अमरावती

दो माह के भीतर जिले में 110 आगजनी की घटनाए

कोरोडो का नुकसान किंतु जनहानी नहीं

अमरावती/दि.23 – विगत दो माह के भीतर जिलेभर में 110 आगजनी की घटनाएं घटी. जिसमें प्रतिष्ठानों के साथ-साथ लोगों के घरों में आग लगने से करोडो रुपए का नुकसान हुआ. किंतु किसी भी तरह की जनहानी नहीं हुई है. ज्ञात रहे कि गर्मीयो के दिनों में सर्वाधिक आग लगने की संभावना जताई जाती है. किंतु इस बार जनवरी माह से ही आग की घटनाओं में निरंतर बढोत्तरी देखी गई.
फरवरी व मार्च माह में जिले के विविध क्षेत्रों में सर्वाधिक आग की घटनाए देखी गई है. कपास के गोदाम, जिनिंग प्रेसिंग कारखाना, वन क्षेत्रों मेें आग की घटनाएं घट चुकी है. ऐसे मौके पर तत्काल आग पर काबू पाने के लिए हमेशा ही दमकल विभाग को सतर्क रहना पडता है. जबकि दमकल विभाग द्बारा ही अब तक लगी आग पर काबू पाया गया है. बता दें कि विगत कुछ सप्ताह पूर्व कॉटन मार्केट स्थित नेमानी कॉटन जिन, पोहरा वन परिक्षेत्र, एमआयडीसी परिसर, वलगांव रोड स्थित रेचा गोदाम, प्लास्टिक कारखाना यहां पर आग लगी थी.
इन क्षेत्रों मे लगी आग पर यदि काबू नहीं पाया जाता था तो आस-पास के इलाकों में किसी बडे हादसे के होने से नकारा नहीं जा सकता था. अधिकतर आगजनी की घटनाओं में आग लगने की वजह का पता नहीं चल पाता. बीते दो माह के भीतर जिले भर में सबसे ज्यादा 110 आगजनी की घटनाएं घट चुकी है. जिसमें से 60 फीसदी मामलों में आग की वजह का पता नहीं चल पाया है. जिलेभर में पिछले दो माह में हुई आगजनी की घटनाओं में 5 करोड 20 लाख रुपए से अधिक का नुकसान बताया गया है.

अधिकतर आग शॅार्ट सर्किट की वजह से लगी

जिलेभर में पिछले दो माह के भीतर हुई आगजनी की घटनाओं में अधिकतर आग शॅाटसर्किट से लगी है. जबकि ऐसे मौके पर आग पर काबू पाने हेतु उपाय योजना की जा सकती है. जिसके लिए फायर ऑडिट करवाना जरुरी है. किंतु अभी तक आगजनी की घटनाओं में शॅाट सर्किट के सबसे अधिक मामले उजागर होते देखे गए है.

नहीं किया जा रहा नियमों का उल्लंघन

ज्ञात रहे कि विगत कुछ माह पूर्व भंडारा के सरकारी अस्पताल में आगजनी की घटना में नवजात शिशुओं की मौत हो चुकी थी. इस घटना ने सभी को झिझोंडकर रख दिया था. उसके पश्चात पुलिस आयुक्त के मार्गदर्शन में शहर के सभी होटल संचालक, कोचिंग क्लासेस संचालक व अन्य नागरिकों के साथ बैठक लेकर उपाय योजना हेतु कडी सूचनाएं दी गई थी. कुछ दिनो तक सब ठीक चला किंतु कुछ दिनों के पश्चात हालात फिर से जैसे से वैसे हो गए. कोई भी नियमों का पालन नहीं कर रहा है. बल्कि उल्लंघन करते दिखाई दे रहे है.

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