अमरावती

जिले के 10,285 होटल व रेस्टारेंट की जिम्मेदारी केवल दो अधिकारियों पर

खाद्य पदार्थ की बिक्री पर नजर नहीं

* नागरिकों के स्वास्थ्य के साथ हो सकता है खिलवाड
अमरावती/दि.21– अमरावती जिले में 10 हजार 285 होटल व रेस्टारेंट है. खाद्यपदार्थ की बिक्री करनेवाले इन सभी होटल व रेस्टारेंट पर नजर रख उनकी गुणवत्ता व जांच की जिम्मेदारी अन्न व औषधी प्रशासन विभाग पर रहती है. लेकिन यह जिम्मेदारी संबंधित विभाग व्दारा केवल दो अधिकारियों पर है. यह अधिकारी अन्य काम में ही व्यस्त रहने से उनका खाद्यपदार्थ की बिक्री पर विशेष ध्यान नहीं रहता इस कारण नागरिकों को मिलावटी खाद्यपदार्थ व पेय बाजार मेें मिलने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. जिससे नागरिकों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड हो सकता है.
अन्न व औषधी प्रशासन विभाग की स्थापना 1970 में शासन व्दारा नागरिकों की मिलावटी व अयोग्य अन्न पदार्थ, दवाई से संरक्षण करने के लिए की गई. महाराष्ट्र राज्य में बेची जा रही दवाई तथा खाद्यपदार्थ व पेय मिलावटमुक्त तथा नागरिकों के लिए इस्तेमाल में सुरक्षित है. इस बाबत सावधानी बरतने की जिम्मेदारी अन्न व औषधी प्रशासन विभाग की है. जिले की आबादी वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक 28 लाख 87 हजार 826 निर्धारित की गई है. इतनी आबादी रहने के बावजूद होटल व रेस्टारेंट की जांच करने के लिए केवल दो ही अधिकारी है. जिले में 25 हजार से अधिक होटल व रेस्टारेंट है. अनेक खाद्यपदार्थ विक्रेता भी है. लेकिन इन सभी की जांच एफडीए व्दारा नहीं की जाती. निरीक्षकों को होटल व रेस्टारेंट की जांच के अलावा जिला कचेहरी में दाखिल होने वाले प्रकरण तथा शहर में किसी नेता अथवा अधिकारी का वीआईपी दौरा रहा तो उसमें शामिल होना पडता है. अन्न व औषधी प्रशासन के इस कार्यालय में 6 निरीक्षक पद मंजूर है. लेकिन दो निरीक्षकों पर संपूर्ण जिले का भार है. उनकी तरफ कार्यालयीन कामकाज का भी काफी भार रहने से वह इन होटल व रेस्टारेंट की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दे पा रहे है. केवल शिकायतें प्राप्त होने पर संबंधित दुकान की जांच की जाती है. इस कारण मिलावटी खाद्यपदार्थ मिलने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. जिससे नागरिकों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड भी हो सकता है.

* जल्द रिक्त पद भरें जाएंगे
अन्न व औषधी प्रशासन के अनेक पद रिक्त है. इस कारण काम का तनाव अन्य निरीक्षकों पर आता है. जल्द ही प्रशासन के विविध रिक्त पद भरे जाएंगे.
-गणेश परलीकर,
सहआयुक्त अन्न व औषधी प्रशासन

 

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