अमरावती/दि.९ – कोरोना महामारी के चलते सभी और लॉकडाउन व संचारबंदी जारी की गई थी. इसी के चलते सभी उद्योग, धंधे बंद थे. जनता अपने घरों में रहने के लिए विवश थे. मगर ऐसी परिस्थिति में भी महावितरण कंपनी व्दारा उपभोक्ताओं को अखंड रुप से बिजली की आपूर्ति के लिए रातदिन सेवा उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत थे. परंतु कोरोना का संक्रमण देखते हुए उपभोक्ताओं तक बिजली बिल पहुंचा नहीं पाये. ऐसे में बिजली देयकों में इजाफा हुआ. इसी बिजली देयकों की वसूली के लिए महावितरण कंपनी ने जिलेभर के ५ लाख बिजली उपभोक्ताओं से बकाया १३६ करोड बिजली बिल वसूलने के लिए कमर कस ली है. प्रत्येक गांवों में बकाया बिल की वसूली करने के लिए जनसंपर्क अभियान चलाया जा रहा है. दवंडी, ध्वनिक्षेपक के माध्यम से बिजली देयके भरने का आह्वान महावितरण करने वाली है.
जिले के चार उपविभाग में ५ लाख १६ हजार ७२ घरों में वाणिज्य व औद्योगिक ग्राहकों व्दारा इस्तेमाल होने वाले बिजली बिल के १३६ करोड २१ लाख रुपयों के देयके बकाया है. खासतौर पर हर वर्ष मार्च माह में महावितरण कंपनी की ओर से बडे पैमाने पर बिजली देयकों की वसूली की जाती है. परंतु बीते चार माह से बिजली ग्राहकों तक बिजली बिल पहुंचाया नहीं गया इसी कारण बकाया बिजली बिल के आंकडों में बढोत्तरी हुई है. अमरावती शहर में सबसे ज्यादा १ लाख ४८ हजार ६२० बिजली ग्राहकों पर ४१ करोड २१ लाख रुपए बिजली बिल का बकाया है. दूसरे नंबर पर अचलपूर उपविभाग है, अचलपुर उपविभाग पर कुल १ लाख ३३ हजार ६७२ बिजली उपभोक्ताओं पर ३८ करोड ८० लाख रुपयो का बिल बकाया है. अमरावती ग्रामीण में १ लाख ३३ हजार १४७ उपभोक्ताओं पर ३२ करोड २८ लाख रुपए अभी भी बकाया है. मोर्शी उपविभाग में १ लाख ६३२ उपभोक्ताओं पर २३ करोड ९३ लाख रुपयों का बिजली बिल बकाया है.