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पोटे व गुप्ता सहित 13 भाजपाई जमानत पर छूटे

रात 10 बजे अदालत में जमानत हुई

*कल दिन भर ड्रामा चलता रहा

* वकिलों की फौज खडी थी अदालत में

* राजनीतिक घटनाक्रम भी तेजी से घूमे

अमरावती/दि.18- इस समय स्थानीय पुलिस द्वारा 13 नवंबर को अमरावती बंद के दौरान हुई हिंसा व तोडफोड के लिए भाजपा नेताओं व पदाधिकारियों के खिलाफ एक के बाद एक अपराध दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है. जिसके तहत पूर्व जिला पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटील व जगदीश गुप्ता सहित भाजपा के अनेकों पदाधिकारियों को अलग-अलग मामलों में विभिन्न धाराओं के तहत नामजद किया गया है. जिसके चलते गत रोज दोनों पूर्व पालकमंत्रियों प्रवीण पोटे व जगदीश गुप्ता ने अपने 13 कार्यकर्ताओं के साथ सिटी कोतवाली पुलिस थाने पहुंचकर आत्मसमर्पण किया था. अमूमन ऐसे मामलों में पुलिस द्वारा हिरासत में लिये गये आरोपियों को तुरंत ही मेडिकल कराते हुए अदालत के समक्ष पेश किया जाता है. किंतु गत रोज गिरफ्तारी के बाद से एक हाई वोल्टेज ड्रामा शुरू हुआ, जो देर शाम तक चलता रहा और काफी देर की हां व ना के बाद पुलिस द्वारा पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे व 13 भाजपा कार्यकर्ताओं को कोर्ट में पेश किया गया. जहां पर देर रात करीब 10 बजे सभी की जमानत पर फैसला हुआ और सभी को जमानत पर रिहा किया गया. किंतु हिरासत में लिये जाने के बाद अदालत में पेशी करने तक और अदालत में पेश किये जाने के बाद जमानत देने अथवा नहीं देने के फैसले तक पूरा समय असंमजस व संभ्रम की स्थिति बनी रही. साथ ही इस दौरान अमरावती से लेकर मुंबई तक कई हाई प्रोफाईल लोगों के फोन खनखनाते रहे.
बता दें कि, विगत शनिवार को स्थानीय राजकमल चौराहे पर हुए उग्र प्रदर्शन तथा इसके बाद हुई हिंसा व तोडफोड के मामले सहित लोगों को भडकाने तथा पुलिस व प्रशासन के खिलाफ प्रक्षोभक वक्तव्य देने को लेकर धारा 259, 295 (अ), 153 (अ), 153 (अ) व (ब), 270, 188 तथा मपोका की धारा 135 के तहत नामजद किये गये पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटील व जगदीश गुप्ता ने कल बुधवार की दोपहर अपने 13 समर्थकों के साथ सिटी कोतवाली पुलिस थाने पहुंचकर आत्मसमर्पण किया. जिसके बाद पुलिस द्वारा उन्हेें विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया. जिसके बाद सभी लोगों को मेडिकल कराने हेतु इर्विन अस्पताल ले जाया गया. जहां से उन्हें अदालत में पेश करने हेतु कोर्ट ले जाया जाना था. ऐसे में कोर्ट में एड. प्रशांत देशपांडे, एड. चंद्रकांत डोरले, एड. वासुदेव नवलानी, एड. चिराग नवलानी व एड. रोहित कलोती सहित दर्जनों वकीलों की फौज इन सभी के कोर्ट पहुंचने का इंतजार कर रही थी. साथ ही यहां पर महापौर चेतन गावंडे, भाजपा जिलाध्यक्ष निवेदिता चौधरी, शहराध्यक्ष किरण पातुरकर, पूर्व स्थायी सभापति विवेक कलोती, पूर्व पार्षद संजय अगवाल सहित करीब 100 से 125 भाजपाईयों का हुजूम भी इन सभी को अदालत लाये जाने का इंतजार कर रहा था. किंतु पुलिस द्वारा केवल पूर्व पालकमंत्री जगदीश गुप्ता को ही स्थानीय अदालत में पेश किया गया.
वहीं पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटील सहित अन्य 13 भाजपा कार्यकर्ताओं को यह कहते हुए वापिस सिटी कोतवाली थाने लाया गया कि, कुछ दस्तावेज थाने में ही छूट गये है. जबकि अमूमन थाने से मेडिकल के लिए ले जाये जाने के बाद किसी भी आरोपी को कोर्ट में पेश किया जाता है. विशेष तौर पर राजनीतिक मामलों में यहीं प्रैक्टिस होती है, लेकिन इससे विपरित गत रोज पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटील को उनके समर्थकोें सहित वापिस कोतवाली लाया गया. इसके बाद घटनाक्रम बडी तेजी से घुमना शुरू हुआ. जिसके तहत जहां एक ओर थाने में पूर्व पालकमंत्री पोटे को लॉकअप् में डालने की पूरी तैयारी की जा रही थी, वहीं दूसरी ओर इस मामले की खबर जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर सहित पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस तक पहुंची. इसी दौरान कोतवाली पुलिस थाने में किसी इलेक्ट्रॉनिक न्यूज चैनल ने पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे का इंटरव्यू ले लिया था. जिसमें पूर्व पालकमंत्री पोटे ने विगत शुक्रवार व शनिवार को अमरावती में भडकी हिंसा के लिए राज्य की महाविकास आघाडी सरकार में शामिल दलों, विशेषकर शिवसेना को जमकर आडे हाथ लिया था और यह इंटरव्यू कुछ न्यूज चैनल पर प्रसारित भी हो गया था, जो शायद पुलिस महकमे के वरिष्ठाधिकारियों सहित सरकार में शामिल कुछ नेताओं को बेहद नागवार गुजरा था. यहीं वजह है कि, कोर्ट ले जाने की बजाय पूर्व पालकमंत्री पोटे को लॉकअप् में डालने की तैयारी शुरू की गई. किंतु तेजी से बदलते घटनाक्रम और हर ओर से बढते दबाव के बीच शाम करीब 6 बजे खबर आयी कि, पोटे को कोर्ट लाया जा रहा है. जिसके बाद उन्हें शाम 6.30 बजे अदालत में पेश कर दिया गया. इसके बाद एक बार फिर स्थानीय भाजपा पदाधिकारियों ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओें से संपर्क करना शुरू किया. क्योंकि अब भी पार्टी के 13 कार्यकर्ता कोतवाली थाने में ही अटके हुए थे. जिसके बाद हमें मिली जानकारी के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री देवेेंद्र फडणवीस ने गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील से बात की और रात 8 बजे कुणाल सोनी, विपीन गुप्ता, बंटी पारवानी, चेतन वाटनकर, सत्यजीत राठोड, संगम गुप्ता, विक्की माटोडे, दिनेशसिंह, लक्ष्मण मिंगनगुडे, निशांत जोध व उमेश मोडे इन भाजपा कार्यकर्ताओं को भी कोर्ट में लाया गया. जहां पर सभी की जमानत का काम शुरू हुआ.

