जिले में 16 किसानों के वारिसों को 32 लाख की मदद
गोपीनाथ मुंडे दुर्घटना बीमा योजना अंतर्गत 105 आवेदन प्रक्रिया में
अमरावती/ दि. 5– विविध अस्पतालों में किसानों की मौत होने के पश्चात उनके वारिसों को गोपीनाथ मुंडे दुर्घटना बीमा योजना द्बारा बदल की जा रही है. योजना में मार्च माह के अंत तक 16 किसानों के वारिसों को 32 लाख रूपये की आर्थिक मदद दी गई. इसके अलावा 105 आवेदन कंपनी स्तर पर प्रलंबित है. ऐसी जानकारी कृषि विभाग द्बारा दी गई.
राज्य के सभी खातेदार किसान व किसान परिवार के किसी भी 10 से 75 आयु गुट के कोई भी एक व्यक्ति इस प्रकार से दो लोगों को इस योजना का लाभ मिलता है. योजना की व्यापकता बढने की वजह से इसमें दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की पत्नी, पति, अविवाहित बेटी दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की मां, बेटा, पिता यह कानून वारिस है और इन्हें इस योजना का लाभ दिया जाता है.
2021 में दाखिल प्रस्ताव
वाहन दुर्घटना 52
बिजली का शॉक 17
सर्पदंश 14
डूबने से 18
गाज गिरने से 02
दीवार गिरने से 06
विष बाधा से 04
रेल्वे दुर्घटना 02
105 प्रस्ताव प्रलंबित
* अमरावती उपविभाग में 35 प्रस्ताव कंपनी स्तर पर प्रलंबित है और 6 प्रस्ताव मंजूर किए गये है.
* मोर्शी उपविभाग में कंपनी स्तर पर 30 प्रस्ताव प्रलंबित है और 5 प्रस्ताव मंजूर किए गये है.
सडक दुर्घटना में सर्वाधिक मौत
सर्वाधिक मौत के मामले सडक दुर्घटना के है. जिसमें कंपनी को 52 प्रस्ताव कृषि विभाग द्बारा भिजवाए गये है. पानी में डूबने के 18 व इलेक्ट्रीक शॉक लगने से 17 लोगों की मौत हुई है.
किसे कितनी मिलती मदद ?
किसान दुर्घटना में आंख, दोनों या एक हाथ, एक पैर, खराब हो जाने पर दो लाख रूपये की मदद मिलती है.
किसानों के वारिसों को दो लाख रूपये तक मदद
इस योजना में किसान की मौत होने पर उसके वारिस को दो लाख रूपये की मदद दी जाती है और एक अवयव खराब होने पर भी उसे आर्थिक मदद दी जाती है.
अनिल खर्चान,
जिला अधीक्षक, कृषि विभाग