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पहले दिन दिखाई दिए 12 बाघ, 20 तेंदुए

सैकडों वन्यजीव प्रेमियों को पशुओं के दर्शन

* मुंबई, पुणे, हैदराबाद से भी आए थे सैलानी
अमरावती/ दि. 25-प्रकृति द्बारा दो पूरणमासी के दिए गये अवसर को वन्यजीव प्रेमी, इंसानों और फॉरेस्ट विभाग ने उपयोग में लाया. दो रात जंगलों में मचानों पर जागकर वार्षिक प्राणी गणना और दुर्लभ प्राणियों के दीदार किए गये. 23 मई की रात 12 बजे शुरू हुई प्राणी गणना में 12 स्थानों पर बाघ और 20 जगहों पर तेंदुए के दर्शन इन लोगों को हुए जो जलाशयों के पास बनाए गये मचानों पर डटे थे. उल्लेखनीय है कि वार्षिक प्राणी गणना के वास्ते हैदराबाद, मुंबई और पुणे सहित देश के अनेक भागों से वन्यजीव प्रेमी यहां आए. उनका आना व्यर्थ नहीं रहा. उन्हें जंगली जानवरों ने दर्शन दिए. इसी प्रकार पर्यटकों ने जंगल में रात गुजारने का भी अनुभव लिया.
* पट्टेदार बाघ और कई पशु
फारेस्ट विभाग ने 191 मचान लगाए थे. मेलघाट बाघ प्रकल्प में पट्टेदार बाघ, तेंदुए, भालू, सांभर, चीतल, नीलगाय, बारासिंगा, सियार, भेडिया, लकडबग्घा, खरगोश और दीगर वन्यजीव रहे.
* टिपेश्वर में दिखाई दिए 6 बाघ
अमरावती मंडल से चर्चा करते हुए एक वन अधिकारी ने बताया कि 12 स्थानों पर बाघ का दीदार हुआ. जिसमें टीपेश्वर में 6, सोनाला और नरनाला में दो- दो, चिखलदरा और चूर्णी में एक-एक बाघ दिखाई दिया. इसके अलावा 20 अलग-अलग तेंदुए भी पर्यटकों को नजर आए. वनाधिकारी ने बताया कि अभी प्राणी गणना के सभी 29 रेंज के आंकडे एकत्र करना शुरू है. वे कल यह आंकडे दे सकते हैं.
* पर्यटक खुश, अच्छा रिस्पॉन्स
पर्यटकों ने वन विभाग की सेवा सुविधा पर संतोष और प्रसन्नता व्यक्त की. उनमें मुंबई सहित अन्य राज्यों से भी आए वन्यजीव प्रेमी शामिल थे. उन्होंने वन विभाग द्बारा दो दिन तक उन्हें दी गई सुविधा की सराहना की. भोजन, नाश्ते को भी अच्छी क्वालिटी का बताया. महकमे ने पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित की थी. अत: रेंज कार्यालय से मचान तक खास जिप्सी वाहनों में ले जाने की व्यवस्था की गई थी. पर्यटक बाघों को देखकर खुश हुए. अपने आपको भाग्यशाली समझा. चांदनी रात में कई जगहों पर बाघ और तेंदुए के प्रत्यक्ष सामने दर्शन कर टूरिस्ट रोमांचित हो गये थे.

* क्षेत्र संचालक मचान पर
उपक्रम यशस्वी करने मेलघाट बाघ प्रकल्प के क्षेत्र संचालक आदर्श रेड्डी ने स्वयं मचान पर रातभर बैठकर प्रकृति का आनंद लिया और दूसरे दिन अनुभव निसर्ग प्रेमियों के समक्ष व्यक्त किए. उपवन संरक्षक सुमंत सोलंके, एसीएफ रामानुज बांगड, अकोट के उपवन संरक्षक जयकुमार, सिपना की उपवन संरक्षक श्रीमती दिव्या भारती, विभागीय वन अधिकारी निमजे, उत्तम फड, मनोज खैरनार, वन परिक्षेत्र अधिकारी राहुल धाइत और वन कर्मचारी और मजदूरों की उपस्थिति व सहयोग से प्राणी गणना यशस्वी रही.

* रात्रि कीडों की किरकीर
झक सफेद चांदनी रात को जंगल का निरामय संगीत, प्राणियों की आवाजे, कीट पतंगों की किरकीर, शीतल हवाओं के झोेंके तथा जंगल की नीरव शांति का अनुभव और जलाशयों पर आए वन्यजीवों के दर्शन निसर्ग प्रेमियों ने किए. 12 बाघ, लगभग 20 तेंदुए, भालू, सांभर, नीलगाय, जंगली कुत्ते आदि पशु प्रत्यक्ष देखने मिले. निसर्ग प्र्रेमियों ने अपने अनुभव वहां रखे गये बुक में दर्ज किए हैं. राधानगरी, हिंगोली, गोवा, नांदेड से सभी प्रकृति प्रेमी आए थे.

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