अमरावती

जिले में 12 हजार बच्चे सर्दी-खांसी की चपेट में

जागरुक पालक-सुदृढ बालक अभियान के जरिए सामने आयी जानकारी

अमरावती/दि.3 – जागरुक पालक-सुदृढ बालक अभियान के तहत किए गए स्वास्थ्य परीक्षण में पता चला कि, जिले में 12 हजार 801 बच्चे सर्दी-खांसी व बुखार की चपेट में आकर बीमार चल रहे है. जिसमें से 80 बच्चों अलग-अलग कारणों के चलते शल्यक्रिया करना बेहद जरुरी है.
बता दें कि, जिले में 9 फरवरी से जागरुक पालक-सुदृढ बालक अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत 0 से 18 वर्ष आयु गुट वाले 1 लाख 60 हजार 853 बच्चों की स्वास्थ्य जांच की जा रही है. डीएचओ डॉ. दिलीप रणमले के मार्गदर्शन में चलाए जा रहे इस अभियान के तहत अंगणवाडी केंद्र व शाला में पढने वाले विद्यार्थियों सहित शालाबाह्य विद्यार्थी तथा इट भट्टों पर काम करने वाले बच्चों की स्वास्थ्य जांच की जा रही है. इसमें अब तक 1 लाख 35 हजार 915 बच्चों की स्वास्थ्य जांच की जा चुकी है. जिसमें से 12 हजार 801 बच्चे विविध बीमारियों से त्रस्त रहने की जानकारी सामने आयी है. इसमें से 10 हजार 81 बच्चों पर प्राथमिक औषधोपचार किया गया है. यह अभियान लगातार 2 माह तक चलेगा. जिसके तहत 0 से 18 वर्ष आयु गुट वाले 1 लाख 60 हजार 859 बच्चों की स्वास्थ्य जांच की जाएगी. इस अभियान के तहत विभिन्न पथकों द्बारा की गई जांच में 0 से 6 वर्ष आयु गुट वाले 44 हजार 242 तथा 6 से 18 वर्ष आयु गुट वाले 1 लाख 35 हजार 915 बच्चों की जानी है. 27 फरवरी तक की गई स्वास्थ्य जांच में 12 हजार 801 बच्चे विविध बीमारियों से त्रस्त पाए गए. जिसमें से 10 हजार 81 बच्चों पर प्राथमिक उपचार किया गया है. वहीं 4 हजार 71 बच्चों को इलाज हेतु एवं 80 बच्चों को शल्यक्रिया हेतु संदर्भीत किया गया है, ऐसी जानकारी स्वास्थ्य विभाग द्बारा दी गई है. इन सभी बच्चों की ओर स्वास्थ्य विभाग द्बारा आवश्यक देखरेख की जा रही है.

* सर्दी-खांसी के साथ ही दंतरोग व क्षयरोग की बीमारी
बीमार पाए गए 12 हजार 801 बच्चों में सर्दी-खांसी, दंतरोग, रक्तक्षय, दृष्टि दोष व जन्मजात व्यंगत्व आदि बीमारियां रहने की बात सामने आयी. इसमें से 10 हजार 81 बच्चों पर प्राथमिक इलाज किया गया है. वहीं 4 हजार 71 बच्चों को औषधोपचार हेतु तथा 80 बच्चों को शल्यक्रिया हेतु संदर्भीत किया गया.
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* भारी भरकम टीम लगी है काम में
जागरुक पालक-सुदृढ बालक अभियान अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग ने कुल 375 टीमों को स्वास्थ्य जांच के काम हेतु नियुक्त किया है. जिसमें 280 सीएचओ, 45 वैद्यकीय अधिकारी, 22 उडनदस्तों के डॉक्टर तथा राष्ट्रीय बालस्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत 36 पथकों द्बारा 0 से 18  गुट वाले बच्चों की स्वास्थ्य जांच की जा रही है.
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* मौसम बदलने से वायरल बीमारियां बढी
इस समय मौसम में आए दिन होने वाले बदलाव की वजह से सर्दी-खांसी व बुखार सहित बदनदर्द की समस्याएं बढ गई है. जिसकी वजह से ग्रामीण क्षेत्रों के सभी दवाखानों में मरीजों की अच्छी खासी भीडभाड दिखाई देने लगी है. इन मरीजों में छोटे बच्चों से लेकर युवाओं व बुजुर्गों का भी बडे पैमाने पर समावेश है.

जिले में 0 से 18 वर्ष आयु वर्ग वाले बच्चों की स्वास्थ्य जांच की जा रही है. प्रत्येक अभिभावक ने पूरी जबाबदारी के साथ अपने बच्चों की इस अभियान के तहत स्वास्थ्य जांच करवानी चाहिए. इस अभियान के दौरान बीमार पाए जाने वाले बच्चों का नि:शुल्क इलाज किया जाएगा.
– डॉ. सुभाष ढोले,
अतिरिक्त जिला स्वास्थ्य अधिकारी.

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