अमरावती

15 वें वित्त आयोग की निधी रही अखर्चित

केंद्र से करोडों की मदद मिलने पर भी प्रशासन सुस्त

अमरावती-/दि.12  ग्राम पंचायतों को आर्थिक रूप से मजबुत बनाने के साथ ही गांवों के मुलभूत विकास के लिए केंद्र सरकार द्वारा 15 वें वित्त आयोग के तहत करोडों रूपये की निधी उपलब्ध कराई जा रही है. परंतु अधिकांश ग्राम पंचायतों द्वारा इस निधी का समय रहते उपयोग नहीं किया जा रहा. जिसकी वजह से यह निधी अखर्चित रही है. ऐसे में आगामी निधी में कटौती होनी की पूरी संभावना है.
बता दें कि, अमरावती जिले में कुल 841 ग्रामपंचायतें है. जिले के प्रत्येक गांव में रास्ते, पानी व स्वच्छता जैसी मुलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो, इस हेतु केंद्र सरकार द्वारा बंधित व अबंधित ऐसे दो प्रकार से अनुमान दिया जाता है, ताकि गांव का विकास होने में सहायता मिल सके. इससे पहले पर्याप्त प्रमाण में निधी उपलब्ध नहीं होने की वजह से विकास कार्य प्रलंबीत पडे रहते थे और नागरिकों को विविध समस्याओं व दिक्कतोें का सामना करना पडता था. परंतु अब विकास कामों हेतु भरपूर निधी उपलब्ध कराये जाने के बावजूद भी स्थानीय प्रशासन की उदासिनता के चलते गांववासियों को मुलभूत सुविधाओं से वंचित रहते हुए विविध समस्याओें व दिक्कतों का सामना करना पडता है.

ग्राम पंचायतों को मिली 144 करोड 81 लाख रूपयोें की निधी
जिले की 541 ग्रामपंचायतों को बंधित व अबंधित अंतर्गत वर्ष 2021-22 तक कुल 144 करोड 81 लाख 60 हजार रूपये की निधी प्राप्त हुई है. ऐसे में अब ग्राम पंचायतों द्वारा खुद के तैयार किये गये प्रारूप के अनुसार इस उपलब्ध निधी का प्रयोग करना आवश्यक है. जिले की सभी ग्रामपंचायतों द्वारा अब तक औसत 60 फीसद निधी खर्च की गई है.

62 ग्रापं में 31 फीसद निधी खर्च
जिले की 841 में से 62 ग्रामपंचायतों द्वारा अब तक उपलब्ध निधी में से केवल 30.45 फीसद निधी को ही खर्च किया गया है. जिले की 14 में से केवल 1 तहसील ही खर्च के मामले में सबसे पीछे रहने की बात उपलब्ध आंकडों से दिखाई देती है.

184 ग्रापं का खर्च 45 फीसद
15 वे वित्त आयोग के तहत वर्ष 2020-21 में 84 ग्रामपंचायतों द्वारा विविध विकास कामों पर केवल 45 फीसद निधी को ही खर्च किया गया. जिसके चलते 55 फीसद निधी को खर्च करने की चुनौती सामने है.

595 ग्रापं में 60 फीसद से अधिक खर्च
जिले में 595 ग्राम पंचायतों द्वारा वित्त आयोग की निधी में से 60 से 75 फीसद तक खर्च किया गया है. वहीं शेष निधी को भी निर्धारित प्रारूप और नियमानुसार खर्च करने की कार्रवाई शुरू है.

निधी खर्च करने में क्या है दिक्कत?
कुछ सरपंचों के मुताबिक गांव में विकास काम को पूरा किये हुए चार-पांच महिने हो चुके है. लेकिन समय पर निधी उपलब्ध नहीं होती. समय के भीतर काम करने के बाद भी कामों पर हुए खर्च का भूगतान समय पर नहीं मिलता. 15 वें वित्त आयोग के तहत गांव में किये गये विकास कामोें के बिल ऑनलाईन अपलोड कर दिये गये है. लेकिन अनुदान मिलने में विलंब होने के चलते ग्राम पंचायतों को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पडता है.

सरपंचों व ग्रामसेवकों को दी जायेगी नोटीस
निधी का प्रयोग कम करनेवाली ग्रामपंचायतोें को इस संदर्भ में आवश्यक निर्देश दिये जाते है. इसके बावजूद भी इसमें कोई प्रगति नहीं दिखाई देने पर ऐसी ग्रामपंचायतों को कारण बताओ नोटीस जारी की जाती है. आयोग द्वारा तय किये गये समय के भीतर इस निधी को नियमानुसार खर्च करना अपेक्षित होता है और इसमें नाकाम व असफल रहनेवाली ग्रामपंचायतों को सरपंचों व ग्रामसेवकों को नोटीस जारी किया जाना अपेक्षित होता है.

सन 2021-22 के प्रारूप अनुसार सभी ग्रामपंचायतोें को उपलब्ध निधी का प्रयोग करना आवश्यक है. जिसके चलते तय किये गये समय के भीतर सरकारी निर्णयानुसार निधी खर्च की जानी चाहिए. जिले में निधी का खर्च समाधानकारक है. साथ ही कामों की गति बढाने के लिए भी प्रयास किया जा रहा है.
– गिरीश धायबुडे
उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी, ग्राम पंचायत विभाग, जिला परिषद

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