जिले की 14 प्रमुख नदियाेंं में मूसलाधार बारिश में बाढ आती
10 दिन में जिला आपदा व्यवस्थापन का नियोजन करने के आदेश
* विगत मानसून में 7 लोगों बहने से जान गई
* बाढ से 461 गांवों के 2122 लोग हुए थे प्रभावित
अमरावती/दि.07– अमूमन जून माह के दूसरे सप्ताह के बाद जिले में मानसून दस्तक देता है. जिले में 14 प्रमुख ऐसी नदियां हैं. जिसमें हर वर्ष मूसलाधार बारिश में बाढ आ जाती है. इन प्रमुख नदियों में पूर्णा, पेढी, काटेपूर्णा, भोलेश्वरी, वर्धा, शहानुर, चुडामन, खोलाड, सिपना, निरगुडा, पिंगलाई, चंद्रभागा और पीली नदी का समावेश है. इन नदियों में पिछले मानसून में आयी बाढ के चलते 7 लोगों की मौत हुई थी. बाढ का पानी लोगों के घरों में घुसने से जिले की 14 तहसीलों के तहत 461 गांवों के 860 परिवार के 2 हजार 122 लोग प्रभावित हुए थे. 46 लोगों को सुरक्षित जगह पर स्थानांतरित किया गया था. वही 17 लोग मकान गिरने अथवा पेड ढहने से जख्मी हुए थे. इस वर्ष संभागीय आयुक्त कार्यालय ने 15 जून से पहले आपदा व्यवस्थापन समिति की नियोजन बैठक लेने के निर्देश दिए है. बैठक की तारीख वर्तमान में निश्चित नहीं हुई. किंतु इस बैठक के बाद जून माह के पहले सप्ताह में जिले के आपदा व्यवस्थापन दल की पहली रिहर्सल जिले के किसी भी बडे तालाब अथवा नदी में की जाएगी. इस तरह की जानकारी जिला आपदा निवारण दल के प्रमुख सुरेंद्र रामेकर ने मीडिया को दी है.
पिछले वर्ष के मानसून में जिले में हुए नुकसान की यह रिपोर्ट:
* 77 हजार 865 हेक्टेयर फसले गई थी पानी में
मानसून के दौरान अमरावती जिले के अमरावती, भातकुली, मोर्शी, धामणगांव रेलवे, चांदुर रेलवे, नांदगांव खंडेश्वर, अचलपुर, चांदुर बाजार, धारणी व चिखलदरा आदि तहसील के 77 हजार 865 हेक्टेयर 16 आर क्षेत्र में खेती फसलाेंं का भारी नुकसान हुआ था. पिछले मानसून में सर्वाधिक खेती फसलों का नुकसान नांदगांव खंडेश्वर तहसील में हुआ. यहां कुल 125 गांव बाधित हुए थे और 25 हजार 751 हेेक्टेयर पर खेती फसलों का नुकसान हुआ था. उसके बाद मोर्शी तहसील में 23 गांवों के 29 हजार 117 हेक्टेयर खेती फसलें प्रभावित हुई थी.
* पिछले वर्ष 14 तहसील के 13 लोगों ने गंवाई जान
वर्ष 2023 के मानसून में औसत से कम बारिश हुई. लेकिन मानसून के दौरान जिले की 14 तहसील के 461 गांवों के 860 परिवार के 2122 लोग बाधित हुए थे. इनमें से 46 लोगों को सुरक्षित स्थल पर स्थानांतरित किया गया था. जिसमें विविध कारणों से 13 लोगों की मौत और 17 लोग जख्मी हुए थे.
* पिछले वर्ष प्राकृतिक आपदा का शिकार बने थे 13 लोग
पिछले वर्ष मानसून में 1 जून 2023 से 30 सितंबर 2023 तक 13 लोगों की विविध कारणों से मौत हुई थी. जिसमें 7 लोग बाढ में बह गये थे. गाज गिरने से 5 लोगों की मौत हुई थी. जबकि आंधी के कारण पेड के नीचे दबकर मेलघाट के किसान की मौत हुई थी . जिला प्रशासन ने सभी 13 मृतकों के परिजनों को प्रति मृतक 4 लाख रूपए की शासकीय मदद दी थी. े बॉक्स
* इन लोगों का था मृतकों में समावेश
कार्तिक गोविंद भुजाडे (17, पिंपलखुटा मोठा)बाढ में बहकर
योगेश दामोदर माहुलकर (35, पिंपलखुटा मोठा) बाढ में बहकर
सुधीर गुलाब बिडकर (40, धानोरी) गाज गिरने से
उमेश मारोती मोडक (32, जलका पट) बाढ में बहकर
कौशल्या ज्ञानेश्वर लेंडे (69, येनस) गाज गिरने से
महुराज रामचंद्र खडे (45, रामतीर्थ ) गाज गिरने से
पूर्वेश नामदेव पारिसे (20, जसापुर ) बाढ में बहकर
मो. शोएब शेख असलम (22, ब्राह्मणवाडा थडी) बाढ में बहकर
सुरेश सुखलाल उईके (40, शिरजगांव कसबा) बाढ में बहकर
सुरेश बालु कास्देकर (45, सुसर्दा ) पेड गिरने से
सुनील मोती भास्कर (मारगड) गाज गिरने से
नीलेश बजरंग भास्कर (मारगड) गाज गिरने से
सोपान विष्णु ढगे (26, गुलरघाट ) बाढ में बहने से