शहर में 150 होर्डिंग, आज से गिराने का काम चालू
स्ट्रक्चरल ऑडिट व स्टैबिलिटी सर्टीफिकेट रहना जरुरी
* किसी राजनीतिक दबाव को नहीं सहेगा मनपा प्रशासन
अमरावती/दि.16 – मुंबई के घाटकोपर परिसर में तेज आंधी-तूफान की वजह से पेट्रोल पंप पर गिरे विशालकाय होर्डिंग के नीचे दबकर मरने वालों की संख्या अब 16 पर पहुंच गयी है. साथ ही इस हादसे में करीब 88 लोग घायल हुए थे. इस घटना की वजह से अब समूचे राज्य में अनधिकृत होर्डिंग के खिलाफ कार्रवाई करनी शुरु की गई है. जिसके तहत ऐसी घटना की पुनरावृत्ति को टालने हेतु अमरावती मनपा ने भी सरकारी आदेशानुसार अमरावती मनपा क्षेत्र में लगे अवैध होर्डिंग को हटाने का निर्देश जारी किया है. जिसके तहत आगामी 2-3 दिनों के भीतर अमरावती मनपा क्षेत्र में लगे 150 से अधिक अनधिकृत होर्डिंग को हटाया जाएगा, ऐसी जानकारी सामने आयी है. जिसके तहत आज से ही रवि नगर परिसर में लगे अवैध होर्डिंग को हटाने की कार्रवाई मनपा कर्मचारियों द्वारा करनी शुरु कर दी गई.
इस संदर्भ में अमरावती मनपा के आयुक्त व प्रशासक डॉ. देविदास पवार ने विशेष तौर पर दैनिक अमरावती मंडल को जानकारी देते हुए बताया कि, अमरावती मनपा क्षेत्र अंतर्गत कई स्थानों पर जमीन पर लोहे के ढाचे खडे करे हुए विशालकाय होर्डिंग लगाये गये है, जो की पूरी तरह से अवैध है. ऐसे अवैध होर्डिंग वाले स्थानों में कठोरा नाका, शेगांव नाका, पंचवटी चौक, इर्विन चौक, मालटेकडी परिसर, गल्स हाईस्कूल चौक, बडनेरा रोड, विद्यापीठ रोड जैसे विभिन्न इलाकों में लगे होर्डिंग का समावेश है. इसके अलावा शहर में कई स्थानों पर बडी बडी बिल्डिंगों एवं व्यापारिक संकुलों के उपर भी 100 से अधिक होर्डिंग लगे हुए है. ऐसे सभी होर्डिंग से संबंधित दस्तावेज करीब 2-3 साल पहले मनपा प्रशासन द्वारा मांगे गये थे. लेकिन दस्तावेज मिलने के बाद से लेकर अब तक मनपा प्रशासन द्वारा संबंधितों को कोई अनुमति नहीं दी गई. जिसका सीधा मतलब है कि, बिना अनुमति के लगाये गये होर्डिंग पूरी तरह से अवैध व अनधिकृत है. जिन्हें हटाने के लिए अब मनपा प्रशासन द्वारा तमाम आवश्यक कदम उठाये जा रहे है.
इस संदर्भ में मनपा प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक अब होर्डिंग के लिए स्टैबिलिटी प्रमाणपत्र का रहना आवश्यक किया गया है और यह प्रमाणपत्र नहीं रहने पर अनुमति नहीं रहने की बात ग्राह्य मानते हुए संबंधित होर्डिंग को हटा दिया जाएगा, ताकि मनपा क्षेत्र में नागरिकों की जान के साथ कोई खिलवाड न हो सके और अमरावती मनपा क्षेत्र में घाटकोपर वाली घटना की पुनरावृत्ति न हो, ऐसा इस संदर्भ में जारी किये गये परिपत्रक में कहा गया है. साथ ही मनपा आयुक्त देवीदास पवार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि, होर्डिंग हटाने के काम को लेकर वे किसी भी तरह के राजनीतिक हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करेंगे. साथ ही यदि मनपा कर्मियों की फिलहाल जारी हडताल लंबी चलती है और इस वजह से होर्डिंग हटाने के काम में कर्मचारियों की संख्या कम पडती है, तो ऐसे समय होर्डिंग हटाने के काम हेतु ठेके पर अतिरिक्त मनुष्यबल की नियुक्ति की जाएगी.
