अमरावती

जिले में 1113 महिलाओं की प्रसूति हुई घर पर

सीझर के भय से घर पर ही दिया बच्चे को जन्म

* सुविधा रहने के बावजूद महिलाएं उठा रही खतरा
अमरावती/दि.12- प्रसूति के समय किसी भी तरह की कोई दिक्कत होने पर ही डॉक्टरों द्वारा गर्भवती महिला का सीझर किया जाता है. परंतू सीझर के भय की वजह से कई गर्भवती महिलाएं प्रसूति कराने हेतु अस्पताल में जाती ही नहीं है, बल्कि दायी के जरिये घर पर ही प्रसूति करवाती है. जबकि ऐसा करना गर्भवती महिला सहित उसके बच्चे के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है. जिले में 1 अप्रैल 2021 से जून 2022 तक 15 माह के दौरान 1,113 महिलाओें की प्रसूति उनके घर पर ही हुई. ऐसी जानकारी स्वास्थ्य महकमे द्वारा दी गई.
जानकारी के मुताबिक जिले में विगत 15 माह के दौरान कुल 56,390 महिलाओं की प्रसूति हुई. जिसमें 21 हजार 465 महिलाओं की सीझेरियन व 33 हजार 812 महिलाओं की नैसर्गिक तरीके से प्रसूति करवाई गई. वहीं इस दौरान 61 महिलाओं की मौत हुई. इन दिनों सीझेरियन का प्रमाण दिनोंदिन बढता जा रहा है. जिसके चलते कई महिलाएं सीझेरियन हेतु अस्पताल में जाने से घबराती है और घर पर ही प्रसूति करवाने पर जोर देती है, लेकिन दायी के जरिये घर पर प्रसूति करवाना गर्भवती महिला सहित उसके बच्चे की स्वास्थ्य की दृष्टि से खतरनाक हो सकता है, ऐसा डॉक्टरों का कहना है. वही डॉक्टरों ने यह भी बताया कि, सीझेरियन का निर्णय मां और बच्चे दोनों की जान बचाने हेतु लिया जाता है. ऐसे में गर्भवती महिलाओं ने अपनी प्रसूति के लिए अस्पताल में ही भरती होना चाहिए.

* 33 हजार नॉर्मल प्रसूति
विगत 15 माह के दौरान जिले के सरकारी व निजी अस्पतालों में हुई कुल प्रसूतियों में से 33 हजार 812 महिलाओं की प्रसूति नैसर्गिक यानी नॉर्मल तरीके से हुई. जिले में नॉर्मल प्रसूति का प्रमाण 60 फीसद के आसपास है.

* 21 हजार सीझेरियन
जिले में 1 अप्रैल 2021 से 30 जून 2022 तक हुई 56 हजार 390 प्रसूतियोें में से 21 हजार 465 महिलाओं की प्रसूति सीझेरियन शल्यक्रिया के जरिये हुई. यह कुल प्रसूतियों की तुलना में 40 फीसद है. इन दिनों चूंकि अस्पतालों में सीझेरियन से होनेवाली प्रसूतियों का प्रमाण बढ रहा है. ऐसे में डर के मारे महिलाओं ने अस्पताल में प्रसूति हेतु जाना टाल दिया है.

*1,113 महिलाओं की प्रसूति हुई घर पर
जिले में 1 अप्रैल 2021 से जून 2022 इन पंद्रह माह के दौरान 56 हजार 390 महिलाओं की प्रसूति हुई. जिसमें से 1,113 महिलाओं की प्रसूति उनके घर पर ही होने की जानकारी स्वास्थ्य महकमे के पास है.

* घर पर प्रसूति करना हो सकता है खतरनाक
घर पर प्रसूति करना गर्भवती महिला सहित उसके बच्चे के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. अस्पताल में प्रसूति के बाद जच्चा-बच्चा के लिए आवश्यक रहनेवाली सेवाएं व सुविधाएं तुरंत उपलब्ध करायी जाती है, जो घर पर उपलब्ध होना मुश्किल रहता है. इसके अलावा घर पर यदि योग्य तरीके से साफ-सफाई व स्वच्छता नहीं है, तो बच्चे को कई तरह के इंफेक्शन होने का खतरा भी होता है. अत: गर्भवती महिलाओं ने बिना डरे प्रसूति के लिए अस्पताल में आकर भरती होना चाहिए.
डॉ. दिलीप रणमले
जिला स्वास्थ्य अधिकारी

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