अमरावती/दि.6– अप्रैल से दिसंबर 2024 तक 9 माह में महावितरण ने 1184 बिजली चोरों को ढूंढ निकालकर उन पर कार्रवाई की है. इन ग्राहकों ने 4 करोड 28 लाख रुपए की बिजली चुराई है. सभी पर दंडात्मक कार्रवाई की गई है. समझौता शुल्क भरकर बिजली चोरी की राशि का भुगतान न करने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी, ऐसी जानकारी अधीक्षक अभियंता दीपक देवहाते ने दी है.
महावितरण का बिजली चोरी पकडने के लिए निरंतर अभियान जारी रहता है. अप्रैल से दिसंबर तक बिजली मीटर में छेडछाड, मीटर बंद करना, मीटर के पीछे छेद बनाना, मीटर की गति धीमी करना ऐसे मामले जांच के दौरान उजागर हुए. बिजली चोरों को 4.28 करोड के बिल दिए गए थे. उनमें से 1050 बिजली चोरों ने 4.21 करोड का भुगतान किया है. प्रतिसाद न देने वाले 134 मामलों में कानूनी कार्रवाई की प्रकिया जारी है.
संचालक अरविंद भादीकर ने अमरावती में आयोजित बैठक में बिजली चोरों के खिलाफ चल रहा अभियान तेज कर वितरण हानि 15 प्रतिशत तक कम करने का टार्गेट दिया है. इस अभियान अंतर्गत सदोष मीटर व कम बिजली बिल रहनेवाले सभी ग्राहकों को मीटर की जांच की जाएगी. सहूलियत देने के बावजूद भी अभय योजना में बिजली खंडित किए 70 हजार ग्राहक सहभागी नहीं हुए है तथा उन्होंने फिर से कनेक्शन भी नहीं लिए है. इसलिए अब उन सभी ग्राहकों के मीटर की जांच की जाएगी. बिजली चोरी के कारण बिजली वाहक व डीपी पर अतिरिक्त दबाव आने से वह बंद पडती है. शॉर्ट सर्किट होकर बिजली आपूर्ति बंद हो जाती है और उसका खामियाजा नियमित बिल भरनेवाले ग्राहकों को भुगतना पडता है. इसमें महावितरण को भी आर्थिक नुकसान सहना पडता है और नागरिकों के गुस्से का सामना भी करना पडता है.