अमरावतीमहाराष्ट्र

जिले की 14 शालाएं होंगी एक समूह शाला

सरकारी निर्देश के बाद कम पटसंख्या वाली शालाओं को जोडा जाएगा

अमरावती /दि.3– जिले की 14 शालाओं की एक समूह शाला तैयार की जाएगी. शिक्षा विभाग ने तहसीलनिहाय अंतिम पडताल करते हुए इन शालाओं को प्रस्तावित किया है. 20 से कम पटसंख्या रहने वाली शालाओं को समूह शाला में रुपांतरीत किये जाने का इससे पहले शिक्षा प्रेमियों व ग्रामीणों द्वारा विरोध किया जा रहा था. इसके चलते यद्यपि इस समय प्रस्ताव तैयार है. परंतु इन शालाओं का रुपांतरण करने की प्रक्रिया सरकारी निर्देश के बाद होगी.

बता दें कि, जिले में 0 से 10 तथा 11 से 20 की पटसंख्या रहने वाली शालाओं के समायोजन हेतु जांच मुहिम चलाई गई. शिक्षा उपसंचालक के निर्देशानुसार वर्ष 2020-21 की यू-डायास प्रणाली के तहत कम पटसंख्या रहने वाली शालाओं की सूची तैयार करते हुए जांच पथक को दी गई थी तथा ऐसी शालाओं का किसी नजदीकी शाला में समायोजन करने से संबंधित रिपोर्ट प्रस्तूत करने का निर्देश दिया गया था. समायोजन की जानकारी तैयार करते समय रिपोर्ट में भौगोलिक परिस्थिति का अभिप्राय निर्धारित प्रारुप के तहत सरकार के समक्ष पेश किया गया है. वहीं अब प्रस्तावित समूह शालाओं सहित उनके साथ समायोजित की जाने वाली शालाओं की जानकारी संकलित की जाएगी.

* समूह शाला यानि क्या?
कई शालाओं के विद्यार्थियों को एकत्रित करने वाली शाला को समूह शाला कहा जाता है. कम पटसंख्या वाली शाला रहने वाले क्षेत्र में कुछ दूरी पर रहने वाले एक मध्यवर्ती शाला का चयन करते हुए उस शाला में विद्यार्थियों को शैक्षणिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है. ऐसे में संबंधित विद्यार्थियों को अपने गांव से उस शाला में आना पडता है.

* किस तहसील में कितनी शालाएं होगी एकत्र?
जिप माध्यमिक शाला व कनिष्ठ महाविद्यालय (नांदगांव पेठ) में समूह शाला का प्रस्ताव है. जिसमें नांदगांव पेठ स्थित कनिष्ठ महाविद्यालय सहित मराठी, उर्दू व कन्या शाला सहित सावर्डी, नांदूरा, लष्करपूर, खानापुर, वाडकी, बोरगांव धर्माले, वडगांव माहोरे, दोनद व कठोरा गांधी की शालाओं एवं लडकों के छात्रावास का समावेश है.

* प्रस्ताव में शालाओं की जानकारी का संकलन
कम पटसंख्या वाली शालाओं को समूह शाला के साथ जोडने को लेकर शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव तैयार किया है. जिसमें समूह शाला का नाम, जगह की उपलब्धता, विद्यार्थी संख्या, शिक्षक संख्या, विद्यार्थी शामिल करने की संख्या व भौगोलिक परिस्थिति आदि जानकारियों का समावेश रहेगा. सरकार के निर्देश पश्चात कम पटसंख्या वाली शालाओं को समूह शाला के साथ जोडा जाएगा, ऐसा शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा बताया गया है.

* इन लोगों की सहमति आवश्यक
– गांववासी व ग्रापं
गांव की शाला को समूह शाला के साथ जोडने को लेकर संबंधित गांव के नागरिकों सहित ग्रामपंचायत की एनओसी सबसे महत्वपूर्ण रहेगी.
– अभिभावक
पाल्यों को समूह शाला में भेजने के लिए बच्चों के अभिभावकों की सहमति भी बेहद आवश्यक रहेगी.
– शाला व्यवस्थापन समिति
गांव की शाला को समूह शाला में समाविष्ट करने को लेकर स्थानीय शाला व्यवस्थापन समिति की एनओसी भी आवश्यक रहेगी.

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