अमरावती /दि.26– विदर्भ का नंदनवन कहे जाते चिखलदरा पर्यटनस्थल के साथ ही मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के विविध क्षेत्रों में चलायी जाने वाली जंगल सफारी व हाथी सफारी को लगभग 13 हजार से अधिक पर्यटकों ने पसंद किया है. साथ ही इस सफारी सेवा के जरिए मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प ने विगत 5 वर्ष के दौरान 3 करोड रुपयों से अधिक का राजस्व हासिल किया है. वहीं इस सफारी के दौरान बाघ, तेंदूए, भालू सहित कई वन्य प्राणियों को देखना यहां आने वाले पर्यटकों के लिए एक अनूठा एहसास साबित हुआ.
चिखलदरा पर्यटन स्थल की तरह मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के वैराट, सेमाडोह, शहानुर, बोरी, धारगढ, वसाली, सिपना, गुगामल व अकोट वन्यजीव विभाग अंतर्गत चलाई जाने वाली जंगल सफारी के साथ ही कोलखास में चलाई जाने वाली हाथी सफारी को बडे पैमाने पर पर्यटकों का प्रतिसाद मिलने लगा है. जिससे बडे पैमाने पर रोजगार के अवसर भी उपलब्ध हुए है. वर्ष 2018 से 2023 इन पांच वर्षों के दौरान करीब 13 हजार 185 पर्यटकों ने मेलघाट के जंगलों में जंगल सफारी व हाथी सफारी का आनंद लिया. जिनके जरिए मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प को 3 करोड 35 लाख 16 हजार रुपयों का राजस्व प्राप्त हुआ है.
* जिप्सी चालकों को रोजगार
जंगल सफारी के दौरान पर्यटकों को खुली जिपसी में बिठाकर पहले से तय सरकारी दरों पर जंगल में घुमने-फिरने हेतु ले जाया जाता है. एक जिप्सी में अधिकतम 6 पर्यटक जंगल सफारी के लिए जाते है. चिखलदरा व सेमाडोह में करीब 70 जिप्सी चालक है, जिन्हें जंगल सफारी के साथ ही पर्यटकों को अलग-अलग प्वॉईंट ले जाकर दिखाने की एवज में अच्छा खासा रोजगार उपलब्ध होने लगा है.
* जंगल सफारी, हाथी सफारी व विश्रामगृह के आरक्षण से बडे पैमाने पर रोजगार व राजस्व प्राप्त हो रहा है.
– स्वप्निल बागडे,
समन्वयक, मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प.
* हाथी सफारी से मिला राजस्व
2018-19 8,26,400
2019-20 6,40,800
2020-21 9,10,400
2021-22 5,05,600
2022-23 6,32,800
* 5 वर्ष दौरान पर्यटकों की संख्या
2018-19 3099
2019-20 2403
2020-21 3414
2021-22 1896
2022-23 237