अक्तूबर माह में पश्चिम विदर्भ के 112 किसानों ने की आत्महत्या
यवतमाल जिले के 51 किसानों का समावेश

अमरावती/दि.12– शासन और प्रशासन चुनाव में व्यस्त रहने से किसान उपेक्षित है. ऐसी परिस्थिति में पश्चिम विदर्भ के 112 किसानों ने अक्तूबर माह मेें आत्महत्या की. जिसमें यवतमाल जिले के 51 किसानों का समावेश है. पश्चिम विदर्भ व मराठवाडा के सभी जिलों में किसान आत्महत्याओं का प्रमाण है. जिसमें अमरावती संभाग के यवतमाल तथा अमरावती जिले में सार्वधिक किसान आसमानी व सुलतानी संकट की बलि चढ रहे है. इस साल 10 माह में 906 किसानों ने आत्महत्या की. इसमें यवतमाल जिले के 286, अमरावती जिले के 207 किसानों का समावेश रहा.
इसके अलावा अकोला जिले के 139, बुलढाणा के 193 और वाशिम जिले के 81 किसानों ने परेशान होकर आत्महत्या की. प्राकृतिक आपदा, पर्याप्त रूप में फसलों का उत्पादन न होने पर तथा बैंक और साहूकारी कर्ज का तकादा, बेटी की शादी और बीमारियों से त्रस्त होकर किसानों ने आत्महत्या की है.
* 21 साल में 21 हजार किसानों की आत्महत्या
पश्चिम विदर्भ में साल 2001 से किसानों की आत्महत्या दर्ज की गई है. तब से अक्तूबर 2024 की कालावधि में 20, 980 किसानों ने आत्महत्या की. इसमें शासन द्बारा 9568 आत्महत्या के मामलों में मदद दी गई. 10, 822 मामले अपात्र ठहराए गये और 349 मामले पिछले एक साल से जांच के लिए प्रलंबित है.