अमरावतीमुख्य समाचार

बाढ व बारिश से 12 मौतें

1.37 लाख हेक्टेयर में खेती-किसानी बर्बाद

* हजारों हेक्टेयर खेतों की मिट्टी बही
* प्राथमिक रिपोर्ट से सामने आयी जानकारी
* नुकसान का आंकडा और भी बढ सकता है
अमरावती/दि.25– जिले में 1 जून से 22 जुलाई के दौरान हुई मूसलाधार बारिश व अतिवृष्टि के चलते कई इलाकों में बाढ सदृश्य हालात रहे और इस प्राकृतिक आपदा में अब तक करीब 12 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं तीन लोग घायल हुए है. बाढ व बारिश की वजह से 1 लाख 37 हजार 708 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें बर्बाद हुई है. साथ ही 2,959 घरों का भी तेज बारिश की वजह सें नुकसान हुआ है. ऐसी जानकारी जिला प्रशासन द्वारा तैयार की गई प्राथमिक रिपोर्ट के जरिये सामने आयी है. बता दें कि, विगत एक सप्ताह से लगातार बारिश चल रही है. ऐसे में पिछले 48 घंटे के दौरान हुए नुकसान के आंकडे अभी इस रिपोर्ट में जोडे जाने बाकी है. जिन्हें जोडने के बाद नुकसान का आंकडा और भी अधिक बढ सकता है.
ज्ञात रहें कि, अमरावती जिले में 1 जून से लेकर अब तक 461 मिमी बारिश दर्ज की गई है. इस दौरान 18 जून तथा 4, 5, 17 व 23 जुलाई को कई तहसीलों में अतिवृष्टि हुई. जिसके चलते जिले की विभिन्न तहसीलों में बने प्रकल्प ओवरफ्लो हो गये. जहां से जलनिकासी करनी पडी. ऐसे में सभी नदी-नालों में जलस्तर बढ गया और अचानक ही आयी बाढ के चलते खेती-किसानी का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ. साथ ही बाढ व बारिश का पानी कई रिहायशी इलाकों में भी जा घुसा. इस वजह से भी कई घरों को अंशत: व पूर्णत: नुकसान पहुंचा है.
राजस्व विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक जिले में अब तक 1 लाख 32 हजार 236 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों की बर्बादी हुई है. इसके अलावा बाढ की वजह से 5 हजार 445 हेक्टेयर क्षेत्र में खेतों की उपजाऊ मिट्टी बह गई है. इसके अलावा बाढ के पानी में बह जाने और गाज की चपेट में आने के चलते 12 लोगों की मौत हुई. इसमें से 7 लोगों की गाज की चपेट में आने, 3 लोगों की बाढ के पानी में बह जाने तथा 2 लोगों की घर की दीवार ढहने से मलबे के नीचे दब जाने की वजह से मौत हुई.
* तीन हजार घरों को पहुंचा नुकसान
लगातार चल रही बारिश की वजह से जिले में अलग-अलग स्थानों पर करीब 2 हजार 959 घरों को नुकसान पहुंचा है. जिसमें से 37 घर पूरी तरह से नष्ट हो गये है. वहीं 2 हजार 635 कच्चे घरों का अंशत: नुकसान हुआ है. वहीं 227 पक्के घरों का भी कुछ पैमाने पर नुकसान हुआ है. इसके अलावा बाढ व बारिश की वजह से 17 छोटे-बडे जानवर एवं 8 हजार 275 मूर्गियों की जाने गई.
* वरूड तहसील सहित 8 राजस्व मंडलों में अतिवृष्टि
बीतेें 24 घंटों के दौरान हुई मूसलाधार बारिश के चलते वरूड तहसील में अतिवृष्टि दर्ज की गई. इसके अलावा 8 राजस्व मंडलों में भी अतिवृष्टि होने से नदी-नालों में बाढ आ गई और बाढ का पानी रिहायशी इलाकों सहित खेतों में जा घुसा. जिससे बडे पैमाने पर नुकसान हुआ. बीते 24 घंटों के दौरान अमरावती जिले में औसत 20.7 मिमी पानी बरसा. इस दौरान अकेले वरूड तहसील में ही 74 मिमी बारिश हुई. वहीं हिवरखेड मंडल में 72.5 मिमी, वरूड मंडल में 68.5 मिमी, शेंदूरजनाघाट मंडल में 66.8 मिमी, लोणी मंडल में 113.5 मिमी, पुसला मंडल में 67.3 मिमी, बेनोडा मंडल में 82.3 मिमी, राजुरा मंडल में 84.0 मिमी तथा ब्राह्मणवाडा मंडल में 97.0 मिमी बारिश हुई है. इसके अलावा हरीसाल में 40.5 मिमी, सेमाडोह में 40.5 मिमी, चुरणी में 43.0 मिमी, भातकुली में 54.0 मिमी तथा तलेगांव मंडल में 43.0 मिमी पानी बरसा है.
* 22 किसानों ने की आत्महत्या
किसानों द्वारा प्रतिवर्ष बडी उम्मीदों के साथ इधर-उधर से पैसा उधार लेकर खेतों में बीजोें की बुआई की जाती है, ताकि फसलों की पैदावार होकर हाथ में दो पैसे आये, लेकिन हर वर्ष गिले अथवा सूखे अकाल की वजह से खेतों में फसलों की पैदावार मार खा जाती है और फसलों की बर्बादी की वजह से किसानों के हाथ खाली ही रह जाते है. यह सिलसिला विगत करीब 14 वर्षों से लगातार चल रहा है. जिसके चलते किसान आर्थिक दुष्चक्र में फंसे हुए है और उन पर कर्ज का बोझ भी लगातार बढता जा रहा है. जिससे परेशान होकर अकेले धामणगांव रेल्वे तहसील में ही अब तक 22 से अधिक किसानों ने आत्महत्या कर ली है. ऐसी जानकारी सामने आयी है.

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