अमरावती/दि.25-महिला व बालविकास विभाग अंतर्गत अंगणवाड़ी निर्माण कार्य के लिए दी जाने वाली निधि में पौने तीन लाख की वृद्धि की गई है. एक अंगणवाड़ी के लिए साडे आठ लाख रुपए मंजूर किये जाते थे. अब इस निर्णय के बाद अंगणवाड़ी निर्माणकार्य के लिए गैर आदिवासी भाग में 11.25 एवं मेलघाट क्षेत्र में 12.30 लाख रुपए की निधि मिलने वाली है. इसके लिए राज्य की महिला व बालविकास मंत्री यशोमती ठाकूर ने प्रयास किए हैं.
राज्य की एकात्मिक बाल विकास सेवा योजना अंतर्गत अंगणवाड़ियां चलाई जाती है. गांव-गांव में नये से अंगणवाड़ी निर्माण कार्य के लिए साढ़े आठ लाख रुपए की निधि देने का निर्णय अक्तूबर 2018 में लिया गया था. विगत तीन वर्षों में निर्माणकार्य के साहित्य की कीमतों में वृद्धि होने के कारण गैर आदिवासी भागों में 8.30 एवं आदिवासी क्षेत्र में 9.40 लाख रुपए में अंगणवाड़ी केंद्र का निर्माणकार्य करना संभव न होने से ठेकेदार भी काम करने के लिए तैयार नहीं थे.
निधि कम मिलने से काम का दर्जा कम हुआ था. इन सभी बातों का विचार करते हुए एक अंगणवाड़ी के लिए अब निधि बढ़ाये जाने बाबत महिला व बालविकास विभाग द्वारा 14 फरवरी को अध्यादेश निकाला गया है. यह दर तीन वर्ष के लिए लागू रहने के साथ ही इससे पूर्व मंजूरी दिये जाने वाले व अधूरे काम पूर्ण करने के लिए पुरानी ही दर लागू रहेगी. ऐसे भी आदेश में स्पष्ट किया गया है. अंगणवाड़ियों की जगह बदलने के लिए सरकार आगे आयी है. बालकों का आहार, स्वास्थ्य,शिक्षा पर जोर देने बाबत कृति लेखाजोखा तैयार किया गया.
अब कामों को मिलेगी गति
जिले के अंगणवाड़ी केंद्र निर्माणकार्य के लिए 9 करोड़ रुपए निधि मंजूर की गई है. इसमें से 2021-22 के लिए 80 अंगणवाड़ी केंद्रों का नये से निर्माणकार्य करना प्रस्तावित है. निधि बढ़ाने से यह काम शीघ्र ही पूर्ण होंगे.
राज्य की महिला व बालिकल्याण मंत्री का यह निर्णय स्तुत्य होकर इस कारण रुके हुए निर्माणकार्य तुरंत पूर्ण होंगे एवं बालकों के लिए सुंदर आंगणवाड़ी केंद्र की निर्मिति होगी.
– डॉ. कैलास घोडके, उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी