अमरावती/दि.18– ग्रीष्मकाल की शुरुआत होते ही जलस्त्रोत सूखा पड़ने के कारण पश्चिम विदर्भ के 1,291 गांवों में अप्रैल पश्चात जल किल्लत की समस्या निर्माण होने की संभावना दर्शाई जा रही है. प्रस्तावित उपाय योजना की लापरवाही से जल किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. फिलहाल 37.85 करोड़ रुपए की 2,623 उपाय योजनाओं की मात्रा ग्रामीण जलापूर्ति विभाग ने बनाई है. इसमें नल योजना सहित टैंकर के काम निविदा प्रक्रिया में होने की जानकारी प्रशासन ने दी.
जल किल्लत की तीव्रता मार्च पश्चात बढ़ती है. प्रति वर्ष 100 से अधिक टैंकरों द्वारा जलापूर्ति की जाती है. जिसकी तुलना में इस बार भूजल स्तर कम नहीं होने से टैंकरों की संख्या कम रहेगी. अगस्त से अक्तूबर दरमियान हुई बारिश से जमीन का पुनर्भरण हुआ है. कुछ भागों में इसका सुखद असर दिखाई दे रहा है.
दरमियान अमरावती जिले के 143 गांवों में 265 निजी कुओं का अधिग्रहण, 33 टैंकर, 165 नल योजनाओं की विशेष दुरुस्ती, 149 नये सिंचन कुएं व 18 कुछ समय के लिए नल योजना तैयार की गई है. इस पर 12.60 करोड़ का निधि खर्च होगा.
अकोला जिले के 179 गांवों में 140 निजी कुओं का अधिग्रहण, 6 नल योजनाओं की दुरुस्ती, 36 सिंचन कुएं व कुछ समय के लिए पांच नल योजना तैयार की जाएगी. इन 188 उपाय योजनाओं के लिए 1.94 करोड़ निधि खर्च की जाएगी.
यह है उपाय योजना
जलकिल्लत के लिए बुलढाणा जिले के 399 गांवों में चार कुएं गहरे करना, 341 निजी कुओं का अधिग्रहण, 40 टैंकर द्वारा जलापूर्ति व 92 नये सिंचन कुए तैयार किये जाएंगे. ऐसी 498 उपाय योजनाओं पर 3.31 करोड़ का खर्च होगा. यवतमाल जिले में किल्लतग्रस्त 296 गांवों में 278 निजी कुओं का अधिग्रहण, 29 टैंकर ऐसी कुल 307 उपाय योजनाओं पर 2,165 करोड़ का निधि खर्च होगा. बावजूद इसके वाशिम जिले के 274 गांवों में 201 कुओं का अधिग्रहण, 13 टैंकर ऐसे कुल 245 उपाय योजनाओं पर 1.56 करोड़ खर्च होंगे.