* ऐन समय पर पोटे के पीसीआर की बजाय एमसीआर की मांग

कोर्ट में अभी तीन लोगों की ही जमानत हो पायी थी कि, जगदीश गुप्ता की जमानत के आवेदन पर जज साहब रूक गये और उन्होंने पुलिस के ‘से’ की मांग की. जिसके बाद पुलिस ने अपना ‘से’ दाखिल करते हुए गुप्ता की जमानत का विरोध किया. पश्चात अदालत में वकीलों की लंबी-चौडी जिरह हुई. इस समय पुलिस द्वारा पहले प्रवीण पोटे की जमानत का विरोध करते हुए पीसीआर की मांग की गई, लेकिन अचानक ही घटनाक्रम तेजी से बदला और पहली बार किसी आरोपी के पीसीआर संबंधी दस्तावेजों को अदालत पहुंचने से पहले एमसीआर का दस्तावेज बना दिया गया. जिसे लेकर पुलिस द्वारा दलील दी गई कि, वे प्रवीण पोटे के लिए एमसीआर की ही मांग करना चाह रहे थे. किंतु गलती से टाईपिंग मिस्टेक हो गई और दस्तावेज पर पीसीआर की बजाय एमसीआर टाईप हो गया. जिसे अदालत में पेश करने से पहले ही दुरूस्त कर लिया गया. इसके बाद मामला उस समय भी थोडा गडबडाया, जब प्रवीण पोटे की जमानत लेने हेतु एक 55 वर्षीय महिला को अदालत में पेश किया गया. जो जज के सामने थोडा हडबडा गई. ऐसे में मामला एक बार फिर रूक गया. किंतु रात करीब 10.15 बजे के आसपास सभी आरोपियों की जमानत हो गई. जिससे दिनभर चले हाईवोल्टेज ड्रामे का पटापेक्ष हो गया. किंतु इससे पहले जगदीश गुप्ता की जमानत को लेकर अदालत में सबसे लंबी जिरह चली.

* अदालत से छूटते ही फिर धरपकड का प्रयास

बता दें कि, विगत 13 नवंबर को हुई तोडफोड और हिंसा को लेकर भाजपा के कई नेताओं, पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं पर अलग-अलग धाराओं के तहत एक से अधिक मामले दर्ज है और हर मामले में उन्हें गिरफ्तार करते हुए जमानत हेतु अदालत के समक्ष पेश किया जा रहा है. ऐसे में गत रोज जिन-जिन लोगों को एक मामले में अदालत से जमानत मिली, वैसे ही उनमें से कुछ लोगों को उनके खिलाफ दर्ज अन्य मामलों को लेकर हिरासत में लेने का प्रयास कोतवाली पुलिस द्वारा किया गया. इसके लिए कोतवाली पुलिस द्वारा पहले ही स्थानीय अदालत के समक्ष बंदोबस्त लगाया गया था और जैसे ही सभी आरोपी बाहर निकले, उनमें से कुछ को कोतवाली पुलिस द्वारा दुबारा गिरफ्तार करने का प्रयास किया गया. हालांकि रात में किसी की दोबारा गिरफ्तारी नहीं हुई.

* गुप्ता को 15 दिन शहर से बाहर रहने की शर्त पर जमानत

गत रोज अदालत द्वारा पूर्व पालकमंत्री तथा स्थानीय भाजपा के वरिष्ठ नेता जगदीश गुप्ता को 15 दिनों तक अमरावती शहर से बाहर रहने की शर्त पर जमानत दी गई. वहीं पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे को जांच में पुलिस के साथ सहयोग करने की शर्त पर जमानत दी गई है. इन दोनों नेताओें को जमानत मिलने हेतु एड. प्रशांत देशपांडे द्वारा अदालत में पूरा समय एडीचोटी का जोर लगाया गया.

 

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