जिले में 147 लोगों ने ‘गृहलक्ष्मी’ के नाम पर खरीदा घर
‘गृहलक्ष्मी’ योजना के तहत मिली एक फीसद की छूट, 38.86 लाख रुपयों का फायदा

अमरावती /दि.9– घर यह केवल चार दीवारों से नहीं बनता बल्कि वह सपनों को साकार करता है और जब यह स्वप्न घर संभालने वाली घर की स्त्री के नाम पर साकार होता है, तब पूरे परिवार का आनंद दोगुना हो जाता है. इसके साथ ही महिला के नाम पर घर बनाने अथवा खरीदने के चलते इसमें गृहलक्ष्मी योजना अंतर्गत एक फीसद की छूट भी मिलती है. जिले में विगत एक साल के दौरान 147 लोगों ने अपनी गृहलक्ष्मी के नाम पर घर खरीदा है. जिसके चलते उन्हें 38.86 लाख रुपयों की छूट मिली है.
बता दें कि, घर की किसी महिला के नाम पर घर बनाने अथवा खरीदने के कई फायदे नागरिकों को मिलते है. एक तो मालिक अथवा संयुक्त मालिक के तौर पर सरकार एवं बैंको के जरिए विविध योजनाओं का लाभ मिलता है. साथ ही महिला के नाम पर घर खरीदने पर कर सहुलियत सहित कई फायदे भी होते है. जिसके चलते कई लोग महिलाओं के नाम पर घर खरीदने को प्राधान्य देते है. हालांकि अब भी इस विषय को लेकर जनजागृति किए जाने की सक्त जरुरत है.
जानकारी के मुताबिक गत वर्ष जिले में 72,070 संपत्तियों का दस्त पंजीयन हुआ. जिसमें से केवल 147 लोगों ने महिलाओं के नाम पर घर खरीदा. यहां यह उल्लेखनीय है कि, यदि केवल महिला खरीददार हो तो ही मुद्रांक शुल्क में एक फीसद की छूट मिलती है. इन दिनों पति-पत्नी दोनों ही नौकरी करते है. जिसके चलते पति-पत्नी के नाम पर घर खरीदी करते हुए ज्यादा से ज्यादा कर्ज हासिल करने का प्रयास किया जाता है. जिसमें आनेवाले समय में और भी अधिक वृद्धि होने की संभावना मुद्रांक शुल्क विभाग द्वारा जताई गई है.
* जिले में सालभर दौरान 72 हजार व्यवहार
जिले में गत वर्ष 72,070 दस्त पंजीयन हुए. जिसमें से 147 दस्त पंजीयन महिलाओं के नाम पर हुए है. कुल दस्त पंजीयनों की तुलना में यह प्रमाण बेहद अत्यल्प है. जिसके चलते माना जा रहा है कि, इस हेतु समाज में और भी व्यापक जनजागृति की जरुरत है.
* मुद्रांक शुल्क में मिलती है एक फीसद की छूट
संपत्ति यदि महिला के नाम पर है, तो मुद्रांक शुल्क में एक फीसद की छूट मिलती है. पुरुष खरेदीदार को 6 फीसद शुल्क अदा करना पडता है. वहीं महिला खरीददार को 5 फीसद शुल्क ही देना होता है.
* कर्ज लेना भी होता है सुलभ
महिलाओं के नाम पर घर की खरीदी करने पर कर्ज मिलने में भी फायदा होता है. संपत्ति किसके नाम पर है, इसकी पडताल बैंक द्वारा की जाती है. ऐसे में यदि महिला भी नौकरीपेशा है तो पति-पत्नी की आय को ग्राह्य मानने हेतु इसका फायदा होता है.
* गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष प्रमाण बढा
गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष महिलाओं के नाम पर दस्त पंजीयन होने का प्रमाण बढ गया है. जिसके जरिए इस वर्ष मुद्रांक शुल्क 38.86 लाख रुपयों की छूट हासिल की गई है. इसके अलावा महिलाओं के नाम पर घर रहने के चलते अन्य करो में भी कुछ हद तक छूट मिलती है.
* महिलाओं के नाम संपत्ति रहने पर मुद्रांक शुल्क में एक फीसद की छूट दी जाती है. विगत आर्थिक वर्ष के दौरान अमरावती जिले में 147 महिला माफी दस्त थे. जिनमें 38.86 लाख रुपयों की छूट दी गई.
– अनिल औतकर
सहजिला निबंधक तथा मुद्रांक जिलाधीश.