अमरावती

जिले में तनाव मुक्त माहौल में हो रही 10 वीं की परीक्षा

सभी परीक्षा केंद्रों के बाहर पुलिस का कडा बंदोबस्त

* अतिरिक्त समय मिलने से विद्यार्थियों में उत्साह
* शिक्षा बोर्ड ने नियुक्त किये विशेष पथक
अमरावती/दि.23– माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा दो वर्ष पश्चात कक्षा 10 वीं व 12 वीं की लिखीत परीक्षाएं ऑफलाईन तरीके से ली जा रही है. इसके तहत जहां शाला, वहां केंद्र दिया गया है, ताकि कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों का पालन करते हुए विद्यार्थियों द्वारा परीक्षा दी जा सके. इस समय जिले में कक्षा 10 वीं की परीक्षा बेहद तनावमुक्त वातावरण में चल रही है. वहीं परीक्षा केंद्रों पर किसी भी तरह की गडबडी को रोकने हेतु शिक्षा मंडल द्वारा विशेष पथकों की नियुक्ति की गई है. साथ ही प्रत्येक केंद्र पर पुलिस का कडा बंदोबस्त लगाया गया है.
बता दें कि, विगत 4 मार्च से कक्षा 12 वीं तथा 15 मार्च से कक्षा 10 वीं की परीक्षाएं शुरू है. जिसके लिए 15 से अधिक विद्यार्थी संख्या रहनेवाली सभी शालाओं व कनिष्ठ महाविद्यालयोें में ही परीक्षा केंद्र बनाये गये है और शाला स्तर पर ही बोर्ड परीक्षा लेने हेतु तमाम नियोजन भी किये गये है. इन्हीं सब तैयारियों के चलते जिले में बेहद पारदर्शक तरीके व तनाव मुक्त वातावरण के बीच बोर्ड परीक्षाएं चल रही है. साथ ही साथ जिले के ग्रामीण इलाकों में जमकर होनेवाली नकलबाजी को ध्यान में रखते हुए सभी संवेदनशिल क्षेत्रों में स्थित परीक्षा केंद्रोें पर बोर्ड एवं पुलिस की ओर से विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

* 10 वीं व 12 वीं के एक भी विद्यार्थी पर अब तक कार्रवाई नहीं
बता दें कि, 4 मार्च से शुरू हुई कक्षा 12 वीं की परीक्षा में जिले के 37 हजार 15 विद्यार्थी हिस्सा ले रहे है. जिनकी 397 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा ली जा रही है. वहीं 15 मार्च से शुरू हुई कक्षा 10 वीं की परीक्षा में जिले के 39 हजार 69 विद्यार्थी शामिल हुए है, जो 662 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा दे रहे है. किंतु इसमें से अब तक दोनों ही परीक्षाओं में एक भी परीक्षार्थी के खिलाफ नकल अथवा किसी अन्य तरह की गडबडी का कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है. यानी एक तरह से बोर्ड द्वारा किये गये सभी इंतजाम बेहद कारगर साबित हुए है और परीक्षाएं पूरी तरह से पारदर्शक व तनावमुक्त वातावरण में हो रही है.

* नकल पकडे जाने पर होती है कडी कार्रवाई
कक्षा 10 वीं व 12 वीं की लिखीत परीक्षा के दौरान नकल करते हुए पकडे जाने पर संबंधित विद्यार्थी को दूसरे पेपर देने से भी मना किया जाता है. साथ ही संबंधित स्कुल व कॉलेज के खिलाफ भी कार्रवाई होती है. पश्चात बोर्ड स्तर पर नकल मामले की जांच कर आवश्यक निर्णय लिया जाता है. जिसमें अगले दो से तीन वर्ष के लिए संबंधित विद्यार्थी को परीक्षा देने से मना किया जाता है.

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