17.40 लाख कृषिपंप बकायादर किसानों ने भरे बिजली बिल के 2100 करोड़ रुपए
नये कृषि बिजली नियोजन को किसानों का उत्तम प्रतिसाद
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गांव में बिजली की सुविधा हेतु 1400 करोड़ की निधि उपलब्ध
अमरावती/दि.22 – नये कृषि बिजली नियोजन 2020 और राज्य के ऊर्जामंत्री डॉ. नितीन राऊत द्वारा किए गए आव्हान को उत्तम प्रतिसाद मिलने के साथ ही गत 12 महीनों में 17 लाख 40 हजार कृषि पंप बकायादर ग्राहकों ने 2100 करोड़ रुपए बिजली बिल भरा है. वसूल हुई रकम में से 1 हजार 400 करोड़ रुपए कृषि पंप ग्राहकों केसाथ गांव शिवार में बिजली की सुविधा निर्माण करने के लिए व बिजली के काम करने हेतु इस्तेमाल की जा रही है.
मार्च 2014 आखिर में कृषि बिजली बिल का बकाया 14 हजार 154 करोड़ रुपए था. वह विगत सरकार के कार्यकाल में 40 हजार 195 करोड़ रुपए हुए. कुल 44 लाख 50 हजार ग्राहकों पर अक्तूबर 2020 आखिर तक यह बकाया 45 हजार 804 करोड़ रुपए हो गई थी. कृषि पंप बिजली बिल के बकाया के कारण नये कृषि पंप बिजली कनेक्शन देने के लिए सुविधा निर्माण करने हेतु निधी उपलब्ध होने से किसानों को दिलासा मिलने के साथ ही बिजली कनेक्शन दिए जा रहे हैं.
नये कृषि बिजली नियोजन अंतर्गत महाविकास आघाड़ी सरकार ने निर्लेखन द्वारा करीबन 10 हजार 428 करोड़ रुपए की छूट किसानों को दी है. वहीं 4 हजार 676 करोड़ रुपए विलंब शुल्क व ब्याज में छूट दी है. इसलिए कृषि बिजली नियोजन अंतर्गत कुल सुधारित बकाया 30 हजार 707 करोड़ रुपए हुए हैं व चालू बिल का बकाया 7 हजार 489 करोड़ रुपए है. इस नियोजन के अनुसार मार्च 2022 तक सुधारित बकाया की 50 प्रतिशत रकम ग्राहकों द्वारा भरने पर शेष 50 प्रतिशत रकम माफ की जाएगी. वहीं अप्रैल 2023 से मार्च 2024 दरमियान सुधारित बकाया पर 30 प्रतिशत छूट व अप्रैल 2024 से मार्च 2025 दरमियान भरने पर सुधारित बकाया पर 20 प्रतिशत छूट दी जाएगी.
नये कृषि बिजली नियोजन को प्रतिसाद देते हुए आज तक 2100 करोड़ रुपए किसानों ने भरे हैं. इनमें से 1400करोड़ रुपए आकस्मिक निधी के रुप में ग्रामीण भाग में बिजली की आधारभूत सुविधा निर्माण करने हेतु इस्तेमाल किए जा रहे हैं. खासतौर पर यह आकस्मिक निधि का इस्तेमाल ग्रामीण भाग में बिजली वाहिनी व रोहित्रा निर्माण के साथ ही स्थातपित रोहित्रा की क्षमता बढ़ाने के लिए किया जाएगा. इस योजना के अंतर्गत कृषि ग्राहकों से वसूल हुई रकम ग्रामीण भाग में बिजली सुविधा व सेवा सुधारने के लिए 33 प्रतिशत रकम ग्रामपंचायत क्षेत्र में, 33 प्रतिशत संबंधित जिले में खर्च की जाएगी. नय व नीकरणीय ऊर्जा स्त्रोत के महत्व को ध्यान में रखते हुए आगामी पांच वर्षों में 17 हजार 360 मेगावॅट बिजली निर्मिती विविध अपारंपारिक ऊर्जास्त्रोत से करने का उद्दिष्ट अपारंपारिक ऊर्जा नियोजन द्वारा किया गया है. इसलिए सौर ऊर्जा का इस्तेमाल कर किसानों को बिजली आपूर्ति की जाएगी. इस योजना को मिल रहा प्रतिसाद लगातार बढ़ने के सात ही बकाया भरने वाले किसानों के साथ उन उन भागों की जनता व जनप्रतिनिधियों का डॉ. राऊत ने आभार माना है. वहीं सभी बकायादार किसानों से इस योजना का लाभ ले बकाया मुक्त होने का आवाहन भी उन्होंने किया है.