अमरावतीमहाराष्ट्र

5 साल में प्राकृतिक आपदा के चलते 113 की मौत

गाज की चपेट में आकर 47 व बाढ में बहकर 66 की मृत्यु

* बाढ प्रभावित गांवों में सुविधा उपलब्ध करने की उठ रही मांग
अमरावती/दि.25 विगत 5 वर्ष के दौरान प्राकृतिक आपदा के चलते जिले में 113 लोगों को अपनी जान गवानी पडी. जिसमें से 47 लोगों की आसमानी गाज की चपेट में आकर तथा 66 लोगों की बाढ के पानी में बह जाने की वजह से मौत हुई. इन सभी बातों के मद्देनजर जिला प्रशासन द्वारा इस समय मानसून पूर्व नियोजन किया जा रहा है. ताकि इस वर्ष प्राकृतिक आपदा की वजह से लोगों की जान न जाये.
बता दें कि, प्रतिवर्ष ही मानसून शुरु होने से पहले जिला प्रशासन के विविध विभागों द्वारा नदी व नालों में आने वाली संभावित बाढ का निरीक्षण किया जाता है. इस निरीक्षण के आधार पर जो गांव बाढ प्रभावित क्षेत्रों मेें आते है, वहां आवश्यक उपाय किये जाते है. इसके अलावा गांव की महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों विशेष तौर पर मोबाइल टॉवर एवं नागरिकों का आश्रयस्थल रहने वाली शालाओं व महाविद्यालयों की इमारतों पर विद्युतरोधी यंत्र यानि लाइटनिंग अरेस्टर लगाये जाते है. फिलहाल यह सभी काम युद्धस्तर पर किये जा रहे है. साथ ही साथ प्राकृतिक आपदा में होने वाली मौतों को रोकने के लिए अन्य कुछ उपाय भी किये जा रहे है.
इसी बीच हाथ आयी जानकारी के मुताबिक विगत 5 वर्षों में प्राकृतिक आपदा के चलते जिले में 113 लोगों की मौत होने के आंकडें सामने आये है. जिसमें से 47 लोगों की मौत आसमानी गाज की चपेट में आकर हुई. वहीं 66 लोग नदी-नालों में आयी बाढ में बहकर मारे गये. बता दें कि, जिले मेंं चंद्रभागा, माडू, नल, दमयंती, पेढी, वर्धा व पिंगलाई जैसी विविध नदियां है. इसके अलावा कई क्षेत्रों में बडे-बडे नाले भी है. मानसून काल के दौरान इन सभी नदी-नालों में बडे पैमाने में बाढ आती है. जिसके चलते नदी-नालों के किनारे रहने वाले लोगों के लिए काफी खतरा पैदा हो जाता है. सालोंसाल से चली आ रही इस स्थिति को बदलने हेतु बाढ प्रभावित क्षेत्र में शामिल रहने वाले गांवों में तमाम जरुरी सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की जा रही है.

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