* मनपा की तिजोरी खाली, फिर भी कार्रवाई झीरो
अमरावती/दि. 14 – महापालिका पहले ही आर्थिक रुप से डावाडौल है. फिर भी शहर के लगभग 1600 संपत्तिधारक कई वर्षों से 29 करोड का टैक्स का भुगतान नहीं कर रहे हैं. इन बकायादारों पर मनपा कोई कार्रवाई भी नहीं कर रही, इस प्रकार का आरोप किया जा रहा है. इस बीच मनपा पर व्यवस्था संचालन का बोझ बढ रहा है. उसे ठेकेदारों के बिलों का भुगतान करना भी मुश्कील हो रखा है.
* आधा बीता आर्थिक वर्ष
मनपा का कामकाज प्रशासक भरोसे चल रहा है. आर्थिक वर्ष की बात करें तो 6 माह बीत चुके है. उसकी आमदनी का सबसे बडा जरीया संपत्ति कर माना जाता है. ऐसे में वसूली लगभग ठप हो रखी है. संपत्ति कर के रेट को लेकर भी बडी कश्मकश रही. आखिर राज्य शासन ने पुरानी दर कायम रखी. जिसके बाद पिछले माह से नई नोटिसेस जारी करना शुरु है.
* 1600 परिसंपत्तियों का मामला
1600 संपत्तियों का मामला 10-15 वर्षों से प्रलंबित है. इनसे मनपा को 29 करोड की आय अपेक्षित है. संपत्तिधारक कथित रुप से मनपा का टैक्स भुगतान करने में दिलचस्पी नहीं ले रहे है. प्रशासन भी उन पर कार्रवाई करने से न जाने क्यों कथित रुप से बच रहा है. दूसरी ओर छोटे संपत्तिधारकों पर मनपा कार्रवाई का भय बताती है.
* 55 हजार संपत्तियों पर टैक्स नहीं
मनपा ने संपत्ति कर से आमदनी बढाने के लिए काफी कवायत की. उसने निजी कंपनी को नियुक्त कर परिसंपत्तियों का सर्वेक्षण करवाया. जिससे उनके निर्माण में किए गए बदल और अन्य कारणों से टैक्स कलेक्शन बढने की संभावना हो गई थी. चालू वित्त वर्ष के पहले तीन माह में 40 करोड का कर संग्रह भी हो गया था. जिससे दिवाली तक 70 करोड जमा होने की संभावना हुई थी. इस बीच नई रेट पर रोक लगाकर पुरानी दरों पर संपत्ति कर की नोटिसेस भेजी गई है. उधर 1600 संपत्तियों का मुद्दा अधर में है. उन पर अधिकारी वर्ग कब कडी कार्रवाई करेगा, वसूली करेगा, यह सवाल मनपा गलियारे में ही उछाला जा रहा है.