. प्रशासन के मुताबिक इंधन के लिए शासन से पैसों की मांग पहले ही की जा चुकी है लेकिन समय पर पैसे न मिलने से एम्बुलेंस की आवाजाही मेलघाट में रुक गई है. फिर भी जल्द ही निधि की व्यवस्था होने की संभावना स्वास्थ्य विभाग की तरफ से दर्शायी गई है. गरीब मरीज अथवा उनके रिश्तेदारों द्वारा फोन कॉल करने पर वाहन उपलब्ध होता है. जिले में इसके लिए 31 एम्बुलेंस है. इसमें 9 वाहन मेलघाट में दौडते है. एनएचएम के जरिए प्रत्येक फेरी में 5 हजार रुपए का इंधन दिया जाता है.
* सेवा ठप पडने का दूसरा अवसर
102 नंबर पर उपलब्ध होने वाली रुग्णवाहिका इसके पूर्व भी एक बार बंद हुई थी. मानधन न मिलने से कुछ दिन पूर्व चालक ने हडताल की थी. उस समय भी कुछ दिन यह सेवा बंद थी. लेकिन प्रशासन ने समय पर भागदौड कर शासन से संपर्क किया. पश्चात यह मुद्दा निपटाया गया. जिले का ग्रामीण क्षेत्र और वहा रहने वालों की क्रय शक्ति ध्यान में रखकर इस तरह की घटना बारबार न होने के लिए ध्यान रखना आवश्यक है.
* 44 लाख रुपए की मांग की
102 रुग्णवाहिका के अलावा अन्य एम्बुलेंस के इंधन के लिए 44 लाख रुपए की मांग की गई है. यह रकम मंजूर हुई है. जिले में सभी तरफ की रुग्णवाहिका की कुल संख्या 110 है. इन सभी के इंधन का प्रश्न इन पैसों के कारण हल हो गया है. रुग्णवाहिका इंधन के अभाव में बंद होने के बाद जरुरतमंद मरीजों को पर्यायी वाहन उपलब्ध कर दिया गया है.
– डॉ. सुरेश आसोले,
जिला स्वास्थ्य अधिकारी,
अमरावती.