अमरावती

‘ओमिक्रॉन’ जांच हेतु 13 सैम्पल भेजे गये दिल्ली

30 से कम सिटी वैल्यू थी सैम्पलों में

  • संगाबा अमरावती विवि की प्रयोगशाला ने दी जानकारी

अमरावती/दि.4 – इस समय दुनिया के 29 देशों में कोविड वायरस का ओमिक्रॉन नामक नया वेरियंट पाया जा चुका है. जिसके खतरे को राज्य सरकार द्वारा बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है और अब जिन कोविड संदेहितों के थ्रोट स्वैब सैम्पल में सिटी वैल्यू 30 से कम पायी जा रही है, उन्हें जिनोम सिक्वेंसिंग से संबंधित जांच के लिए दिल्ली स्थित प्रयोगशाला में भेजा जा रहा है. इसके तहत अब तक अमरावती स्थित संत गाडगेबाबा विश्वविद्यालय की कोविड टेस्ट लैब से 13 सैम्पलों को दिल्ली स्थित प्रयोगशाला भिजवाया जा चुका है.
बता दें कि, फरवरी 2021 से संगाबा अमरावती विद्यापीठ की कोविड टेस्ट लैब द्वारा कई कोविड संक्रमितों के थ्रोट स्वैब सैम्पलों को जांच हेतु पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु परीक्षण प्रयोगशाला में भिजवाना शुरू किया गया. इस कालावधि के दौरान प्रत्येक 15 दिन में कम से कम 15 इस हिसाब से अब तक करीब 140 सैम्पलों को पुणे भिजवाया गया. हालांकि पुणे स्थित प्रयोगशाला से रिपोर्ट मिलने में काफी विलंब होता है. वहीं फरवरी माह के बाद ही कोरोना के डेल्टा प्लस वेरियंट की वजह से अमरावती जिले में कोविड संक्रमण की दूसरी लहर आयी थी. इस वेरियंट का संक्रमण दर डेल्टा वेरियंट से अधिक रहने के चलते दूसरी लहर में चार माह के दौरान 70 हजार से अधिक लोग संक्रमण की चपेट में आये थे और 1 हजार 200 से अधिक लोगों की मौत हुई थी. वहीं अब 29 देशों में कोरोना वायरस के ओमीक्रॉन नामक नये वेरियंट का संक्रमण होने की जानकारी सामने आयी है और इस वेरियंट से संक्रमित दो मरीज भारत में भी पाये गये है. जिसके चलते स्वास्थ्य महकमे द्वारा सभी के लिए अर्लट जारी किया गया है.

90 फीसद सैम्पलों में डेल्टा या डेल्टा प्लस वेरियंट

विगत फरवरी माह से संगाबा अमरावती विद्यापीठ की कोविड टेस्ट लैब द्वारा जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गये 90 फीसद सैम्पलों में डेल्टा अथवा डेल्टा प्लस वेरियंट रहने की बात सामने आयी. वहीं अब ओमिक्रॉन नामक नये वेरियंट की जानकारी सामने आने पर पॉजीटीव रिपोर्ट रहनेवाले सभी सैम्पलों को जिनोम सिक्वेंसिंग की जांच हेतु दिल्ली की प्रयोगशाला में भिजवाया जा रहा है.

ऐसे माना जाता है ओमिक्रॉन संदेहित

इस संदर्भ में जानकारी देते हुए संगाबा अमरावती विद्यापीठ की कोविड टेस्ट लैब की तकनीकी अधिकारी डॉ. नीरज धनवटे ने बताया कि, किसी भी व्यक्ति के कोविड पॉजीटिव पाये जाने के बाद उसमें ‘एस’ जीन ड्रॉप आउट करते है. इसमें दो प्रकार के जिन्स होते है. एक स्क्रिमिंग जिन होता है, जिसे ‘एन’ या ‘ओ’ जिन कहा जाता है. वहीं दूसरा कन्फरेटरी जिन्स होते है. जिसमें ‘ओआरएसबी’, ‘आरडीआयसी’ या ‘एस’ जिन का समावेश होता है. इसमें से ‘एस’ जिन यहां पर एम्प्लीफायर नहीं होता. इसके लिए पॉजीटीव ‘एस’ जिन्स स्क्रिमिंग करनी होती है. अत: ‘एस’ जिन मिलने पर संबंधित व्यक्ति को ‘सस्पेक्टेड ओमिक्रॉन’ यानी ओमिक्रॉन संदेहित व्यक्ति मानकर उसका थ्रोट स्वैब सैम्पल जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए दिल्ली स्थित प्रयोगशाला में भेजना होता है.

इस समय कोविड पॉजीटीव पाये गये 13 मरीजों के सैम्पल जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए दिल्ली स्थित प्रयोगशाला में भिजवाये गये है. जिनकी रिपोर्ट आगामी आठ-दस दिनों में मिलने की उम्मीद है. उस समय तक संबंधित मरीजों को ओमिक्रॉन संदेहित मानते हुए उन्हें सबसे अलग रखा जाना चाहिए, ताकि यदि उनमें से कोई भी व्यक्ति ओमिक्रॉन स्ट्रेन से संक्रमित हो, तो उनके जरिये इस वायरस का संक्रमण किसी और तक न फैले.
– डॉ. प्रशांत ठाकरे
नोडल अधिकारी, संगाबा अमरावती विद्यापीठ कोविड टेस्ट लैब

विदेशों से सात नागरिक आये अमरावती

इसी दौरान पता चला है कि, दक्षिण अफ्रिका व दुबई जैसे देशों से कुल 7 नागरिक विगत दिनों अमरावती आये है, जो इस समय अमरावती में ही है. इनमें से 3 नागरिकों के साथ प्रशासन का संपर्क हो चुका है. इन तीनों नागरिकों की विमानतल पर आरटीपीसीआर टेस्ट की गई थी. जिनकी रिपोर्ट निगेटीव आयी थी और उन्हें फिलहाल होम आयसोलेशन में रखा गया है. साथ ही उन्का स्वास्थ्य पूरी तरह से बेहतरीन है.

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