अमरावती

14 वर्षीय बालिका का मध्यप्रदेश में बालविवाह

पति ने किया बलात्कार, मां समेत पांच लोग शामिल

* नवेगांव पुलिस थाना क्षेत्र की घटना
वरुड/ दि.16 – तहसील के नवेगांव पुलिस थाना क्षेत्र के एक गांव की 14 वर्षीय लडकी का मध्यप्रदेश के जुन्नारदेव तहसील के एक गांव में 2021 में बाल विवाह किया गया. उस बालिका के साथ उसके आरोपी पति ने जोरजबर्दस्ती शारीरिक संबंध भी स्थापित किये. इस मामले में वरुड पुलिस ने 14 मई के दिन जोरजबर्दस्ती विवाह करा देने वाली उसकी मां के साथ पति, सास, मामा व बिचौैलिया इस तरह पांच लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है.
जानकारी के अनुसार यह सभी घटना 1 अप्रैल 2021 से 12 मई 2020 के बीच घटी. वरुड पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ दफा 376(3), 34, पोस्को, बालविवाह प्रतिबंधक अधिनियम के तहत अपराध दर्ज कर केस डायरी छिंदवाडा जिले के नवेगांव पुलिस थाने के हवाले किया. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार तहसील के एक गांव की 14 वर्षीय लडकी का उसकी मां और मामा ने 2021 में जोरजबर्दस्ती मध्यप्रदेश में विवाह करा दिया. वहां उस लडकी पर शारीरिक अत्याचार किया गया. ससुरालवालों से परेशान होकर लडकी मायके आयी. इधर मायके में मां ने पति के यहां नहीं जा रही इसलिए लडकी की जमकर पीटाई की. आखिर लडकी ने परेशान होकर वरुड पुलिस थाने की शरण लेते हुए पुलिस को आपबीती बताई. इसके बाद महिला पुलिस ने जांच कर पुलिस अधिक्षक और एसडीपीओ के मार्गदर्शन में 14 मई की शाम 6.45 बजे अपराध दर्ज किया.

इनके खिलाफ अपराध दर्ज
पीडित 14 वर्षीय बालिका की शिकायत पर, मामा लालमण छन्नु बाहे (सिंधरेही, माधवठाणा, नवेगांव, जिला छिंदवाडा), लडकी का पति दुर्गेश रामदास बेले, एक महिला व बालविवाह कराने के लिए बिचौलिए का काम करने वाले उमेश बेले (तीनों छिपना पिपरिया, पुलिस थाना बोरदेही, तहसील छिंदवाडा) इन पांच लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया. यह घटनास्थल मध्यप्रदेश का होने के कारण पुलिस ने अपराध दर्ज करने के बाद जुन्नारदेव तहसील के नवेगांव पुलिस थाने के हवाले केस डायरी की. नाबालिग लडकी को बालसुधारगृह रवाना किया गया.

मां और मामा ने धोखाधडी की
नाबालिग लडकी के साथ उसकी मां और मामा ने धोखाधडी की. जिसके कारण लडकी को मानसिक व शारीरिक रुप से प्रताडित होना पडा. कोई सुनने को राजी नहीं था, इस वजह से लडकी ने पुलिस की सहायत ली. अपराध दर्ज कर सामाजिक भावना से उसकी सहायता की है. पुलिस की वजह से उसकी जान बच पायी.
– प्रदीप चौगावकर,
थानेदार वरुड

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