अमरावती/दि.11– तंबाखू नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत जिला सामान्य अस्पताल में तंबाखू का व्यसन करने वाले लोगों का समुपदेशन किया जाता है. जिसके तहत अप्रैल से दिसंबर 2024 के दौरान 9 माह में 7 हजार 167 लोगों का समुपदेशन किया गया. जिसमें से समुपदेशन करने के उपरान्त 142 लोगों ने तंबाखू के व्यसन को छोड दिया. वहीं समुपदेशन के बावजूद अन्यों द्वारा अब भी तंबाखू का व्यसन किया जा रहा है.
* क्या है तंबाखू नियंत्रण कार्यक्रम
तंबाखू की वजह से स्वास्थ्य पर होने वाले दुष्परिणाम की जानकारी देने के साथ ही तंबाखू नियंत्रण कानून को लेकर जनजागृति करने एवं इस कानून पर अमल करने के लिए तंबाखू नियंत्रण कार्यक्रम चलाया जाता है.
* 7167 लोगों का हुआ समुपदेशन
गत वर्ष पिछले 9 माह के दौरान जिला सामान्य अस्पताल में 7 हजार 167 लोगों का समुपदेशन करते हुए उन्हें तंबाखू के व्यसन की वजह से होने वाले दुष्परिणामों की जानकारी दी गई.
* 142 लोगों ने छोडी तंबाखू
विगत 9 माह के दौरान अमरावती जिले में 142 लोगों ने समुपदेशन के बाद तंबाखू का व्यसन छोड दिया. वहीं शेष लोगों द्वारा समुपदेशन के बावजूद भी तंबाखू का व्यसन करना जारी रखा है.
* कैंसर होने का खतरा
तंबाखू एवं तंबाखूजन्य पदार्थों का सेवन करने की वजह से मुंह, स्वरयंत्र, फुफ्फुस, जठर, अन्ननलिका, मुत्रपिंड, नाक व पेट का कैंसर होने के साथ ही हाई बीपी, मधुमेह, गैंगरिन व मोतियाबिंद जैसी बीमारियां होने का खतरा होता है.
* महिलाओं का प्रमाण सहित
ग्रामीण क्षेत्र में श्रम परिहार के नाम पर पुरुषों की ही तरह महिलाओं द्वारा तंबाखू का जमकर सेवन किया जाता है. जो गर्भाशय मुख के कैंसर होने का कारण बन सकता है.
* 532 शालाएं तंबाखू मुक्त
जिले की सभी शालाओं व महाविद्यालयों में जनजागृति की जा रही है. जिसके चलते अब तक 532 शालाओं को तंबाखू मुक्त कर लिया गया है.
* तंबाखू की वजह से कई जानलेवा बीमारियों को निमंत्रण मिलता है. घर के कर्ता पुरुष का तंबाखू सेवन की वजह से असमय निधन हो जाने के चलते पूरा परिवार बेसहारा हो जाता है. ऐसे में अपने प्रियजनों के भविष्य हेतु सभी ने हर तरह के व्यसन से दूर रहना चाहिए.
– डॉ. दिलीप सौंदले,
जिला शल्य चिकित्सक, अमरावती.