अमरावती परिमंडल में स्ट्रीट लाइट का 130.84 करोड बकाया
महावितरण कार्यालय में 2147 पथदीप ऑन रिकॉर्ड
अमरावती/दि.30 – महाराष्ट्र राज्य बिजली वितरण कंपनी लि. यह सेवाधारी संस्था है जो ग्राहकों को बिजली की आपूर्ति की सेवा देकर उनसे नाममात्र खर्च बिजली के माध्यम से वसूलती है. महावितरण कंपनी के माध्यम से जिले में ही नहीं बल्कि राज्य में बिजली आपूर्ति के साथ संबंधित यत्रंणा पर निगरानी रखी जाती है. महावितरण की अनुमति से ही शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र में सडक रात के समय में भी रोशन रहे इसके लिए स्ट्रीट लाइट लगाने की अनुमति दे दी गई है. किंतु सालों से स्थानीय निकाय संस्थाओं व्दारा बिजली का बिल अदा करने आनाकानी करने से स्ट्रीट लाइट का अमरावती परिमंडल में 130 करोड 84 लाख रुपए बिल बकाया है.
स्थानीय निकाय संस्थाओं की तरह महावितरण एक सेवा देने वाली संस्था है. महावितरण ग्राहकों को सेवा स्वरुप घर तथा सर्वत्र इस्तेमाल होने वाली बिजली की आपूर्ति करती है इसके बदले महावितरण को ग्राहकों से बिल के माध्यम से शुल्क भी वसूलती है. राज्य में सर्वाधिक बिजली का उत्पादन विदर्भ में होता है जिसका राज्य में इस्तेमाल कर घर-घर में रोशनी की जाती है. महावितरण ने सेवा देन के लिए ग्राहकों का पंजीयन किया है. पंजीकृत ग्राहकों को ही महावितरण व्दारा निर्धारित शुल्क में बिजली आपूर्ति की जाती है.
जिले की स्थानीय निकाय भी सेवाधारी संस्था है जो बाधित क्षेत्रों के लिए लोगों को मूलभूत सेवाएं प्रदान करती है. शहर विकास की दृष्टि के साथ रात के समय यातायात में बाधा न आए इसके लिए स्थानीय निकाय संस्थाओं व्दारा सडकों के दोनो तरफ किनारों पर स्ट्रीट लाइट लगाए जाते है जिसके लिए संस्थाएं महावितरण कंपनी की अनुमति लेती है ताकि स्ट्रीट लाइट को बिजली आपूर्ति के साथ दुरुस्ती के लिए महावितरण व्दारा सुविधा प्रदान की जाए. इस तरह का उद्देश्य होता है यही कारण है कि किसी भी सडक पर प्रशासन व्दारा लगाए जाने वाले स्ट्रीट लाइट का रिकॉर्ड महावितरण के पास भी होता है.
ढाई हजार से अधिक स्ट्रीट लाइट रजिस्टर
महावितरण के पास महापालिका, नगरपालिका, नगरपरिषद, ग्रामपंचायत, जिला परिषद सर्कल में लगे कुल 2 हजार 747 स्ट्रीट लाइट रजिस्टर है. जिसका हर माह बिजली इस्तेमाल का रिकॉर्ड रखा जाता है. महावितरण इन विभागों को स्ट्रीट लाइट पर इस्तेमाल की गई बिजली के बदले बिजली के बिल भी भेजती है.
130 करोड का बकाया
अमरावती परिमंडल क्षेत्र में 2700 से अधिक स्ट्रीट लाइट लगाए गए है. जिसका कई वर्षो से बिजली बिल बकाया है. अब यह बकाया रकम 130 करोड तक पहुंच चुुकी है. महावितरण व्दारा जब कनेक्शन काटने के लिए हथियार उठाए जाते है तब संबंधितों को बकाया बिजली बिल जमा करने की याद आती है. बता दें कि इसमें मनपा के 19 करोड बकाया बिल का भी समावेश है जिसके कारण सोमवार को मनपा की स्ट्रीट लाइट की बिजली काट दी गई थी.
15 वें वित्त आयोग निधि का कर सकते इस्तेमाल
राज्य के ग्रामविकास मंत्री हसन मुश्रिफ ने हाल ही में एक आदेश जारी किया है जिसके अनुसार ग्रामपंचायत को स्ट्रीट लाइट के बकाया बिजली बिल जमा करने के लिए 15 वें वित्त आयोग की निधि का इस्तेमाल करने में छूट दी गई है. उन्होंने स्पष्ट कहा है कि ग्रामपंचायत बकाया बिजली बिल तथा जलापूर्ति योजना संबंधित देयकों का भुक्तान कर सकते है. स्ट्रीट लाइट का बिजली बिल बकाया रहने से किसी गांव की बिजली आपूर्ति खंडित न हो इसका भी ध्यान रखने के आदेश ग्रामपंचायत को दिए गए है. फिर भी स्थानीय निकाय संस्थाएं स्ट्रीट लाइट के बिल जमा करवाने में आनाकानी करती है.