अमरावती/दि. 19– अंबानगरी धर्मनगरी के रुप में प्रसिद्ध है. यहां के देवालय भी पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व रखते हैं. इसी कडी में अंबापेठ के आलसी राम मंदिर के नाम से प्रसिद्ध लगभग 125 वर्ष पुराने मंदिर को रामभक्तों का आस्था का केंद्र माना जाता है. इतने वर्ष पुरानी मूर्तियां आज भी दमकती है, आकर्षित करती है. देवत्व का सहज आभार कराती हैं. प्रभु श्रीराम, सीता, लक्ष्मण की आकर्षक मूर्तियों के साथ ही मंदिर का दैदीप्यमान इतिहास है.
* एड. आलसी ने की स्थापना
लगभग 125 वर्ष पहले प्रसिद्ध वकील पांडुरंग गोविंदराम आलसी ने मंदिर की स्थापना की. एड. आलसी पंचक्रोशी में प्रखर रामभक्त के रुप में जाने जाते थे. अकोला जिले में भी उनकी बडी प्रसिद्धि थी. उन्होंने मित्रमंडल के आग्रह पर अंबापेठ परिसर में राम मंदिर स्थापित किया.
* बेडेकर गुुरुजी का पौराहित्य
मित्रों के आग्रह पर बनाए गए राम मंदिर में राम, लक्ष्मण, जानकी की प्रतिमाओं की विधिवत प्राण प्रतिष्ठा की गई. कुलाचार्य चिंतामणि बेडेकर गुरुजी ने पौराहित्य किया था. प्राचीन मंदिर में भव्य ऐसा लकडी का सभामंडप आपको बरबस आकर्षित करता है. आप उसे निहारते रह जाते हैं. यह मंदिर अतिशय जागृत होने की भावना कई भक्तों की है.
* रामनवमी पर बडा उत्सव
आलसी राम मंदिर के नाम से सर्वत्र प्रसिद्ध इस देवालय में रामनवमी पर बडा उत्सव होता है. इसके अतिरिक्त संपूर्ण वर्षभर भजन, कीर्तन, गोपालकाला, आदि कार्यक्रम होता है. श्रीराम महाराज, गणेश शास्त्री, धनंजय शास्त्री सहित अनेक महान संतों ने इस मंदिर को भेंट दी है. इसके अलावा अनेक संत- महंतों के चरण इस मंदिर के दर्शन लिए है. अमरावती शहर में राम मंदिर की संख्या काफी कम है. शहर में पुरातन राम मंदिर बहुत कम है. जिसमें एक मंदिर अंबापेठ परिसर के आलसी राम मंदिर के नाम से जाना जाता है. मंदिर में होने वाले कार्यक्रमों में महिला व पुरुष भाविक बडे प्रमाण में सहभागी होते हैं.
* 22 को अनेक अनुष्ठान
22 जनवरी सोमवार को अयोध्या के प्राण प्रतिष्ठा समारोह उपलक्ष्य यहां मंदिर में श्रीराम रक्षा स्त्रोत पाठ, राम नाम जाप, आरती, प्रसाद वितरण किया जाएगा. मंदिर के अध्यक्ष विजय श्रीधर आलसी गत 40 वर्षो से यहां के आयोजनों की देखरेख कर रहे हैं. आगामी मार्च माह में शतकोत्तर रौप्य महोत्सव मनाए जाने की जानकारी विजय आलसी ने दी.