* घाटकोपर के बाद चर्चा एवं बैठकों का दौर तेज
विशेष उल्लेखनीय है कि, घाटकोपर में होर्डिंग रहने की घटना से कुछ दिन पहले ही स्थानीय इर्विन चौराहे पर के पास स्थित एक उंची इमारत पर लगा होर्डिंग तेज आंधी-तूफान की वजह से ढहकर नीचे जमीन पर आ गिरा था. सौभाग्य से उस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई थी. जिसके चलते अमरावती मनपा प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और शहर में लगे अवैध और अनधिकृत होर्डिंग को लेकर कोई हलचल भी नहीं हुई. लेकिन जैसे ही घाटकोपर में हुई घटना में 14 लोगों की मौके पर ही जान चली गई और दर्जनों लोग घायल हुए. वैसे ही नगर विकास विभाग की ओर से जारी आदेश को देखते हुए अमरावती मनपा प्रशासन ने भी अवैध होर्डिंग को लेकर चर्चाओं एवं बैठकों का दौर तेज हो गया. साथ ही मनपा आयुक्त व प्रशासक देवीदास पवार ने इसे लेकर दिशा-निर्देश भी जारी किये. जिसमें कहा गया कि, अब से शहर में होर्डिंग के लिए स्टैबिलिटी प्रमाणपत्र बेहद आवश्यक होगा और जिन होर्डिंग हेतु स्टैबिलिटी प्रमाणपत्र नहीं होगा, उन्हें अनधिकृत मानते हुए मनपा प्रशासन द्वारा हटा दिया जाएगा.
* शहर में है 300 से अधिक होर्डिंग
अमरावती शहर में होर्डिंग की संख्या 304 के आसपास रहने की जानकारी मनपा के बाजार परवाना विभाग द्वारा दी गई है. मनपा द्वारा अनधिकृत होर्डिंग को हटाने की कार्रवाई शुरु करते ही संबंधित एजेंसीधारकों ने अपने होर्डिंग को नियमानुकूल करके देने का आवेदन मनपा प्रशासन से किया. इसके चलते होर्डिंग को हटाने की कार्रवाई को रोक दिया गया.
* विगत एक वर्ष से कोई कार्रवाई नहीं
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, अमरावती मनपा क्षेत्र में लगभग प्रत्येक चौक-चौराहों एवं प्रमुख मार्गों पर कुुुकुरमुत्तों की तरह होर्डिंग उग आये है और पूरा शहर ऐसे होर्डिंग पर किये जाने वाले विज्ञापनों से पटा पडा है. लेकिन इसके बावजूद भी मनपा प्रशासन द्वारा विगत एक वर्ष से अवैध व अनधिकृत होर्डिंग को निकालने हेतु कोई कार्रवाई नहीं की गई. यद्यपि अमरावती मनपा ने अनधिकृत होर्डिंग को निकालने के लिए निविदा प्रक्रिया भी चलाई थी. लेकिन उस समय भी 129 मेें से केवल 29 होर्डिंग ही निकाले जा सके थे.
* होर्डिंग से मनपा को नहीं होती कोई आय
उल्लेखनीय है कि, इससे पहले मनपा द्वारा शहर में लगाये जाने वाले होर्डिंग हेतु होर्डिंग लगाने वाली एजेंसियों से एक निर्धारित शुल्क लिया जाता था. वहीं वर्ष 2017 में जीएसटी कर प्रणाली लागू होने के बाद होर्डिंग को भी जीएसटी कर के दायरे में लाया गया. ऐसे में कई एजेंसीधारक मनपा के शुल्क व सरकार द्वारा लिये जाने वाले जीएसटी के खिलाफ अदालत में चले गये. तब से मनपा को शहर में लगने वाले होर्डिंग से एक नये पैसे की भी आय नहीं होती. वहीं दूसरी ओर शहर में जगह-जगह नियमबाह्य व बेतरतीब तरीके से लगाये जाने वाले होर्डिंग की वजह से शहर का विद्रुकीकरण होता है. जिसके लिए लोगबाग मनपा को ही जिम्मेदार ठहराते है. साथ ही यदि अमरावती में भी घाटकोपर की तरह होर्डिंग ढह जाने की वजह से कोई हादसा घटित होता है, तो उसका ठिकरा भी मनपा प्रशासन पर ही फूटेगा.
* एफआईआर नहीं होने से नहीं हटाये जा सके होर्डिंग
विशेष उल्लेखनीय है कि, गत वर्ष मनपा प्रशासन द्वारा शहर में लगे रहने वाले अवैध होर्डिंग के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी. परंतु शिकायत में उल्लेखीत मुद्दे एफआईआर दर्ज करने हेतु पर्याप्त नहीं रहने के चलते उस समय संबंधितों के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज नहीं हो पाया था. जिसकी वजह से सितंबर 2023 से अमरावती मनपा क्षेत्र में अवैध होर्डिंग के खिलाफ कार्रवाई रुकी पडी थी. परंतु अब घाटकोपर में हुई घटना के चलते अमरावती मनपा प्रशासन ने शहर में लगे रहने वाले अवैध होर्डिंग को हटाने हेतु अपनी गतिविधियों को तेज कर दिया है. बता दें कि, गत वर्ष ही 93 से अधिक इमारतों पर रहने वाली अनधिकृत होर्डिंग को लेकर सिटी कोतवाली व राजापेठ पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी. परंतु पुलिस ने इसे मनपा की कार्रवाई का हिस्सा बताते हुए ऐसे मामलों में एफआईआर दर्ज कराने से इंकार कर दिया था.
