9 माह में कोरोना नियम उल्लंघन के 1259 मामले दर्ज
2759 ने किया धारा 188 का उल्लंघन, 526 वाहन किये गये जब्त
अमरावती प्रतिनिधि/दि.22 – अमरावती शहर सहित जिले में कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए विगत 9 माह से आपत्ति व्यवस्थापन अधिनियम एवं महामारी प्रतिबंधात्मक अधिनियम के साथ ही संचार बंदी आदेश भी लागू है. जिनका उल्लंघन करने पर दफा 188 के तहत अपराध दर्ज किया जाता है. विगत 9 माह के दौरान जिले में कानून व व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए पुलिस को अच्छा-खासा पसिना बहाना पडा है. हालाकि इसके बावजूद भी लोगबाग कोरोना प्रतिबंधात्मक नियमों और सुरक्षा उपायों को लेकर पूरी तरह से धिर गंभीर व जागरुक नहीं हुये है. ऐसे में पुलिस ने विगत 9 माह के दौरान कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों का उल्लंघन करने वाले 2759 लोगों के खिलाफ 1259 मामलें दर्ज किये है. साथ ही इन कार्रवाईयों में 526 वाहन भी जब्त किये.
बता दें कि, कोरोना प्रतिबंधात्मक नियमों के तहत सार्वजनिक स्थानों पर अनावश्यक भीड भाड नहीं करने, सार्वजनिक स्थानों पर नहीं थूंकने, मूंह पर हमेशा मास्क लगाने तथा कई समय के बाद होटल, बार व रेस्टारेंट खुले नहीं रखने का नियम जारी किया गया है. लेकिन इसके बावजूद भी शहर में इन नियमों का खुलेआम उल्लंघन होता दिखाई देता है. ऐसे में शहर पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह ने प्रतिबंधात्मक नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का अभियान शुरु किया है. जिसके तहत विगत 9 माह के दौरान धारा 188 के अंतर्गत 1259 मामले दर्ज करते हुए 2759 लोगों को आरोपी बनाया गया है.
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अब शिकायतकर्ता से लिया जाएगा पुलिस थाने का ‘फीडबैक’
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– थानेदारों के कामकाज का सीपी डॉ. सिंह करेंगी मुल्यांकन
शहर पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह ने अपने कार्यक्षेत्र अंतर्गत एक अनूठी संकल्पना को अमल में लाते हुए तय किया है कि, अब अपनी समस्याओं को लेकर पुलिस थाने में आने वाले आम शिकायतकर्ता द्बारा पुलिस थानों में मिलने वाले व्यवहार के संदर्भ में फीडबैक दिया जाएगा. जिसके आधार पर संबंधित पुलिस थाना प्रमुख के कामकाज का मुल्यांकन होगा. ज्ञात रहे कि, अमूमन पुलिस थानों में मिलने वाले व्यवहार की वजह से लोगबाग खुद पर अन्याय होने के बावजूद भी पुलिस थानों में शिकायत दर्ज कराना पसंद नहीं करते. क्योंकि पुलिस थानों में जाने के बाद उन्हें काफी दूरे अनुभव का सामना करना पडता है. इस स्थिति को बदलने के लिए शहर पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह ने अब शिकायतकर्ताओं से फीडबैक लेते हुए पुलिस थानों और पुलिस अधिकारियों का मुल्यांकन करने की बात तय की है. इसके तहत अब प्रत्येक पुलिस थाने में एक फीडबैक फॉर्म रख जाएगा. जिस पर पुलिस थानों में अपनी शिकायत दर्ज कराने हेतु आने वाले नागरिकों को अपने अभिप्राय लिखने होंगे. इसके तहत शिकायत दर्ज कराने हेतु आने पर पुलिस अमलदार का व्यवहार कैसा था, शिकायत स्विकार की गई अथवा नहीं, इसमें कोई समस्या या दिक्कत तो नहीं आयी, शिकायत दर्ज करते समय पुलिस की भूमिका सहयोगात्मक रही अथवा नहीं, शिकायतकर्ता होने के नाते आप समाधानी है अथवा नहीं, आदि सवालों का जवाब देना होगा. सबसे उल्लेखनिय बात यह है कि, खुद पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह इन सभी फीडबैक फॉर्म को पडेंगी और जिन पुलिस थानों का कामकाज असंतोषजनक पाया जाएगा, उन पुलिस थानों की ओर गंभीरतापूर्वक ध्यान दिया जाएगा.