अमरावती

धामणगांव में 138 वर्ष पुरानी मूर्ति

सीधी सूंड के गणपति

अमरावती/दि.20– सीधी सूंड के गणपति के दर्शन अध्यात्म में शुभ संकेत माने जाते हैं. इसी बात को ध्यान में रखकर भागचंद अग्रवाल ने जे.बी. फर्म के माध्यम से धामणगांव सहित विदर्भ में 16 जगहों पर सीधी सूंड के गणपति के मंदिर स्थापित किए हैं. जयरामदास भागचंद फर्म के शरदकुमार अग्रवाल ने बताया कि उनके पिता ने 1885 में सबसे पहली संगमरमर पत्थर की मूर्ति स्थापित की थी. फिर अन्य जगहों पर ऐसी मूर्तियों की स्थापना विधिवत की गई.
यहां जे.बी. जिन परिसर में स्थापित गणपति को मन्नत पूर्ण करने वाले गणपति के रुप में पहचाना जाता है. विदर्भ में वर्धा, आर्वी, अमरावती, यवतमाल सहित 16 स्थानों पर जे.बी. फर्म के माध्यम से सीधी सूंड के गणपति स्थापित किए गए हैं. शहर के मंदिरों में दस दिन उत्सव मनाया जाता है. प्रत्येक चतुर्थी को दर्शनार्थियों की संख्या अधिक होती है. दिवाली पर अन्नकूट भी किया जाता है. शरद अग्रवाल बताते हैं कि गणेशजी के दर्शन किए बगैर अनेक व्यापारी और कामगार अपने दिन की शुरुआत नहीं करते.

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