अमरावती

दीपावली के बाद 1300 नये कोरोना संक्रमित मिले

लगातार बढ रही संक्रमितों की संख्या

  • प्रशासन हाईअर्लट पर

अमरावती/दि.8 – दीपावली के बाद कोरोना टेस्ट का प्रमाण बढाये जाने के चलते कोरोना संक्रमितों की संख्या में इजाफा होता देखा जा रहा है. विगत 21 दिनों में 23 हजार 744 थ्रोट स्वैब सैम्पलों की जांच की गई, जिसमें 1347 लोगों की रिपोर्ट पॉजीटिव आयी. ऐसे में दीपावली के बाद लगातार बढ रही कोरोना संक्रमितों की संख्या को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह से हाईअलर्ट पर है.
बता दें कि, अमरावती जिले में विगत आठ माह के दौरान 1 लाख 28 हजार 601 थ्रोट स्वैब सैम्पलों की जांच की गई. जिसमें से 17 हजार 725 लोग कोरोना पॉजीटिव पाये गये. यह कुल सैम्पलोें की तुलना में 14.46 फीसदी है. साथ ही इस समय भी की जा रहीं कोविड टेस्ट में 10 से 12 फीसदी लोग कोविड पॉजीटिव पाये जा रहे है. उल्लेखनीय है कि, अमरावती जिले में अकेले सितंबर माह के दौरान ही 9 हजार से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज पाये गये. जिसके बाद अक्तूबर माह में संक्रमण की रफ्तार कुछ हद तक कम हुई थी, लेकिन दीपावली के बाद अब एक बार फिर कोरोना संक्रमण ने अपने पांव पसारने शुरू किये. वहीं इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना की दूसरी लहर आने की संभावना जताये जाने के चलते जिला स्वास्थ्य महकमे द्वारा इस संदर्भ में तमाम आवश्यक नियोजन किये जा रहे है. जिसके तहत विगत सितंबर माह की अधिकतक मरीज संख्या को देखते हुए उसकी तुलना में 25 फीसदी मरीजों को भरती करते हुए उनका इलाज करने की तैयारी की जा रही है. इसमें 40 फीसदी मरीजों को होम आयसोलेशन के तहत रखे जाने का निर्णय लिया गया है. जिसके चलते सितंबर माह की तुलना में इस बार स्वास्थ्य महकमे पर काम का बोझ कुछ कम रहेगा.

35 स्थानों पर सैम्पल संकलन केंद्र शुरू
इन दिनों कोरोना संक्रमण के दुबारा बढने को ध्यान में रखते हुए सैम्पलों की जांच का प्रमाण बढाया गया है. जिसके चलते शहरी क्षेत्र में जिला सामान्य अस्पताल, सुपर कोविड अस्पताल, पीडीएमसी, आयसोलेशन क्लिनीक (दशहरा मैदान) व मनपा शाला (विलास नगर) सहित ग्रामीण क्षेत्र के सभी चार उपजिला अस्पतालों, 10 ग्रामीण अस्पतालों, 2 मोबाईल यूनिट तथा 14 तहसील स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय स्तर पर थ्रोट स्वैब संकलन केंद्रोें को कार्यरत रखा गया है.

कॉमर्बिडिटी क्लिनीक होगा शुरू
60 वर्ष से अधिक आयु रहनेवाले तथा डायबिटीज, हाई बीपी सहित अन्य गंभीर बीमारियों से पीडित मरीजों का नियमित उपचार करते हुए बीमारी को नियंत्रित रखने के संदर्भ में मार्गदर्शन की जरूरत है. जिसके लिए अब कॉमर्बिडिटी क्लिनीक शुरू किये जायेंगे. इससे पहले के सर्वेक्षण में अति जोखिमवाले व्यक्तियों की सूची में शामिल लोगों के यहां उपकेंद्र व वॉर्डस्तर के कर्मचारियों द्वारा साप्ताहिक भेट देते हुए उनकी स्वास्थ्य जांच की जायेगी.

डेंग्यू भी पसार रहा पांव

– मनपा क्षेत्र में 116 व ग्रामीण क्षेत्र में 109 मरीज पाये गये
इस समय जहां एक ओर हर तरफ कोरोना का संक्रमण मंडरा रहा है, वहीं दूसरी ओर डेंग्यू जैसी जानलेवा बीमारी भी पांव पसार रही है. जिसकी वजह से अमरावती शहर सहित जिला डेंग्यू सदृश्य बुखार से तपा हुआ है. इस बार अमरावती जिले में डेंग्यू के 225 पॉजीटिव मरीज पाये गये है. जिसमें मनपा क्षेत्र में सर्वाधिक 116 व ग्रामीण क्षेत्र में 109 मरीज पाये गये है. ऐसे में इन दिनों शहर सहित जिले के सभी अस्पतालों व दवाखानों में मरीजों की भारी भीडभाड देखी जा रही है और लोगबाग स्वास्थ्य एवं स्वच्छता विभाग के कामकाज पर उंगली उठा रहे है.
उल्लेखनीय है कि, इस बार अगस्त माह के बाद डेंग्यू का संक्रमण जबर्दस्त ढंग से बढा हुआ है, किंतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपाययोजनाएं करने की बजाय डेंग्यू से संबंधित जानकारी को लोगों से छिपाने का प्रयास किया जा रहा है. जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में अब तक 1 हजार 481 मरीजों के रक्तजल सैम्पलों की जांच की गई है. जिसमें से 225 मरीजों को डेंग्यू पॉजीटिव पाया गया. कोरोना संक्रमण के चलते अमरावती जिले में रहनेवाले परिवारों का सर्वेक्षण तीन बार किया गया और इसमें कोरोना के साथ-साथ डेंग्यू से पीडित मरीज भी सामने आ रहे है.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, अमरावती मनपा क्षेत्र में जनवरी से अगस्त माह के दौरान डेंग्यू संक्रमित 42 मरीज पाये गये, लेकिन इसके बाद सितंबर से नवंबर की कालावधि के दौरान 75 डेंग्यू संक्रमित मरीज पाये गये है. जबकि इसी दौरान कोरोना प्रतिबंधात्मक उपाय योजनाओं के चलते शहर के सभी प्रभागों में मनपा के स्वास्थ्य व स्वच्छता विभाग द्वारा कीटनाशक दवाईयोें का छिडकाव करने के साथ ही फॉगींग भी की जा रही थी, लेकिन इसके बावजूद भी शहर में डेंग्यू फैलानेवाले मच्छरों की जमकर पैदावार हो रही है. जिसकी वजह से संक्रामक बीमारियां पांव पसार रही है. जिसका सीधा मतलब है कि, शहर के रिहायशी क्षेत्रों में फवारणी व धुवारणी का काम कागजों पर ही किया गया है.

शहर में डेंग्यू टेस्ट की सुविधा नहीं
बता दें कि, अमरावती शहर में डेंग्यू से संबंधित एनएस-1 टेस्ट की जाती है. किंतु इस टेस्ट में डेंग्यू के लिए जिम्मेदार रहनेवाले सूक्ष्म जीव को खोजने की 100 प्रतिशत क्षमता नहीं होती. ऐसे में मरीज के रक्तजल ‘सीरम’ का सैम्पल लेकर उसे जांच हेतु अकोला भेजना होता है. जिसकी रिपोर्ट आने तक मरीज निजी अस्पताल में 40 से 50 हजार रूपये का बिल अदा कर चुका होता है. ऐसे में नागरिकों द्वारा मांग की जा रही है कि, अमरावती शहर में डेंग्यू से संबंधित जांच हेतु टेस्ट सेंटर शुरू किया जाये.

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