14 हजार पालकों ने लौटायी किताबेंं
अमरावती/प्रतिनिधि दि.१३ – समग्र शिक्षा अभियान अंतर्गत कक्षा 1 से 8 वीं के छात्रों को सरकार की ओर से नि:शुल्क किताबों का वितरण किया जाता है. लेकिन प्रतिवर्ष पाठ्यक्रम में कोई भी बदलाव नहीं किए जाने से पुरानी किताबों का ही फिर से उपयोग किया जा सकता है. इसलिए शिक्षा विभाग ने छात्रों में किताबों का जतन करने की आदत और पर्यावरण को लेकर जागरुकता निर्माण करने के लिए फिर उपयोग में लाने हेतु किताबें वापस लौटाने का आहवान किया है. जिसे प्रतिसाद देते हुए जिले के 14 हजार पालकों ने किताबें लौटाई है.
यहां बता दे कि, वर्ष 2020-21 शैक्षणिक वर्ष में 1 से 8 वीं के 3 लाख 52 हजार छात्रों को समग्र शिक्षा अभियान के माध्यम से किताबों का नि:शुल्क वितरण किया गया था. कोरोना के चलते प्राथमिक विभाग की स्कूलें सालभर से बंद है. वहीं 5 से 8 वीं की स्कूलें कुछ समय के लिए खोली गई लेकिन प्रत्यक्ष में क्लासेस का आयोजन नहीं हुआ इसलिए किताबों का ज्यादा उपयोग नहीं हो पाया है. जिसके चलते किताबें जैसे थी वैसे ही हालत में है. शिक्षाधिकारी ए झेड खान, उपशिक्षा अधिकारी प्रिया देशमुख ने कदम बढाते हुए किताबों के पुर्न उपयोग की बिनती की जिसे अभिभावकों ने बेहतर प्रतिसाद दिया है. अगले साल के लिए 3 लाख 37 हजार छात्रोें के लिए किताबों की डिमांड की जाएगी जिसमें से फिर से उपयोग में लायी गई किताबों के कम संच मंगवाए जाएंगे. जिससे सरकार के रुपयों की बचत होगी वहीं छात्रों को किताबों को बेहतर ढंग से संभालने की आदत भी पडेगी.
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14 हजार 82 अभिभावकों ने बढाए कदम
* किताबें लौटाने वाले 14 हजार 82 पालकों के अलावा अन्य पालकों से भी किताबें लौटाने का आहवान किया जा रहा है.
* मराठी माध्यम के 6009, उर्दू माध्यम के 4023 संच लौटाए गए है.
* 4050 सेमी इंग्लिश के भी संच लौटाए जाने की जानकारी स्कूलों ने शिक्षा विभाग को दी है.
* 8067 तिवसा, अचलपुर, चांदूर बाजार तहसील से सबसे ज्यादा किताबोें के संच लौटाए गए है.
* धारणी, चिखलदरा, नांदगांव खंडेश्वर आदि तहसीलों की स्कूलों से काफी कम संच लौटाए गए है.
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कौन सी कक्षा में कितने छात्र
पहले 40635
दूसरी 43745
तीसरी 45101
चौथी 43874
पाचवी 44721
छटवी 44045
सातवी 44420
आठवी 45516