अमरावती

फसल अनुदान के लिए 168.09 करोड की जरूरत

प्रशासन द्वारा प्रचलित दर से 114 करोड रूपयों का सरकार को भेजा गया प्रस्ताव

अमरावती/दि.20 – जिले में अगस्त व सितंबर माह के दौरान हुई मुसलाधार बारिश व अतिवृष्टि के चलते सिंचित व असिंचित खेतों तथा फल बागानोंवाले क्षेत्रों में 1,64,999.85 हेक्टेयर क्षेत्र में 33 फीसद से अधिक नुकसान हुआ है. जिसके लिए सरकार द्वारा वृध्दिंगत दर से अनुदान देने की घोषणा की गई है. ऐसे में जिले के 1 लाख 81 हजार 239 किसानों को सहायता देने हेतु 168.09 करोड रूपयों के अनुदान की जरूरत है. किंतु जिला प्रशासन ने प्रचलित दर के अनुसार केवल 114.53 करोड रूपयों का प्रस्ताव ही सरकार के पास भेजा है.
ज्ञात रहे कि, अगस्त व सितंबर इन दो माह के दौरान फसलों का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ है. जिसके संयुक्त सर्वेक्षण के बाद संयुक्त रिपोर्ट मंगलवार को तैयार की गई. इन दो माह के दौरान हुए नुकसान के लिए असिंचित क्षेत्र हेतु 10 हजार रूपये, सिंचित क्षेत्र हेतु 15 हजार रूपये व फलबागान हेतु 25 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर की सहायता अधिकतम दो हेक्टेयर क्षेत्र के लिए दिये जाने का निर्णय मंत्रिमंडल की बैठक में 13 अक्तूबर को हुआ था. इस वृध्दिंगत दर के हिसाब से जिले में असिंचित क्षेत्र के 1,62,887.04 हेक्टेयर हेतु 1,79,259 किसानों को 162 करोड 88 लाख 70 हजार 400 रूपये, सिंचित क्षेत्र के लिए 76.66 हेक्टेयर हेतु 113 किसानों को 11 लाख 49 हजार 900 रूपये तथा फलबागान के 2,036.15 हेक्टेयर क्षेत्र हेतु 1,876 किसानों को 5 करोड 9 लाख 3 हजार 750 रूपयों के अनुदान की आवश्यकता है. किंतु वृध्दिंगत दरों से सहायता दिये जाने का निर्णय होने के बावजूद इसे लेकर सरकारी अध्यादेश अब तक जिला प्रशासन को प्राप्त नहीं हुआ है. ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा एसडीआरएफ की प्रचलित दरों के हिसाब से ही अनुदान की मांग की गई है. ऐसा जिला प्रशासन की ओर से बताया गया है.

  • फिलहाल एसडीआरएफ की प्रचलित दरों से ही अनुदान की मांग विभागीय आयुक्त के पास की गई है. वृध्दिंगत दरों से अनुदान का सरकारी निर्णय प्राप्त होते ही उस अनुसार अनुदान की मांग की जायेगी.
    – आशिष बिजवल
    निवासी उपजिलाधिकारी

किस क्षेत्र के लिए कितना अनुदान मांगा गया

– असिंचित क्षेत्र के लिए 110 करोड 76 लाख 31 हजार 872 रूपये
– सिंचित क्षेत्र के लिए 10 लाख 34 हजार 910 रूपये
– फलबागान क्षेत्र के लिए 3 करोड 66 लाख 50 हजार 700 रूपये
– तीनों क्षेत्रों के लिए मांगा गया कुल अनुदान 114 करोड 53 लाख 17 हजार 482 रूपये

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