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विदर्भ में चाहिए 11 नई ‘सिट्रस इस्टेट’

छह जिलों के 15 तहसीलों में संतरा और मोसंबी का उत्पादन

अमरावती/दि.20– संतरा, मोसंबी, नींबू आदि फलों के दर्जेदार उत्पादन के लिए राज्य सरकार ने 7 मार्च 2019 को विदर्भ में तीन और मराठवाडा में एक ऐसे चार सिट्रस इस्टेट को मंजूरी दी. विदर्भ के संतरा व मोसंबी बाग के उत्पादन क्षेत्र को विचार में लेते हुए यह तीन सिट्रस इस्टेट कम है. महत्व के काम करते समय सभी कठिनाई होती है, इस कारण राज्य सरकार व्दारा विदर्भ में कम से कम 11 नए सिट्रस इस्टेट को मंजूरी देनी चाहिए.
विदर्भ में फिलहाल नागपुर जिले के काटोल तहसील में आनेवाले ढिवरवाडी, अमरावती जिले के मोर्शी तहसील में आनेवाले उमरखेड और वर्धा जिले के आष्टी तहसील में आनेवाले तलेगांव में यह तीन सिट्रस इस्टेट कार्यरत है. नागपुर जिले के सिट्रस इस्टेट को चार, अमरावती जिले के सिट्रस इस्टेट को पांच और वर्धा जिले के सिट्रस इस्टेट को तीन संतरा व मोसंबी उत्पादक तहसील जोडी है. अकोला, बुलढाणा व वाशिम जिले में संतरा और मोसंबी के बगीचे रहते वहां कोई भी सिट्रस इस्टेट नहीं है. परिणामस्वरुप नर्सरी में दर्जेदार पौधों की निर्मिती, कृषि निविष्ठा का वितरण, बगीचों का प्रुनिंग, मिट्टी, पानी और पत्ता परिक्षण, बगीचों का पानी व खाद नियोजन, बगीचों में कीडे व रोग का व्यवस्थापन, निर्यातक्षम फलों का उत्पादन, आधुनिक यंत्र सामग्री की समय पर आपूर्ति, फल प्रक्रिया, संग्रहण, मार्केटिंग, निर्यात, उत्पादकों को मार्गदर्शन समेत अन्य महत्व की बात करते समय अधिकारी, कर्मचारी और सदस्यों को कठिनाई हो रही है. उत्पादकों को समय पर सेवा न मिलने से उनके बगीचे और फलों पर विपरित परिणाम हो रहा है.

* इन तहसीलों में चाहिए सिट्रस इस्टेट
राज्य की सिट्रस इस्टेट पंजाब पैर्टन पर तैयार की है. पंजाब में 10 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में किन्नो संतरा को 1 सिट्रस इस्टेट है. नागपुर जिले के नरखेड, कलमेश्वर व सावनेर, अमरावती जिले के वरुड, चांदुर बाजार, अचलपुर (परतवाडा) तथा तिवसा, वर्धा जिले के कारंजा घाडगे, अकोला जिले के अकोट, वाशिम जिले के वाशिम और बुलढाणा जिले के संग्रामपुर में नए सिट्रस इस्टेट निर्माण करना आवश्यक है. इसमें से नरखेड व अचलपुर सिट्रस इस्टेट का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास निर्णायाधीन है.

* विदर्भ में संतरे का उत्पादन क्षेत्र 1.10 हजार हेक्टेयर
राज्यशासन व्दारा विदर्भ का संतरा उत्पादन क्षेत्र 1 लाख 10 हजार हेक्टेयर तथा मोसंबी का उत्पादन क्षेत्र 12 हजार 655 हेक्टेयर दिखाया रहा तो भी, यह उत्पादन क्षेत्र 1 लाख 60 हजार हेक्टेयर से अधिक है. तहसील निहाय सिट्रस इस्टेट तैयार किया तो सभी काम आसान होकर काम का तनाव कम होगा. अधिकारियों को पहले ही काफी काम रहते है, इस कारण निर्णय तथा उस पर अमल करने में समय लगता है. इन सभी सिट्रस इस्टेट में समन्वय रखने के लिए वसंतदादा पाटिल शुगर इंस्टिट्यूट जैसी प्रभावी नोडल एजेंसी होनी चाहिए.
– श्रीधर ठाकरे,
कार्यकारी संचालक महाऑरेंज

* संतरा-मोसंबी उत्पादन क्षेत्र (हेक्टेयर में)
जिला संतरा मोसंबी
अमरावती 70836 4051
नागपुर 21974 6116
वर्धा 4460 1707
अकोला 5250 160
वाशिम 2841 75
बुलढाणा 3434 236
यवतमाल 1500 310

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