राष्ट्रीय लोक अदालत में 13,609 मामलों का निपटारा
मोटर दुर्घटना में फरियादी को 96 लाख का मुआवजा मिला

* जिला व सत्र न्यायालय का आयोजन
* नागरिकों ने दिया उत्स्फुर्त प्रतिसाद
अमरावती/दि.24– जिला व सत्र न्यायालय में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. जिसमें मोटर दुर्घटना में नुकसान भरपाई, दिवानी और फौजदारी मामले, बैंक के प्रलंबित मामले, चेक वसूली न होने के (निगोसिएशन इन्स्टूमेंट एक्ट)मामले , भूसंपादन मामले, विवाह संबंधित कानूनी मामले, बैंक तथा दिवानी व फौजदारी अपील व अन्य दिवानी मामले जो अदालत में सुनवाई से पूर्व आपसी समझौते से निपटाए जाते हैं. ऐसे मामलों का समावेश रहा. जिस पर शनिवार को हुई सुनवाई में कुल 13 हजार 609 मामलों का निपटारा किया गया.
राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए जिले में कुल 48 पैनल तैयार किए गये थे. जिसमें न्यायाधीश, अधिवक्ता व न्यायालयीन कर्मचारियों का समावेश रहा. जिला व सत्र न्यायालय द्बारा आयोजित इस लोक अदालत को नागरिकों का उत्स्फुर्त प्रतिसाद मिला. जिला व सत्र न्यायाधीश 3 एच एल मनवर की अदालत में मोटर दुर्घटना का एक मामला प्राधिकरण कं. 460/ 2023 पेश किया गया. जिसमें सागर शिरसाठ के खिलाफ गौरव मोहोड का मामला शामिल रहा. इस मामले में सागर शिरसाट की पत्नी प्रियंका पंचवटी से शेगांव नाका की ओर जाते समय गाडगे बाबा मंंदिर के पास साल 2023 में दुर्घटना में घायल हुई थी.
उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई. पुलिस कान्स्टेबल पद पर कार्यरत प्रियंका के पति ने गौरव मोहोड के खिलाफ अदालत में याचिका दायर की. मामले की सुनवाई में सागर सिरसाठ को ‘गो डिजीट जनरल इन्शुरंस’ द्बारा 96 लाख का धनादेश सौंपा गया. इस अवसर पर जिला व सत्र न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सुधाकर यार्लगड्डा विशेष रूप से उपस्थित रहे. इस मामले में एड. हरीश निंबालकर, मनीष बिडकर, मनीष शिरसाठ ने फिर्यादी की ओर से पैरवी की.
जबकि इन्शुरंस कंपनी की ओर से एड. अक्षय पवार, काजल खांंडेकर ने पैरवी की. लोक अदालत पैनल का जिला न्यायाधीश- 1 पीए साबले तथा एड. पूनम मुंडे ने काम संभाला. अन्य 70 मामलों में कुल 3.14 करोड की वसूली हुई. 65 मोटर साइकिल दुर्घटना मामलों में 4 करोड 99 लाख 85 हजार 647 रूपए का धनादेश संबंधितों को दिए गये हैं. लोक अदालत की कार्रवाई को सफल बनाने जिला व सत्र मुख्य न्यायाधीश सुधाकर यार्लगड्डा, जिला विधि सेवा प्राधिकरण सचिव मंगला कांबले, अन्य न्यायाधीश, जिला वकील संघ अध्यक्ष एड. वी.एस. काले सहित सभी सदरूय सरकारी वकीलों ने अथक प्रयास किए.