* विज्ञापन तुम्हारा, जान जाये हमारी
बता दें कि, शहर के प्रमुख चौक-चौराहों एवं व्यापारिक क्षेत्र में दूर से दिखाई देने वाले स्थानों पर कई विज्ञापन एजेंसियों द्वारा अपने बडे-बडे होर्डिंग लगाये जाते है. जिन पर विशालकाय फ्लैक्स लगाकर कई कंपनियों, आस्थापनाओं व फुटपाथों का विज्ञापन किया जाता है. यह अपने आप में लाखो-करोडो रुपयों का खेल है. लेकिन कई बार ऐसे विशालकाय होर्डिंग के ढह जाने की वजह से इस खेल से कोई लेना-देना नहीं रहने वाले आम बेकसुर लोगों की जान चली जाती है. इससे पहले ऐसे कई हादसे घटित हो चुके है. लेकिन इसके बावजूद भी ऐसे अवैध होर्डिंग की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है और हर बार कोई घटना घटित होने के बाद लिपापोती करने की तरह कार्रवाई की जाती है. जिसके चलते आम जनता द्वारा अब यह कहा जाने लगा है कि, विज्ञापन किसी और का, पैसे कमाये कोई ओर तथा जान जाये आम जनता की.
* होर्डिंग नीति तो है, पर कानून नहीं, तो शिक्षा का प्रावधान नहीं
बता दें कि, राज्य सरकार के नगर विकास विभाग ने वर्ष 2022 में होर्डिंग को लेकर नीति तो तय की थी. परंतु उसका कानून में रुपांतरण नहीं हो पाने की वजह से इस नीति को लेकर स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं पर कोई अनिवार्यता नहीं की जा सकती. होर्डिंग नीति को कडाई से अमल में लाने हेतु राज्य सरकार ने यदि इसे विधान मंडल के दोनों सदनों में रखा होता और इसे मंजूरी दिलाई होती, तो आगे चलकर राज्यपाल की सहमति से इसे कानून में रुपांतरीत किया जा सकता था. परंतु इस समय होर्डिंग को लेकर कोई भी कानून नहीं रहने के चलते नीति में किये गये प्रावधानों पर अमल करना कानूनी रुप से अनिवार्य व बंधनकारक नहीं होता. इसी तरह नीति में उल्लेखीत नियमों व शर्तों पर अमल करना संबंधित स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं तथा होर्डिंग लगाने वाली एजेंसियों के लिए कानूनी रुप से अनिवार्य नहीं है. इसके अलावा अनधिकृत होर्डिंग लगाये जाने पर उसे हटाया तो जाता है, लेकिन अवैध होर्डिंग लगाये जाने के लिए संबंधितों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती. साथ ही कानून ही नहीं रहने की वजह से ऐसे लोगोें के खिलाफ किसी सजा का भी कोई प्रावधान नहीं है.
इसके अलावा प्रत्येक स्थानीय स्वायत्त संस्था द्वारा अपनी मर्जी और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के दबाव के मुताबिक अपने कार्यक्षेत्र हेतु नीति तय की जाती है. जिसकी वजह से स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं की होर्डिंग नीति में कहीं पर भी एक सूत्रता दिखाई नहीं देती. ऐसे में बेहद जरुरी है कि, नगर विकास विभाग सहित ग्रामविकास विभाग द्वारा भी इसे लेकर पूरे राज्य के लिए एकसमान नीति अपनाई जाये.
* अवैध व अनधिकृत होर्डिंग को लेकर मनपा आयुक्त ने गत रोज ही एक आपात बैठक बुलाई थी. साथ ही इस विषय को लेकर पुलिस आयुक्तालय में भी बैठक हुई. जिसके चलते अमरावती शहर के विभिन्न इलाकों में लगे अनधिकृत होर्डिंग को हटाने की कार्रवाई आगामी दो दिनों में शुरु हो जाएगी.
– उदय चव्हाण,
अधीक्षक, बाजार परवाना,
अमरावती मनपा
* मनपा क्षेत्र में लगे अवैध होर्डिंग को हटाने हेतु राज्य के नगरविकास विभाग की ओर से जारी आदेश पर कडाई से अमल किया जा रहा है. इसके तहत आज से शहर में अवैध होर्डिंग को हटाने की कार्रवाई शुरु की गई और रवि नगर परिसर में लगे कुछ अवैध होर्डिंग को हटाया गया. यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी और इस कार्रवाई में किसी भी तरह के राजनीतिक हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं किया जाएगा. साथ ही जरुरत पडने पर अतिरिक्त मनुष्यबल की भी ठेके पर नियुक्ति की जाएगी.
– डॉ. देवीदास पवार,
आयुक्त व प्रशासक,
अमरावती मनपा.