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लम्पी से जिले में 1523 मवेशी की मौत

क्षतिपूर्ति सिर्फ 369 पशु मालिकों को

अमरावती/दि.3 – लम्पी चर्मरोग के प्रकोप से जिले में अब तक 1523 मवेशी की जान चली गई. परंतु प्रत्यक्ष में 369 पशुपालकों को ही क्षतिपूर्ति दी गई है. शेष 1154 पशु पालक प्रस्ताव भेजने पर भी क्षतिपूर्ति से अब तक वंचित है. यह भी उल्लेखनीय है कि, 250 पशु धन की तबीयत अभी भी गंभीर बनी हुई है. जिससे पशु पालक चिंताग्रस्त नजर आ रहे है. पशु पालकों ने मुआवजे की राशि जल्द से जल्द देने की मांग की है.
* ऐसी है मुआवजा राशि
जिला पशु संवर्धन विभाग की तरफ से बताया गया कि, लम्पी से मृत जानवर की क्षतिपूर्ति के लिए सरकार ने निधि मंजूर की है. दुधारु पशु के लिए 30 हजार, बैल के लिए 25 हजार और छोटे जानवर हेतु 16 हजार रुपए मुआवजा दिया जा रहा है. अब तक 369 पशु पालकों को 97 लाख रुपए का वितरण किया गया है. अन्य 1 हजार से अधिक पशुओं की मृत्यु के बारे में कागजी कार्रवाई कर निधि हेतु प्रस्ताव भेजा गया है.
* उपायुक्त कावरे का कहना
इस बारे में जिला पशु संवर्धन उपायुक्त संजय कावरे ने बताया कि, संभाग में लम्पी चर्मरोग के कारण जिला दुसरे नंबर पर सर्वाधिक प्रभावित है. 1523 पशु धन की मृत्यु हो गई है. सरपंच और पटवारी ने पंचनामें किये है. क्षतिपूर्ति के लिए प्रस्ताव सरकार को भेजा है. अभी तक 369 पशु पालकों को सहायता पहुंच गई है.
* अभी भी 250 पशु गंभीर
जिले में 287 गांवों में लम्पी रोग फैला था. 23649 पशुओं को लम्पी से ग्रस्त पाया गया. 15211 पशु लम्पी से ठीक हो गये. 6915 पशुओं का अब भी उपचार शुरु है. 250 पशु अतिगंभीर अवस्था में होने की जानकारी अधिकृत सूत्रों ने दी. उसी प्रकार बताया गया कि, 4 लाख 10 हजार पशुओं का टीकाकरण हो गया है. उधर लम्पी के कारण हुए पशु धन की भारी हानि की वजह से पशु पालक चिंतित है. ऐसे ही शालिकराम भोजने ने बडी नाराजगी जाहीर की है. उनका कहना है कि, पशु पालकों को सबसे पहले मदद दी जानी चाहिए.

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