
* छात्र-छात्राओं ने समय पर पहुंचकर किया हल
* सेंटर्स के बाहर अभिभावकों का हुजूम
अमरावती/दि.11-छात्र जीवन में महत्वपूर्ण और करियर चयन में मोड साबित होने वाली राज्य शिक्षा बोर्ड की कक्षा बारहवीं की परीक्षा आज से संभाग के 542 केंद्रों पर प्रारंभ हुई. विद्यार्थी पहला पर्चा होने से उत्साह से सेंटर्स पर पहुंचे. अधिकांश के माता-पिता अपने पाल्यों को बेस्ट ऑफ लक कहकर सेंटर पर छोडने आए थे. कई अभिभावक देर तक परीक्षा केंद्रों के बाहर धूप के बावजूद जमे रहे. दोपहर 2 बजे पश्चात एक-एक विद्यार्थी केंद्रों से बाहर आकर अपने माता-पिता से मिलने लगे. अधिकांश ने कहा कि पहला अंग्रेजी का पर्चा तुलना में आसान रहा. कई विद्यार्थियों ने अमरावती मंडल से बातचीत में दावा किया कि अप्रेसिएशन और ग्रामर ईझी रहा. उन्हें अच्छे अंकों की आस है. वहीं कतिपय विद्यार्थियों को आंग्लभाषा का पेपर कठिन दिखाई पडा.
उल्लेखनीय है कि, माध्यम व उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने कॉपीमुक्त एग्जाम के लिए व्यापक प्रबंध किए हैं. सेंटर्स पर सवेरे 10 बजे से ही पुलिस बल तैनात रहा. परिसर की दुकानें भी बंद करवाई गई. विद्यार्थियों को 10.30 बजे पहुंच जाना था. अधिकांश छात्र-छात्राएं सवा दस तक सेंटर्स पर दाखिल हो चुके थे.
पहला दिन होने से सेंटर्स पर जल्दी पहुंचे विद्यार्थियों को अपनी आसन संख्या के हिसाब से कक्ष खोजना था. इसलिए भी वे समय से पहले वहां पहुंचे. कुछ सेंटर्स पर कनिष्ठ महाविद्यालय, शाला परिसर में अभिभावकों को प्रवेश दिया गया. कुछ सेंटर्स पर इस तरह के प्रवेश की भी मनाही रही. इतना जरूर देखा गया कि, माताएं अपने पाल्यों को एडमिशन कार्ड, पेन और कम्पास आदि के बारे में सूचनाएं देती रही.
* जूते और स्मार्ट वॉच खुलवाई गई
अमरावती मंडल संवाददाता ने शहर के अनेक परीक्षा केंद्रों का दौरा किया. वहां 10 बजे से विद्यार्थियों का अभिभावकों के संग आगमन शुरु हो गया था. उसी प्रकार कहीं-कहीं लाउड स्पीकर से पर्यवेक्षक आवश्यक सूचनाएं कर रहे थे. जिसके तहत कलाई पर बांधी गई स्मार्ट वॉच और विद्यार्थियों के जूते-मोजे भी कक्षा के बाहर खुलवा लिए गए. फलस्वरूप अनेक छात्र-छात्राएं कक्षा में नंगे पैर रहे.
विद्यार्थियों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं
अमरावती मंडल ने देवरणकर नगर स्थित समर्थ महाविद्यालय परिसर में अंग्रेजी का पहला पर्चा हल कर निकले विद्यार्थियों से बात की. अनेक ने इसे आसान पर्चा बताया. यह भी दावा किया जो वे पढकर गए थे, पर्चे में उनमें से अधिकांश विषय पर ही सवाल रहे. वहीं कुछ विद्यार्थियों ने कहा कि, उनकी अपेक्षा से कठिन पर्चा रहा. कनक चिरानिया ने कहा कि, उसके लिए बडे दिनों से की गई परीक्षा की तैयारी उपयोगी रही. इसी प्रकार की प्रतिक्रिया स्तुति खंडेलवाल, आराधना जवंजाल, प्रेक्षा जैन, और पूर्वेश डागा की रही. वहीं प्रथम का कहना था कि, पहले पर्चे से यह सबक जरूर मिला कि कठिन पर्चे के लिए भी तैयार रहना चाहिए. कुछ विद्यार्थियों ने मान्य किया कि, भाषा के पेपर में शत-प्रतिशत स्कोर की गुंजाइश कम रहती है. फिरभी आगामी पेपर के लिए वे और परिश्रम करेंगे.
9 उडन दस्ते
उल्लेखनीय है कि अमरावती बोर्ड में विभागीय आयुक्त और जिलाधीश के निर्देशों पर बने 9 उडन दस्ते कार्यरत है. पहले दिन कुछ सेंटर्स पर कलेक्टर के दस्ते द्वारा धडक दी गई है.