11 वीं और 12 वीं क्लास शहर में, कनिष्ठ महाविद्यालय ग्रामीण में
ऑनलाइन प्रवेश के 4 राउंड हुए पूरे, अब भी 45 फीसद सीटें खाली
अमरावती/दि.3 – शहर में कक्षा 11 वीं के प्रवेश की 40 से 45 फीसद सीटें अब भी रिक्त है. क्योंकि इन दिनों पढाई-लिखाई के लिए विद्यार्थियों का बाहर बडे शहरों में जाने का प्रमाण बढ गया है. इसके साथ ही इन दिनों ग्रामीण क्षेत्र को कॉलेजों में प्रवेश लेकर शहर में ट्यूशन क्लासेस करने का प्रमाण भी दिनोंदिन बढता जा रहा है. जिसकी वजह से शहर में स्थित कनिष्ठ महाविद्यालयों में कक्षा 11 वीं के अधिकांश सीटें रिक्त पडी है.
बता दें कि, शहर में कक्षा 11 वीं की केंद्रीय प्रवेश प्रक्रिया के तहत विगत 31 जून को पहली प्रवेश सूची घोषित की गई थी और अब तक प्रवेश के 4 राउंड पूरे हो चुके है. लेकिन कुल उपलब्ध 16,180 सीटों में से 6,900 सीटें अब भी रिक्त पडी है. ज्ञात रहे कि, शहर में कुल 65 कनिष्ठ महाविद्यालयों में कक्षा 11 वीं की 16,180 सीटें है. जिनके लिए केंद्रीय प्रवेश पद्धति चलाई जाती है. परंतु इन दिनों शहरी क्षेत्र की बजाय ग्रामीण क्षेत्र के किसी महाविद्यालय में प्रवेश लेकर शहर में प्राइवेट कोचिंग करने की ओर विद्यार्थियों का रुझान काफी अधिक है. इसके अलावा टेक्निकल व होकेशनल विषय की ओर विद्यार्थियों की रुचि अधिक रहने के चलते कई विद्यार्थी बाहर बडे शहरों की ओर चले जाते है. जिसका सीधा परिणाम शहर में स्थित कॉलेजों पर पडता दिखाई दे रहा है. जिसके चलते शहर के कुछ नामांकित महाविद्यालय के अलावा अन्य महाविद्यालयों में ज्यादातर सीटें रिक्त पडी है.
* 16,180 में से 9,280 सीटें रिक्त
शहर के 65 कनिष्ठ महाविद्यालयों में प्रवेश हेतु कुल 16 हजार 180 सीटें है. जिसमें प्रवेश प्रक्रिया के 4 राउंड पश्चात 9,280 सीटों पर प्रवेश हो चुके है.
* सीटें रिक्त रहने की वजह
इन दिनों विद्यार्थियों का रुझान विज्ञान शाखा की ओर अधिक है. साथ ही खुद को जल्द से जल्द नौकरी मिलने की बात ध्यान में रखते हुए विद्यार्थियों द्बारा कक्षा 10 वीं के बाद से ही स्पर्धा परीक्षाओं की तैयारी शुरु कर दी जाती है. ऐसे में यदि शहर के महाविद्यालय में प्रवेश लिया जाता है, तो नियमित कॉलेज जाना पडता है, तो इससे बचने के लिए विद्यार्थियों द्बारा ग्रामीण क्षेत्र के कनिष्ठ महाविद्यालयों में प्रवेश लेने पर जोर दिया जा रहा है. इसके साथ ही इन दिनों विद्यार्थियों का रुझान मुक्त विद्यापीठों की ओर भी बढ रहा है.
* क्या कहते है आंकडे?
शहर में कॉलेज – 65
प्रवेश क्षमता – 16,180
प्रवेश – 9,280
रिक्त सीटे – 6,900
* किस शाखा में कितनी सीटें रिक्त?
शाखा क्षमता प्रवेश रिक्त
कला 3,630 1,760 1,870
वाणिज्य 2,810 1,459 1,351
विज्ञान 7,060 5,513 1,464
एमसीवीसी 2,680 465 2,215
* क्या कहते है प्राचार्य
कई विद्यार्थी ग्रामीण क्षेत्र के ज्युनियर कॉलेजों में प्रवेश लेकर शहर में रहते हुए प्रायवेट कोचिंग क्लासेस करते है. जिसकी वजह से शहर के कॉलेजों में सीटें रिक्त दिखाई देती है.
– प्रा. धनंजय पाठक,
प्राचार्य, समर्थ विद्यालय
* विद्यार्थी की रुची किस विषय की ओर है, यह समझना थोडा मुश्किल होता है. इन दिनों विद्यार्थियों का रुझान मुक्त विद्यापीठ की ओर भी दिखाई दे रहा है.
– डॉ. प्रज्ञा येनकर,
प्राचार्य, विद्याभारती महाविद्यालय