अमरावती

6 वर्षों में बदले 13 संचालक

हाफकीन की क्षमता प्रभावित

* अभिमन्यु काले के पास 6 माह से प्रभार
मुंबई दि.4– देश से पोलियो मिटाने में महत्वपूर्ण रही हाफकीन औषध व जीव निर्माण निगम की कार्यक्षमता लगातार प्रभावित हो रही है. गत 6 वर्षों में प्रबंध संचालक पद की संगीत कुर्सी हो जाने के समान इस पद के अधिकारियों का स्थानांतरण होते रहा. इस दौरान 13 संचालक बदले गए. फिलहाल अभिमन्यु काले के पास गत जनवरी से प्रभार सौंपा हुआ है. जबकि संस्था की कार्यप्रणाली प्रभावित होने की शिकायतें लगातार बढ़ रही है.
कर्मचारी संगठन के महासचिव दीपक पेडणेकर ने बताया कि प्रबंध संचालक पद प्रभारी होने से निगम का काफी नुकसान हो रहा है. कर्मचारियों के मेडिकल और शैक्षणिक बिल बकाया है. निगम में अधिकांश काम समय पर नहीं हो पा रहे.
उल्लेखनीय है कि प्रबंध संचालक के रुप में सतत चार वर्षों तक सीमा व्यास ने कार्य किया. 24 अप्रैल 2018 को उनका यहां से तबादला हो गया. उसके बाद तो एक भी अधिकारी अधिक समय यहां काम नहीं कर पाए. कई अधिकारियों ने एक-दो माह में ही अपना स्थानांतरण करवा लिया.
हाफकीन निगम ने दुनियाभर में पोलियो खुराक और टीेके निर्यात किए थे. ऐसे ही खासी, बुखार और जन्त पर भी हाफकीन की दवाएं बहुत प्रभावकारक मानी जाती है. उसमें तैयार सर्पदंश का टीका पास पड़ोस के देशों श्रीलंका, पाकिस्तान, नेपाल, अफगानिस्तान, भूटान भेजा जाता है. आज भी इन देशों की टीके की ऑर्डर पेंडिंग है.
जबकि प्रबंध संचालक स्थायी न होने से निगम अड़चन में आ गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाफकीन को पोलियो टीका बनाने के लि 80 करोड़ की मशीनरी खरीदी करने की सिफारिश की थी. स्थायी संचालक न होने से वह सिफारीश साकार नहीं हो सकी है.
* प्रबंध संचालक और उनका कार्यकाल
संपदा मेहता ः अप्रैल 2018 से मार्च 2019
डॉ. अनुपकुमार यादव ः मार्च से जून 2019
डॉ. राजेश देशमुख ः जून 2019 से अगस्त 2020
शैला ए ः अगस्त से सितंबर 2020
सीमा व्यास ः सितंबर से अक्तूबर 2020
सौरभ विजय ः अक्तूबर से दिसंबर 2020
डॉ. संदीप राठोड ः दिसंबर से फरवरी 2022
डॉ. माधवी खोडे-चवरे ः फरवरी से अप्रैल 2022
सीमा व्यास ः अप्रैल से मई 2022
मदन नागरगोजे ः मर्ई से जुलाई 2022
सीमा व्यास ः जुलाई से अगस्त 2022
सुमन चंद्रा ः अगस्त 2022 से जनवरी 2023
अभिमन्यु काले (प्रभारी)- जनवरी 2023 से

Related Articles

Back to top button