अमरावती

विदर्भ में फेरफार के 14 हजार मामले फैसले की प्रतिक्षा में

अमरावती के 5 हजार, नागपुर में 9 हजार आवेदन प्रलंबित

अमरावती/ दि.8 – विभिन्न कारणों के कारण विदर्भ में प्रापर्टी के फेरफार के 14 हजार 95 मामले प्रलंबित हैं. नागपुर विभाग में 9 हजार 400 और अमरावती विभाग में 4 हजार 695 मामले फैसले की प्रतिक्षा में हैं. इसे देखते हुए विदर्भ के सभी जिलों में नगर भूमापन कार्यालय की स्वतंत्र आस्थापना निर्माण करने की मांग सामने आयी है.
शहर का विस्तार होने के साथ ही प्रापर्टी की संख्या बढी है. प्लाट पर मकान, फ्लैट, बडी-बडी इमारतें बनते चली गई. इसके कारण नागरिकों व्दारा फेरफार की मांग भी बढ गई है. परंतु भूमि अभिलेख व्दारा उस तुलना में प्रापर्टीधारकों के आवेदन तेजी से फायनल नहीं हो रहे है, ऐसा स्पष्ट हुआ है. कर्मचारियों की कमी, यंत्रणा में रहने वाले विभिन्न दोष इन बातों के लिए जिम्मेदार होने की बात कही जा रही है. नागपुर विभाग के 6 जिलों में परिरक्षण भूमापन (मेंटेन सर्वेअर) इस स्तर पर 6 हजार और नगरभूमापन अधिकारी स्तर पर 3 हजार 400 मामले मंजूरी की प्रतिक्षा में हैं. इस विभाग के केवल नागपुर शहर में नगरभूमापन अधिकारी के तीन कार्यालय हैं. इन कार्यालयों में प्रति तीन इसके अनुसार 27 परिरक्षण भूमापक है. शहर का विस्तार देखते हुए कार्यालय और कर्मचारियों की संख्या बहुत ही कम है.
अमरावती विभाग के पांचों जिले मिलाकर 4 हजार 695 मामले प्रतिक्षा में है. भूमि अभिलेख विभाग में यह मामले पडे है. खासबात यह है कि, अमरावती विभाग में एक भी नगर भूमापन अधिकारी कार्यालय नहीं है. शहरी क्षेत्र के लिए यह कार्यालय महत्वपूर्ण है. कई शहरों में करीबी गांवों का समावेश हुआ है. ऐसा रहने के बाद भी यह कार्यालय शुरु कर नापजोख करने के मामले फायनल करने के लिए अपेक्षित प्रयास होते हुए नहीं दिखाई दे रहे है. इस बीच मामले प्रलंबित रहने के कारण पर परिक्षण भूमापक पर कार्रवाई की जाती है.

Related Articles

Back to top button