108 कुंडीय स्वास्थ्य संवर्धन गायत्री महायज्ञ 1 से
अमरावती जिले के अचलपुर तहसील के ग्राम बुरडघाट में भव्य आयोजन
* युवाओं से बडी संख्या में उपस्थित रहने का आवाहन
अमरावती /दि. 29– अखिल विश्व गायत्री परिवार, शांतिकुंज, हरिद्वार के तत्वधान में अमरावती जिले की गोरखेडा कुंभी गायत्री शक्तीपीठ शाखा द्वारा दिनांक 1 दिसंबर से 4 दिसंबर तक अचलपुर तहसील के ग्राम बुरडघाट में विराट 108 कुंडीय स्वास्थ्य संवर्धन गायत्री महायज्ञ का भव्य आयोजन होने जा रहा है.
मनुष्य में देवत्व का उदय एवं धरती पर स्वर्ग का अवतरण, वैश्विक एकता, विश्वशांती के दैवी प्रयोजन को समर्पित अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक, वैज्ञानिक अध्यात्मवाद के प्रणेता, वेदमूर्ती तपोनिष्ठ पंडित श्रीराम शर्मा आचार्यजी द्वारा ऋषी मुनियों द्वारा संरक्षित हिमालय की प्राचीन अग्नि से सन 1926 में अखंड दीप प्रज्वलित किया गया था. इसी वर्ष (सन 1926 में) वंदनीया माताजी भगवती देवी शर्मा का जन्म हुआ था. इस महत्वपूर्ण दिव्य घटना को सन 2026 मे 100 वर्ष पूर्ण होने जा रहे हैं. इस उपलक्ष में विश्व के करोडोगायत्री साधको द्वारा गायत्री महामंत्र का जप, अनुष्ठान किया जा रहा है. अत:, इसकी पूर्णाहुती स्वरूप, भारत सहित संपूर्ण विश्व में विराट 108 कुंडिया गायत्री महायज्ञों की शृंखला चलाई जा रही है. इस स्वास्थ्य संरक्षण 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ में क्षेत्रके सभी जाती, धर्म के लोगो को विशेष रूप से युवा वर्ग को सम्मिलित होने का भावभरा निमंत्रण दिया जा रहा है. इस प्राणवायु की प्रचुरता युक्त दिव्य यज्ञमय वातावरण में बैठने मात्र से सकारात्मक ऊर्जा तथा स्वास्थ्य लाभ का अनुभव किया जा सकता है. दिनांक 1 दिसंबर को ज्ञानगंगा मंगल कलश यात्रा परतवाडा नगरी का भ्रमण करते हुए कार्यक्रम स्थल पहुंचेंगी. 2 दिसंबर सोमवार को दोपहर 12 से 4 के बीच, देव संस्कृती विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति तथा संयुक्त राष्ट्र संघ के रेफ्यूजी सेंटर के अध्यक्ष डॉ. चिन्मय पंड्या का प्रेरणाप्रद ओजस्वी वाणी में क्षेत्र के युवा वर्ग के लिए विशेष उद्बोधन होंगा. जिसमे युवाओं से हजारो की संख्या में उपस्थित रहने का आवाहन, अखिल विश्व गायत्री परिवार अमरावती जिला समन्वयक श्रीमति शोभाताई बहुरूपी, गायत्री प्रचारक लीलाधर मोर भाईसाहब ने किया है. इस विराट 108 कुंडिय गायत्री महायज्ञ में भारतीय संस्कृति के सभी प्रमुख संस्कार (विवाह संस्कार, गर्भपूजन, नामकरण, विद्यारंभ, यज्ञोपवीत, गुरु दीक्षा, जन्मदिवस, विवाहदिवस आदि) निःशुल्क संपन्न कराये जायेंगे. इसके लिए एक दिन पूर्व मात्र पंजीयन समिती के कक्ष में पंजीयन कराना आवश्यक रहेगा. विवाह संस्कार हेतु आवश्यक प्रतिज्ञापत्र तथा अन्य कागजात न्यूनतम एक दिन पूर्व प्रस्तुत करना बंधनकारक होंगा. अधिक जानकारी के लिए लीलाधर मोर (9130012720, 9223427900), आकोटकर भाईसाहब (7020735376), शंकरराव चिखलकर (9096169513), श्रीमती संगीताताई घुलक्षे (7038061787) से संपर्क करने कहा गया है. इस महायज्ञ में सभी जाती धर्म के व्यक्ती निःशुल्क यज्ञ के यजमान बन सकेंगे.