इलेक्शन ड्यूटी ’ टालने 1549 कर्मियों ने किए थे आवेदन
539 आवेदन मंजूर : 1010 को आवेदन के बाद भी रहना पडा ड्यूटी पर
अमरावती/ दि. 29-सरकारी नौकरी पाने के लिए हर कोई प्रयास करता है. सरकारी नौकरी लगने तक वह कोई भी काम करने की इच्छा दर्शाता है. किंतु नौकरी मिलते ही उसके तेवर बदल जाते हैे. खासकर यह सरकारी कर्मचारी चुनावी ड्यूटी को कोई न कोई बहाना कर टालने की कोशिश करते है. हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में अपनी ड्यूटी को टालने के लिए 1549 कर्मचारियों ने आवेदन दिए थे. जिसमें संबंधित प्रशासन द्बारा 539 आवेदन मंजूर किए. आवेदन देने के पश्चात भी 1010 कर्मियोें को चुनावी ड्यूटी पर उपस्थित रहना पडा.
चुनावी ड्यूटी टालने के लिए दिए गये आवेदनों में कर्मचारियों ने अफलातून कारण बताए. विधानसभा चुनाव के बाद शनिवार 23 नवंबर को मतगणना थी. इसके पहले ही अनेक कर्मचारियों ने अपनी ड्यूटी को टालने के लिए आवेदन दिए. जिसमें कई कारण हास्यास्पद थे. कुछ कर्मचारियों ने अपनी ड्यूटी ईमानदारी से निभाई. कुछ कर्मचारियों ने शुगर तो कुछ कर्मचारियों ने बीपी का बहाना बनाया तो कुछ ने पत्नी की बीमारी, तो कुछ ने माता-पिता के बीमार रहने का तो कुछ कर्मचारियों ने भाई की शादी, भांजे की शादी, भतीजे की शादी, बेटी की शादी आदि कारण बताकर चुनावी ड्यूटी से दूर रहे.
* दिव्यांग, स्तनदा, गर्भवती माताओं को दी गई विशेष छूट
स्तनदा माता, गर्भवती माता व विकलांगों को चुनावी ड्यूटी से दूर रखने की सूचना दी गई थी. जिसके अनुसार इन कर्मचारियों को विशेष छूट दी गई. जिसकी वजह से इन कर्मचारियों को विशेष सहूलियत प्राप्त हुई. जिले में 8, विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव के लिए 8 हजार 719 अधिकारी- कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी. जिसमें अधिकांश कर्मचारियों ने चुनाव ड्यूटी पर जाने से मना किया. अनेक कर्मचारियों ने नियोजित पोलिंग स्थल पर न जाने की बात कही. चुनाव निर्णय अधिकारी ने उन्हें ड्यूटी पर जाने की सूचना दी और कुछ कर्मचारियोें को नोटिस भी जारी की.