अमरावती

आजाद गणेशोत्सव मंडल में 12 ज्योतिलिंग की झांकी

जगतगुरू रामानंदचार्य स्वामी श्री रामराजेश्वर माऊ ली की उपस्थिति में झांकी का शुभारंभ

अमरावती-/ दि. 2 सुराखकर्ता- दुखहर्ता भगवान गणेश की सर्वत्र विधि विधान से बुधवार को स्थापना की गई. गुरूवार को शहर के प्रमुख गणेश मंडल बुधवा स्थित आजाद हिन्द गणेशोत्सव मंडल की झांकी का उद्घाटन किया गया. इस अवसर पर अनंत विभूषित जगतगुरू रामानंदाचार्य स्वामी श्री रामराजेश्वरचार्य समर्थ माउली की परम पावन उपस्थिति में तथा उनके हाथों विधि विधान से पूजन कर मंत्रोच्चारण के बीच झांकी का शुभारंभ किया गया.
स्थानीय बुधवारा स्थित आजाद हिंद गणेशोत्सव मंडल द्बारा 95 वर्षो की असीम परपंरा के साथ आज भी गणेशोत्सव की परंपरा को बरकरार रखे हुए है. ऐसे आजाद हिन्द गणेशोत्सव की परंपरा को बरकरार रखते हुए, ऐसे आजाद हिन्द गणेशोत्सव मंडल में इस वर्ष 12 ज्योतिलिंग तथा ईशा योग केन्द्र कोयम्बतूर, तलिमनाडू में स्थित आदियोगी मूर्ति की प्रतिकृति साकार की गई है. जिसका सर्वप्रथम समर्थ माउली सरकार ने हाथ उठाकर लोकार्पण किया. पश्चात फीता काटकर शुभारंभ किया गया.
कार्यक्रम में मनपा आयुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर, पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख , कांग्रेस के शहराध्यक्ष बबलू शेखावत, महिला आघाडी की अध्यक्षा प्रा. डॉ. अंजली ठाकरे, पूर्व सांसद अनंत गुढे, डॉ. पंजाबराव देशमुख बैंक के अध्यक्ष राजेन्द्र महल्ले, पूर्व महापौर विलास इंगोले, गणेशोत्सव मंडल के अध्यक्ष डॉ. संदीप दानखेडे, स्वागताध्यक्ष शैलेश अग्रवाल, चंदुभाउ पवार, उपाध्यक्ष नवीन चोरडिया, कैलाश गिरोडकर, सचिव राजू पिंजरकर, कोषाध्यक्ष मनीष काजनेकर आदि प्रमुखता से उपस्थित थे.
इस अवसर पर अनंत विभूषित जगतगुरू रामानंदाचार्य स्वामी श्री रामराजेश्वराचार्य समर्थ माउली ने आशीवर्चन कहते हुए कहा कि, गणेशोत्सव सभ्यता एवं संस्कृति का प्रतीक है. जिसके माध्यम से हम इस भूमि को पावन बना रहे है. मंडल ने भी अपनी संस्कृति का जतन किया है. अमरावती को इंद्रपुरी भी कहा जाता है.
आज इस पावन समारोह में इंद्रदेवता भी प्रसन्न हुए है. वर्षा यह शुभ संकेत होता है. गंगा को हम जिस प्रकार शिवतीर्थ मानते है. उसी प्रकार भगवान गणेश के आगमन समेत वर्षा का आगमन यह हमारे लिय शुभ घडी बनकर आया है. विलास इंगोले ने हमेश ही अपनी परंपर एवं संस्कृति का पालन किया है. मैं हर साल इस पावन धरा पर उनके अनुरोध पर आता हूॅ. मुझे बेहद प्रसन्नता होती है. इस वर्ष भी मैं यहां आया हूॅ. यहां की झांकी देखकर मानो पूरा परिसर शिवमय हो गया है. ऐसा प्रतीत हो रहा है. विशेष यह कि इस अध्याय शाला में हमारे जैसे विद्यार्थ्ीा पूजा-अर्चना कर अध्ययन कर रहे है. साथ ही यहां प्लास्टिक का जरा सा भी इस्तेमाल नहीं हुआ. यह आनंद की बात है. पर्यावरण की हानि न हो इसका ध्यान रखते हुए जो आयोजन किया है, उसके लिए हम विलास इंगोले व उनकी टीम का अभिनंदन करते है. आनेवाले समय में यह हमारी संस्कृति एवं धरोहर को नयी पीढी इसी प्रकार जतन करती रहेगी. यह कामना करते हुए सभी को आशीर्वाद दिया. साथ ही उद्घाटन की घोषणा की.
कार्यक्रम में मान्यवरों को आयोजको की ओर से अमरावती के इतिहास को दर्शाती किताब भेट दी गई. पश्चात शंखनाद के साथ भगवान गणेश तथा महाकाल की आरती से कार्यक्रम की समाप्ति हुई.
इस अवसर पर पूर्व विधायक प्रदीप वडनेरे, एड. प्रशांत देशपांडे, राजाभाउ मोरे, राजाभाउ माजलगावकर, प्रकाश संगेकर, दिलीप कलोती, दिलीप दाभाडे, प्रा. डॉ. किशोर फुले, विवेक कलोती, ज्ञानेश्वर हिवसे, नंदू गुंबले, संजय वाकोडे, सतीश चौधरी, किशोर कलोती, किशोर बोराटने, संतोष बद्रे, गणेश मालोकार, चेतन चव्हाण, संजय मुचलंबे, सुरेश रतावा, प्रवीण चौधरी, संतोष चिखलकर, निलेश सराफ, मयूर जलतारे, राजेश ढोले, भूषण पुसतकर, राजू बोराटने, विलास बिजवे, अण्णा करणे, शरद देवरनकर, मोहन खोपे, नितीन इंगोले, नितीन सराफ, विशाल फाटे, पंकज सराफ, रेवण पुसतकर, मनीष चौधरी, सचिन कोहले, मुन्ना दुलारे, अजय पुसतकर, अजय इंगोले, सतीष बद्रे, अमित काजनेकर, संजय कदम, उमेश देशमुख, सहसचिव निलेश वानखडे, अर्जुन इंगोले, राहुल कथलकर, वेदांत डांगे, अद्बैत बोराटने, कृष्णा हिवसे, अश्विन कलोती, विवेक आवले, मनोहर चौधरी, अमित कजनेकर, अनिल देवरणकर, जयंत कलोती, सुशील कठलकर के साथ बडी संख्या में पदाधिकारी वरिष्ठ सदस्य कार्यकर्ता उपस्थि

Related Articles

Back to top button