गेहूं व हरभरे के बुआई क्षेत्र में 13 फीसद की वृध्दि
जमीन की आर्द्रता असिंचित फसलों के लिए पोषक
अमरावती/ दि. 25-जारी वर्ष में बारिश के मौसम दौरान औसत से अधिक वर्षा होने से यद्यपि खरीफ की फसलों का नुकसान हुआ है. लेकिन जमीन में रहनेवाली आर्द्रता अब रबी सीजन के दौरान असिंचित फसलों के लिए पोषक साबित हो रही है. यही वजह है कि पश्चिम विदर्भ में औसत से 114 फीसदी अधिक क्षेत्र में रबी फसलों की बुआई हो चुकी है. जिसमें सर्वाधिक क्षेत्र गेहूं व हरभरा की फसल का है.
संभाग में इस वर्ष रबी के सीजन हेतु 7.46 लाख हेक्टेयर का औसत बुआई क्षेत्र है. वहीं इस समय तक 8.50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में रबी फसलों की बुआई हो चुकी है. जो औसत क्षेत्र की तुलना में 114 फीसद है. साथ ही इस वर्ष रबी की बुआई क्षेत्र में 1.50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की वृध्दि हुई है. इसके तहत अमरावती जिले में मात्र 98 फीसद क्षेत्र में ही रबी फसलों की बुआई हुई है. जबकि संभाग के अन्य चारों जिले में औसत से अधिक बुआई हो चुकी है. जिसमें बुलढाणा जिले में 128 फीसद, अकोला जिले में 119 फीसद,यवतमाल जिले में 103 फीसद तथा वाशिम जिले में 119 फीसद बुआई हो चुकी है.
रबी सीजन के दौरान किसानों का रूझान गेहूं व हरभरे की ओर अधिक रहने के चलते तिलहन वाली फसलों का बुआई क्षेत्र प्रतिवर्ष कम हो रहा है. इस बार भी 562 हेक्टेयर क्षेत्र में करडाई, 149 हेक्टेयर क्षेत्र में जवस तथा 210 हेक्टेयर क्षेत्र में तिल्ली की बुआई की गई है. जबकि गेहूं का बुआई का क्षेत्र 1.98 लाख व हरभरे का बुआई क्षेत्र 5.98 लाख हेक्टेयर है. यानी बुआई हो चुके 8.50 लाख हेक्टेयर में से 7.96 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में इन्हीं दो प्रमुख फसलों की बुआई हुई है.